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मूल मुद्दा जाति जनगणना है, वे ध्यान भटकाने के लिए बीच में नेहरू को लाते हैंः राहुल

मूल मुद्दा जाति जनगणना है, वे ध्यान भटकाने के लिए बीच में नेहरू को लाते हैंः राहुल

तीन राज्यों में मिली हार के बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा मंगलवार को फिर उठाया। हालांकि तीनों ही राज्यों में जाति जनगणना का वादा राहुल ने जोर-शोर से किया था लेकिन ओबीसी मतदाता भाजपा की ओर ही झुके।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को संसद के अंदर जाने से पहले बाहर पत्रकारों से बात की। राहुल ने कहा- "...मूल मुद्दा जाति आधारित जनगणना है और लोगों का पैसा किसे मिल रहा है? वे इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं, वे इससे दूर भागते हैं। हम इस मुद्दे को आगे बढ़ाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि गरीबों को वह मिलता है जिसके वे हकदार हैं।

कांग्रेस अभी हाल ही में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव हार गई थी। इसके बाद भाजपा ने आदिवासी और ओबीसी कार्ड खेलते हुए छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय और एमपी में मोहन यादव को सीएम मनोनीत किया है। लेकिन पत्रकारों से बातचीत में राहुल जरा भी इस हार से विचलित नहीं दिखे।

राहुल गांधी ने ओबीसी संदर्भ पर कहा- ...यहां तक ​​कि छत्तीसगढ़ में हमारे सीएम भी ओबीसी से थे, उन्होंने भी ओबीसी सीएम की घोषणा की, लेकिन सवाल यह है कि संरचना में उनका प्रतिशत कितना है? पीएम मोदी ओबीसी श्रेणी से हैं लेकिन सरकार चल रही है 90 लोगों द्वारा और उनमें से केवल 3 ओबीसी से हैं और उनके कार्यालय एक कोने में हैं। मेरा प्रश्न संस्थागत प्रणाली में ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की भागीदारी के बारे में है। राहुल गांधी ने कहा- 

वे हमें इस मुद्दे (जाति जनगणना) से भटकाने के लिए जवाहरलाल नेहरू और अन्य के बारे में बात करते हैं।


-राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद, 12 दिसंबर 2023 संसद के बाहर सोर्सः एएनआई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को संसद में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर कई बातें कहीं थीं। राहुल गांधी ने उस मुद्दे पर मंगलवार को कहा- "पंडित नेहरू ने भारत के लिए अपनी जान दे दी, वह वर्षों तक जेल में रहे। अमित शाह इतिहास से अनजान हैं। मैं उनसे इतिहास जानने की उम्मीद नहीं कर सकता, उन्हें इसे दोबारा लिखने की आदत है...।"

बार-बार उठा रहे हैं जाति जनगणना का मुद्दाकर्नाटक चुनाव से लेकर हाल के पांच राज्य के चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार-बार जाति जनगणना का मुद्दा उठाते रहे हैं। इससे भाजपा ने दबाव भी महसूस किया और उसी का नतीजा है कि उसने एमपी में ओबीसी के यादव वर्ग से मुख्यमंत्री मनोनीत किया। राहुल गांधी ने नवंबर महीने में तीन राज्यों (एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) की रैलियों में कई बार और कई जगह वादा किया था कि केंद्र में जब भी कांग्रेस सरकार आई तो जाति जनगणना पूरे देश में कराई जाएगी। राहुल ने कहा था-  आजादी के बाद सबसे क्रांतिकारी फैसला कांग्रेस लेगी। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली में सत्ता में आती है तो पहला हस्ताक्षर जाति जनगणना पर होगा। राहुल गांधी ने पीएम मोदी का वो भाषण याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि गरीब की कोई जाति नहीं होती। राहुल ने 15 नवंबर को कहा था-  

जब ओबीसी को अधिकार देने की बात आती है तो वे कहते हैं कि ओबीसी है ही नहीं। भारत में एक ही जाति है गरीब। ...ओबीसी हैं और हम पता लगाएंगे कि कितने हैं। चाहे 10 हो, 20 हो या 60 प्रतिशत हो, जितनी आबादी होगी उतनी भागीदारी मिलेगी। कर्ज माफ होगा तो किसानों का होगा, अरबपतियों का नहीं।


-राहुल गांधी, सांसद, 15 नवंबर 2023 सोर्सः एएनआई

बहरहाल, कांग्रेस का "जातीय जनगणना आकर्षण" राज्य विधानसभा चुनावों में विफल हो गया। क्योंकि भाजपा के ओबीसी उम्मीदवारों ने कांग्रेस के मुकाबले प्रभावशाली अंतर से जीत हासिल की है।

कांग्रेस अपनी तरफ से ओबीसी राजनीति का कोई मौका छोड़ नहीं रही है। इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में ओबीसी पर भाजपा-कांग्रेस दोनों ने फोकस किया था। भाजपा ने वहां 31 ओबीसी प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से 17 को जीत हासिल हुई थी। इसी तरह कांग्रेस ने 30 ओबीसी प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से 12 को जीत हासिल हुई।

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