+
सीबीआई ने प्रफुल्ल पटेल से जुड़े भ्रष्टाचार केस बंद किया- 'गड़बड़ी का सबूत नहीं'

सीबीआई ने प्रफुल्ल पटेल से जुड़े भ्रष्टाचार केस बंद किया- 'गड़बड़ी का सबूत नहीं'

जिस यूपीए सरकार के दौरान प्रफुल्ल पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और जिसकी जाँच सीबीआई कर रही थी, उस मामले में आख़िर एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट क्यों लगा दी?

प्रफुल्ल पटेल के ख़िलाफ़ कथित भ्रष्टाचार के मामले को सीबीआई ने बंद कर दिया है। इसने कहा है कि गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है। ऐसा मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है। ये वही प्रफुल्ल पटेल हैं जो पिछले साल जुलाई में उन बागी एनसीपी नेताओं में शामिल थे जिन्होंने बीजेपी और शिवसेना- एकनाथ शिंदे खेमे के साथ महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए अजित पवार के एनसीपी गुट का साथ दिया था। प्रफुल्ल पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप यूपीए शासन में मंत्री पद पर रहने के दौरान लगे थे। अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई द्वारा केस बंद किए जाने की ख़बर आई है।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार यूपीए काल के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से बनी कंपनी एनएसीआईएल द्वारा विमानों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच में सीबीआई को कोई भी अनियमितता नहीं मिली है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने गुरुवार को यह बात कही है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2017 में जाँच शुरू करने वाली सीबीआई ने हाल ही में एक विशेष अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दायर की। विशेष अदालत यह तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या अदालत द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाए। यह मामला एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर देने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है, जिसके परिणामस्वरूप एयरलाइंस को भारी नुकसान हुआ, जबकि निजी लोगों को आर्थिक लाभ हुआ था।

द वायर की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जांच एजेंसी ने प्रफुल्ल पटेल के साथ ही तत्कालीन MoCA और एयर इंडिया के अधिकारियों को भी क्लीन चिट दे दी है।

यह आरोप लगाया गया था कि यूपीए सरकार के तहत तत्कालीन विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने एयर इंडिया के लिए बड़ी संख्या में विमान पट्टे पर लेने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था। तब एयर इंडिया सरकारी कंपनी थी।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया था कि जब एयर इंडिया के लिए विमान अधिग्रहण कार्यक्रम चल रहा था तब भी विमान पट्टे पर दिए गए थे।

एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम - नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी एनएसीआईएल का गठन किया गया था।

अपनी मई 2017 की एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया था, 'बड़े पैमाने पर विमान अधिग्रहण और कई उड़ानों, विशेष रूप से विदेशी उड़ानों के कारण बहुत कम लोड के साथ भारी नुकसान में चलने वाली एयरलाइंस के बावजूद एयर इंडिया के लिए विमान का पट्टा MoCA और एनएसीआईएल के अधिकारियों द्वारा किया गया था।'

रिपोर्ट के अनुसार तब जाँच में पता चला था, 'एयर इंडिया के लिए 15 महंगे विमान पट्टे पर लिए गए थे, जिसके लिए उनके पास पायलट भी तैयार नहीं थे, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ।'

प्रफुल्ल पटेल को क्लीनचिट दिए जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यूपीए 2 के खिलाफ अपने आरोपों के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'तो इसका मतलब है कि यूपीए-2 के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाया गया एक हाई-प्रोफाइल आरोप फर्जी और गलत था। पीएम को अब डॉ. मनमोहन सिंह और देश से माफी मांगनी चाहिए!'

दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल जुलाई में प्रफुल्ल पटेल उन बागी एनसीपी नेताओं में से हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना- एकनाथ शिंदे खेमे के साथ महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए अजित पवार के एनसीपी गुट का साथ दिया था।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें