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चुनावी घमासान के बीच ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी को सीबीआई का समन

चुनावी घमासान के बीच ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी को सीबीआई का समन

सीबीआई ने आई कोर कंपनी के पोंजी घोटाला मामले में ममता बनर्जी सरकार में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को समन भेजा है। 

सीबीआई ने आई कोर कंपनी के पोंजी घोटाला मामले में ममता बनर्जी सरकार में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को समन भेजा है। चटर्जी टीएमसी के महासचिव भी हैं। सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने चटर्जी से अगले हफ़्ते कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित ऑफ़िस में पेश होने के लिए कहा है। 

हालांकि चटर्जी ने कहा है कि उन्हें अब तक सीबीआई की ओर से कोई समन नहीं मिला है। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें बुलाया जाएगा तो वे ज़रूर जाएंगे। चटर्जी आई कोर कंपनी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में दिखाई दिए थे। आई कोर कंपनी पर आरोप है कि उसने निवेशकों को बड़े रिटर्न का झांसा देकर ठग लिया। 

रूजिरा बनर्जी से हुई थी पूछताछ 

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बीच ही सीबीआई लगातार टीएमसी नेताओं को समन भेज रही है। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी को सीबीआई ने कोयला घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा था और उनसे पूछताछ भी की थी। 

मोदी सरकार पर यह आरोप अब आम हो चुके हैं कि वह सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों को विरोधी दलों के नेताओं के वहां छापेमारी करने भेजती है। विशेषकर ऐसे राज्यों में जहां चुनाव होने वाले होते हैं या फिर जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करना होता है वहां इन एजेंसियों की सक्रियता बढ़ जाती है। 

वर्षा राउत को समन 

बीते साल दिसंबर में शिव सेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को ईडी ने पंजाब-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाया था। वर्षा राउत को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर महाराष्ट्र की सियासत में तूफान खड़ा हो गया था। महा विकास अघाडी सरकार में शामिल तीनों दलों का कहना था कि ऐसी कार्रवाइयों का मकसद विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना है। 

किसान नेता निशाने पर रहे 

दिल्ली के बॉर्डर्स पर चल रहे किसान आंदोलन में भी केंद्रीय एजेंसियों ने किसान नेताओं और आंदोलन का समर्थन करने वालों पर शिकंजा कसा। आढ़तियों, पंजाबी गायकों, लेखकों, पत्रकारों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक को ईडी, इनकम टैक्स और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नोटिस गए। इसके अलावा पत्रकारों, आलोचकों की आवाज़ को दबाने के मक़सद से भी एजेंसियों पर सरकार के इशारे पर छापेमारी करने के आरोप लगते रहे हैं। 

चुनाव से पहले जांच एजेंसियों का विपक्षी नेताओं या उनके रिश्तेदारों को समन भेजने का यह काम बंगाल चुनाव में पार्थ चटर्जी और रूजिरा बनर्जी के घटनाक्रम से तेज़ होता दिख रहा है। बंगाल के चुनावी घमासान में बीजेपी और टीएमसी के बीच सीधा मुक़ाबला है, ऐसे में कहीं जांच एजेंसियों के जरिये टीएमसी नेताओं पर दबाव बनाने की कोशिश के तहत तो उन्हें समन नहीं भेजे जा रहे हैं। 

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