जाति जनगणनाः नीतीश ने बीजेपी को अलग-थलग किया, जेडीयू में उत्साह बढ़ा
बीजेपी को लगभग किनारे करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना पर सभी दलों की बैठक बुलाने जा रहे हैं। इस तरह बीजेपी और नीतीश के मतभेद धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। बिहार की राजनीति इस समय जाति जनगणना के इर्द-गिर्द घूम रही है। इस मुद्दे पर आरजेडी और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बिहार की यात्रा कर रहे हैं। इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि नीतीश बीजेपी को किनारे लगाने में कामयाब रहे। बीजेपी जाति जनगणना के खिलाफ है और वो नीतीश को अप्रत्यक्ष इशारा भी कर चुकी है कि वो इसे न कराएं। नीतीश जेडीयू को जिन्दा रखने के लिए इस दांव को खेलने को मजबूर हैं। क्योंकि आरजेडी इस मामले में आगे बढ़ती जा रही है।पटना में सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जल्द ही बैठक की जाएगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने बैठक की सही तारीख और समय नहीं बताया।
जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) नेता ने कहा, सर्वदलीय बैठकों के माध्यम से, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे पर सुझाव देंगे। इससे हमें भविष्य की कार्रवाई तय करने में मदद मिलेगी।
नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बिहार में जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं। दोनों ने हाल ही में एक करीबी बैठक की, जिसमें जाति आधारित जनगणना एक मुद्दा था। उस मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने भी मीडिया के सामने इस मुद्दे को उठाया।
कुमार ने कहा, हमें बिहार में जाति आधारित जनगणना करने के लिए पारदर्शिता की जरूरत है। इसलिए, सभी पार्टी नेताओं के सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें विभिन्न बिंदु देंगे जो योजना बनाने और उसके क्रियान्वयन में मदद करेंगे।
बिहार में बीजेपी को छोड़कर लगभग सभी दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं। सभी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। हालांकि केंद्र सरकार ने देश में जाति आधारित जनगणना करने से इनकार कर दिया, लेकिन उसने राज्य सरकार को उनकी इच्छा के अनुसार निर्णय लेने की अनुमति दी है।नीतीश कुमार के फैसले ने जेडीयू नेताओं और समर्थकों को भी उत्साहित किया है क्योंकि वे बीजेपी पर बढ़त चाहते हैं।