कोरोना महामारी के संकट के देखते हुए केंद्र सरकार ने सीबीएसई बोर्ड की 12 वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है। इस बारे में फ़ैसला लेने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शिक्षा विभाग के आला अफ़सर भी शामिल रहे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फ़ैसला छात्रों के हित में लिया गया है और उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
इसके साथ ही आईसीएससी बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि रिजल्ट को लेकर अंतिम फ़ैसला अभी लिया जाना बाकी है।
कोरोना संक्रमण को लेकर जो हालात बन रहे थे, उनमें लगभग सभी राज्य सरकारों की ओर से केंद्र सरकार से कहा गया था कि वह इस बार 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दे। माता-पिता भी नहीं चाहते थे कि कोरोना संक्रमण के इस वक़्त में बच्चों को घर से बाहर परीक्षा देने भेजा जाए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही यह फ़ैसला लिया गया है।
10वीं की परीक्षा भी हुई थी रद्द
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जब संक्रमण बहुत ज़्यादा था तो 14 अप्रैल को सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और तब 12वीं की परीक्षा को स्थगित किया गया था। तब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर वर्चुअल बैठक हुई थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 10वीं कक्षा का रिजल्ट ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर तैयार किया जाएगा और इस क्राइटेरिया को सीबीएसई का बोर्ड तैयार करेगा। अगर कोई छात्र इस क्राइटेरिया के आधार पर दिए गए नंबरों से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे परीक्षाओं के लायक हालात बनने पर परीक्षा में बैठने का मौक़ा दिया जाएगा।