संदेशखाली केस: सीबीआई ने पंचायत प्रधान को किया गिरफ़्तार, धारा 144 लागू
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमले से जुड़े मामले में सीबीआई ने सोमवार को सरबेरिया अगरपारा ग्राम पंचायत के प्रमुख सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। कथित तौर पर वह शेख शाहजहाँ के क़रीबी माने जाते हैं। इस कार्रवाई के बीच ही क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
सीबीआई ने पिछले हफ्ते संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर 5 जनवरी को हुए हमले की जाँच अपने हाथ में ले ली है। एक रिपोर्ट के अनुसार गिरफ़्तारी पंचायत प्रधान जियाउद्दीन मोल्ला के साथ ही दो अन्य की भी हुई है। उन्हें शेख शाहजहाँ का क़रीबी सहयोगी माना जाता है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जिला प्रशासन ने एक बार फिर बुधवार तक तीन दिनों के लिए संदेशखाली के तीन इलाकों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। धमाखाली और सरबेरिया समेत तीन इलाकों में यह धारा लागू की गई है।
यह ऐसे समय में हुआ जब सीपीएम ने सोमवार दोपहर संदेशखाली में सामाजिक शिक्षा केंद्र में एक सार्वजनिक बैठक बुलाई। अंततः बैठक उस क्षेत्र के बाहर आयोजित की गई जहां सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है।
बैठक से पहले संदेशखाली में एक स्थानीय पार्टी नेता ने अंग्रेजी अख़बार से कहा, 'मैंने नहीं सुना है कि धमाखली में धारा 144 जारी की गई है। मुझे इस पर गौर करना है। पुलिस ने हमें मौखिक अनुमति दे दी। कोई लिखित अनुमति नहीं दी गई। एक अस्थायी मंच बनाया गया है और पुलिस ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।'
शाहजहाँ को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 5 जनवरी को संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी टीम पर तब हमला किया गया था जब वह कथित राशन घोटाला मामले में उनके घर पर छापा मारने जा रही थी।
आरोप है कि 5 जनवरी को शेख शाहजहाँ के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला किया था, जो पश्चिम बंगाल में कथित पीडीएस घोटाले के सिलसिले में उनके घर पर छापा मारने आए थे। इसके कारण मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया गया था। 29 फरवरी को शेख शाहजहां को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
हाईकोर्ट ने शाहजहां की हिरासत भी सीबीआई को देने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले से जुड़े सभी कागजात तुरंत सीबीआई को सौंप दिए जाएँ। हाईकोर्ट के इस आदेश पर राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने तीन दिन के लिए रोक लगाने की मांग की, जिसे खंडपीठ ने अस्वीकार कर दिया था।
शाहजहाँ को सीबीआई को सौंपने को लेकर भी काफ़ी नाटकीय घटनाक्रम चला था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जब शाहजहाँ को बंगाल पुलिस ने सौंपा था तो लगातार दूसरे दिन इसके लिए आदेश दिया गया था। दूसरे दिन आख़िरकार शाहजहाँ को केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया गया।