योगी राज में अजब खेल, मिड डे मील में खुलासा करने वाले पत्रकार पर ही केस
उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर ज़िले में सियूर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नमक और रोटी दिए जाने के मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है। प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के बजाय उस घटना का खुलासा करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज करा दी है। खंड शिक्षा अधिकारी ने घटना का खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार समेत तीन पर मामले दर्ज कराए हैं।
घटना का वीडियो वायरल
कुछ दिन पहले इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें विद्यालय के बच्चे ज़मीन पर बैठकर मिड डे मील के नाम पर दी गई रोटी और नमक खाते हुए नज़र आ रहे थे।स्थानीय लोगों ने बताया था कि इस स्कूल में बच्चों को मिड डे मील के नाम पर रोटी-नमक, या भात और नमक दिया जाता है, फल और दूध तो दूर की बात है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन एक्शन में आया था, जिसके बाद दो शिक्षकों को सस्पेंड भी कर दिया गया था। इस घटना के बाद डीएम अनुराग पटेल ने कहा था कि-
“
मैंने इस मामले में जाँच के आदेश दिए हैं और घटना सच साबित हुई है। प्रत्यक्षता तो स्कूल अध्यापक और ग्राम पंचायत निरीक्षक इस मामले में दोषी नज़र आ रहे हैं, जिनको सस्पेंड कर दिया गया है।
मिर्ज़ापुर डीएम, अनुराग पटेल
साज़िश के तहत वीडियो बनाने का आरोप
अब शनिवार देर शाम को खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम शंकर राय की तहरीर पर पुलिस ने पत्रकार समेत 3 लोगों पर छल पूर्वक तरीके से वीडियो वायरल करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुक़दमा दर्ज किया है। अपनी तहरीर में राय ने कहा कि सियूर स्कूल की घटना को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार ने साजिश के तहत अपने एक परिचित से मिलकर वीडियो बनवाया और उसे वायरल करा दिया।तीन पेज की एफ़आईआर में लिखा है कि उस दिन स्कूल में मात्र रोटी ही बनवाई गईं थी। तहरीर में आगे लिखा है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को सब्जियाँ मँगवानी थी न कि पत्रकार को स्कूल में बुलाकर वीडियो शूट करवानी थी। एफ़आईआर में लिखा है कि वीडियो को एक जनसंदेश टाइम्स में काम करने वाले स्थानीय पत्रकार ने शूट किया था जिसको उसने बाद में एएनआई को भी भेज दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिससे राज्य सरकार की काफ़ी बदनामी भी हुई। वीडियो शूट करने के लिए पत्रकार और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर छलपूर्वक और आपराधिक साजिश करने का आरोप लगाया गया है।
पत्रकार ने दी सफाई
हालाँकि इस घटना के बाद अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने पर पत्रकार पवन जायसवाल ने अपना बयान दिया है। पत्रकार ने कहा कि उनको काफ़ी दिनों से सियूर प्राथमिक विद्यालय में नमक-रोटी या चावल-नमक दिए जाने की सूचना मिल रही थी। जिसके बाद 22 अगस्त को ख़बर बनाने के लिए वो विद्यालय गए थे। पत्रकार ने बताया कि उन्होंने विद्यालय जाने से पहले वहाँ के एबीएसए बृजेश कुमार को भी सूचित किया था।This is Pawan Jaiswal , the #Mirzapur reporter who broke the roti + salt in mid day meal story. He has been booked by @mirzapurpolice for allegedly conspiring against the @UPGovt . In this video he reiterates he reported what he saw . @IndEditorsGuild please take cognizance ! pic.twitter.com/5mU47uufAo
— Alok Pandey (@alok_pandey) September 2, 2019
प्रियंका गाँधी ने की थी निंदा
इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गाँधी ने भी योगी सरकार को घेरा था। प्रियंका ने वीडियो की ट्वीट करते हुए लिखा था कि ये उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की व्यवस्था का असल हाल है, जहाँ सरकारी सुविधाओं की दिन-ब-दिन दुर्गति की जा रही है। उन्होंने बच्चों के साथ हुए व्यवहार बेहद निंदनीय बताया था।मिड डे मील के तहत प्रावधान
केन्द्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ़्त में पौष्टिक भोजन देना होता है। ये योजना पूरे देश में चलाई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के मेन्यू के मुताबिक बच्चों को रोटी, चावल, सब्जियाँ देने के अलावा दूध और फल देने का भी प्रावधान है।उत्तर प्रदेश की मिड डे मील अथॉरिटी की वेबसाइट पर जो लिखा है उसके अनुसार प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को एक वक़्त के खाने में कम से कम 450 कैलरी ऊर्जा मिलनी चाहिए और उसमें 12 ग्राम प्रोटीन मिलनी चाहिए। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 700 कैलोरी ऊर्जा व 20 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध होना चाहिए। जिससे बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता का विकास हो।