+
लालू यादव के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, नया केस दर्ज

लालू यादव के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी, नया केस दर्ज

विपक्ष आरोप लगाता है कि जांच एजेंसियां केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाती हैं? क्या इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है? 

सीबीआई ने शुक्रवार को आरजेडी प्रमुख लालू यादव के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में की गई है। जांच एजेंसी ने लालू यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ नया मुकदमा भी दर्ज किया है। यह मुकदमा नौकरी के बदले में जमीन या प्लॉट लेने के मामले में दर्ज किया गया है। 

लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के बिहार और दिल्ली में स्थित कई ठिकानों पर यह छापेमारी की गई है। 

यह मामला तब का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस वक्त कई उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरियां दी गई थीं। यह आरोप है कि तब लालू यादव के परिवार से जुड़ी कंपनियों ने बिहार के कई हिस्सों में कई संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया था। 

सीबीआई को इस मामले में कुछ उम्मीदवारों की गवाही भी मिली है। सीबीआई ने इस मामले में शुरुआती जांच की थी और अब एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही लालू यादव चारा जमानत घोटाले में जेल से बाहर आए हैं।

आरजेडी ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

बता दें कि बीते दिनों ही पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे व सांसद कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की थी।

एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल?

विपक्ष यह आरोप लगाता है कि सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियां विपक्षी नेताओं, उनके रिश्तेदारों, करीबियों को समन भेजने या उनके घरों-दफ़्तरों में छापेमारी का काम मोदी सरकार के निर्देश पर करती हैं। 

बीते दिनों में महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद संजय राउत व उनके करीबियों के खिलाफ एजेंसियों की कार्रवाई, एनसीपी के बड़े नेताओं पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में काफी बवाल हो चुका है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें