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जेईई-मेन्स परीक्षा में गड़बड़ी: CBI हिरासत में रूसी नागरिक

जेईई-मेन्स परीक्षा में गड़बड़ी: CBI हिरासत में रूसी नागरिक

जेईई-मेन्स परीक्षा में कथित तौर पर जो गड़बड़ी हुई थी उसमें क्या विदेशी नागरिकों का हाथ था? जानिए, एक रूसी नागरिक को आज सीबीआई ने किन आरोपों में पकड़ा है।

जेईई मेन्स परीक्षा में कथित गड़बड़ी के मामले में सीबीआई ने सोमवार को एक रूसी नागरिक को हिरासत में लिया है। उसको दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संयुक्त प्रवेश परीक्षा यानी जेईई (मेंस) परीक्षा-2021 में अनियमितताओं की जांच के संबंध में पकड़ा गया और फ़िलहाल सीबीआई उससे पूछताछ कर रही है। 

एक रिपोर्ट के अनुसार आरोपी की पहचान मिखाइल शार्गिन के रूप में हुई है। उस पर परीक्षा आयोजित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ करने का संदेह है।

जेईई-मेन्स एनआईटी, आईआईआईटी, अन्य केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों और राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त कुछ संस्थानों या विश्वविद्यालयों में स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रमों (बी.ई/बी.टेक) में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाता है।

जेईई की परीक्षा आयोजित करने के लिए जो सॉफ़्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है उसको विश्व प्रसिद्ध टीसीएस या टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज द्वारा बनाया गया है। जिस मामले में यह कार्रवाई की गई है वह 2021 की परीक्षा से जुड़ा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, 'आरोपी को आईजीआई हवाई अड्डे दिल्ली में आव्रजन ब्यूरो द्वारा तब हिरासत में लिया गया जब वह कजाकिस्तान के अल्माटी से आया। उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था।'

रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने कहा कि एक रूसी नागरिक की भूमिका का खुलासा हुआ, जिसने कथित तौर पर जेईई-मेन्स परीक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाले iLeon सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ की थी। 

आरोपी ने कथित तौर पर उस सॉफ़्टवेयर से छेड़छाड़ करने के अलावा परीक्षा के दौरान संदिग्ध उम्मीदवारों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की मदद की थी।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि 'उसने टीसीएस सॉफ्टवेयर को हैक कर लिया था, जो जेईई मेन्स परीक्षा का प्लेटफॉर्म था, ताकि परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के कंप्यूटर टर्मिनलों को नियंत्रित करने के लिए रिमोट कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।'

परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर पिछले साल एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित एफिनिटी एजुकेशन नाम के एक निजी कोचिंग संस्थान के कर्मचारियों ने उन छात्रों के लिए प्रश्न पत्र हल किया था, जिन्होंने 12-15 लाख रुपये के बीच भुगतान किया था। 

रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा के सोनीपत में एक परीक्षा केंद्र के माध्यम से 'रिमोट एक्सेस' दिया गया था। इस घोटाले में कथित तौर पर कई विदेशी नागरिक शामिल हैं। समझा जाता है कि तब 20 छात्रों ने ऐसी धोखाधड़ी की थी और अगले तीन वर्षों के लिए परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने 11 लोगों को गिरफ्तार करने के अलावा दिल्ली एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बैंगलोर में 19 स्थानों पर तलाशी ली थी। उस दौरान 25 लैपटॉप, 7 पीसी, लगभग 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ-साथ विभिन्न छात्रों के पीडीसी की मार्कशीट सहित भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज व उपकरण जब्त किए गए थे।

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