आरजी कर के पूर्व प्रमुख संदीप घोष गिरफ़्तार, जानें सीबीआई का क्या आरोप
सीबीआई ने जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ़्तार कर लिया है। उनके साथ ही एक पुलिस इंस्पेक्टर को भी गिरफ़्तार किया गया है। सीबीआई ने उनपर अपराध स्थल को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने, आधिकारिक नियमों का उल्लंघन करने, आपराधिक साजिश रचने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने में शामिल होने का आरोप लगाया है।
केंद्रीय एजेंसी ने घोष को अस्पताल में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उनका पॉलीग्राफ परीक्षण कराया गया था। वह फिलहाल जेल में हैं। शनिवार को घोष के साथ जिस पुलिस अधिकारी को गिरफ़्तार किया गया है वह ताला थाने के इंस्पेक्टर अभिजीत मंडल हैं। उनको सीबीआई ने शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। एजेंसी ने सात घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ये गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई हैं जब कुछ ही घंटों पहले प्रदर्शनकारी डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले बिना ही उनके घर से लौट गए थे, क्योंकि मुख्यमंत्री ने बैठक का सीधा प्रसारण करने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के अनुसार, वे 30 प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री के कालीघाट आवास पर पहुंचे। प्रतिनिधियों की यह संख्या सीएम कार्यालय द्वारा आमंत्रित प्रतिनिधियों की संख्या से दोगुनी थी। वे अपने साथ एक वीडियोग्राफर भी ले गए, और उन्होंने पूरे कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियोग्राफी करने पर जोर दिया, लेकिन उनकी मांगों को एक बार फिर ठुकरा दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक जूनियर डॉक्टर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'सीएम हाउस पहुंचने के बाद हमने लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की, लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी। हमने पूछा कि क्या हम अपने वीडियोग्राफर से मीटिंग की शूटिंग करवा सकते हैं, लेकिन सरकार इस पर भी सहमत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति मीटिंग के मिनट रिकॉर्ड करेगा। हमने कुछ समय मांगा, लेकिन जब तक हम सहमत होने का फैसला करते और उन्हें बताने के लिए वापस जाते, तब तक उन्होंने कहा कि समय खत्म हो चुका है। फिर वह अपनी काली कार में चली गईं और एक-एक करके सभी अधिकारी आवास से चले गए।'
बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंडल की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को तत्काल निलंबित करने की मांग की।
उन्होंने ट्वीट किया, 'ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी ने यह स्थापित कर दिया है कि पुलिस सीधे तौर पर सबूतों से छेड़छाड़ करने में शामिल थी और आरजी कर पीजीटी लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की जांच को पटरी से उतारने के लिए खामियां पैदा करने में सहायक के रूप में काम कर रही थी। प्रक्रियागत चूक को अच्छी तरह से अंजाम दिया गया और कोलकाता पुलिस के शीर्ष अधिकारियों द्वारा बारीकी से निगरानी की गई।'
The arrest of Abhijit Mondal; Officer-in-Charge (OC) of Tala Police Station (PS), has established that the Police were directly involved in tampering evidence and acted as a stimulant to create lacuna in order to derail the investigation into the Rape and Murder of the RG Kar PGT…
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) September 14, 2024
उन्होंने कहा कि विनीत गोयल को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए और गृह मंत्री ममता बनर्जी को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनके पास गृह विभाग के प्रमुख के रूप में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले महीने आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की चल रही जांच पर प्रगति रिपोर्ट पेश करने के लिए सीबीआई को तीन सप्ताह की समय सीमा दी थी। रिपोर्ट 17 सितंबर को अदालत के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है।
प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि हत्या से पहले उनके साथ बलात्कार किया गया था। एक दिन बाद कोलकाता पुलिस ने एक सिविल वॉलिंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया।