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अमरिंदर का अब मुख्यमंत्री चन्नी पर हमला, कहा- झूठे वादों से गुमराह न करें

अमरिंदर का अब मुख्यमंत्री चन्नी पर हमला, कहा- झूठे वादों से गुमराह न करें

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पह हमलों से अब तक बचते रहे पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब नाम लेकर निशाना क्यों साधा?

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर हमला किया है। यह पहली बार है। तीन कृषि क़ानूनों पर किसानों से मुलाक़ात की चन्नी की घोषणा पर कैप्टन ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है और वह तो इसके ख़िलाफ़ राज्य में विधेयक पास करा चुके हैं। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद से ही पंजाब कांग्रेस के नेताओं पर हमलावर रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अब तक चरणजीत सिंह चन्नी के ख़िलाफ़ कुछ भी बोलने से बचते रहे थे। 

कैप्टन ने मुख्यमंत्री पर यह हमला तब किया है जब उन्होंने बुधवार को ही घोषणा की है कि वह नई पार्टी बनाएंगे और पंजाब में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। पंजाब में चार महीने के अंदर विधानसभा के चुनाव होने हैं। हाल ही में उन्होंने यह भी कहा था कि अगर किसान आंदोलन का मसला हल हो जाता है तो वह बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे। अमरिंदर की बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात भी हुई थी। 

कैप्टन की बीजेपी के साथ हाल के दिनों में नज़दीकी बढ़ती दिख रही है और कांग्रेस नेताओं के साथ तल्खी। पिछले हफ़्ते ही यह तल्खी तब नई ऊँचाई पर पहुँच गई थी जब पंजाब के मौजूदा गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की दोस्त और पाकिस्तान की पत्रकार अरूसा आलम के कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंधों की जाँच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था, 'कैप्टन कह रहे हैं कि पंजाब को आईएसआई से ख़तरा है। इसलिए हम आईएसआई के साथ अरूसा आलम के संबंध की भी जांच करेंगे।'

उससे पहले अमरिंदर ने कहा था कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत सेक्युलरिज्म पर बात करना बंद करें। उनका यह बयान तब आया था जब बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर हरीश रावत ने कहा था कि अमरिंदर सिंह ने अपने भीतर के सेक्युलर अमरिंदर सिंह को मार दिया है। 

हालाँकि पंजाब कांग्रेस नेताओं की तल्खी इतनी ज़्यादा बढ़ने के बावजूद कैप्टन ने पहले मुख्यमंत्री चन्नी पर हमला नहीं किया था।

लेकिन अब जब चन्नी ने कृषि क़ानून के मुद्दे पर किसानों से बातचीत की बात कही तो कैप्टन ने भी जवाब दिया। चन्नी ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा था, 'आज मैंने किसान संघ के नेता बलबीर सिंह राजेवाल जी से बात की और भारत सरकार द्वारा हम पर लगाए गए तीन कृषि क़ानूनों के बारे में चर्चा की।'

इस ट्वीट पर अमरिंदर सिंह के प्रवक्ता रवीन ठुकराल ने कैप्टन का एक बयान ट्वीट किया, 'मेरी सरकार ने यह सब किया, चरणजीत सिंह चन्नी। हमने किसान नेताओं से कृषि क़ानूनों पर बात की और विधानसभा में अपने स्वयं के संशोधन क़ानून भी पारित किए। लेकिन राज्यपाल उनके ऊपर बैठे हैं और वह किसी भी नए क़ानून पर बैठेंगे। कृपया झूठे वादों से किसानों को गुमराह नहीं करें: अमरिंदर सिंह।'

बता दें कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अमरिंदर सिंह ने एक अलग ही रास्ता अपनाया है। उनकी नई पार्टी की घोषणा और बीजेपी के साथ संभावित गठबंधन को कांग्रेस के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। अमरिंदर सिंह के इस क़दम को कांग्रेस के लिए बेहद ख़तरे के तौर पर देखा जा रहा है। अगर वह कांग्रेस के ख़िलाफ़ अपनी नई पार्टी के उम्मीदवारों को खड़ा करते हैं तो वोट बंट सकता है। इधर कांग्रेस की एक और मुसीबत नजवोत सिंह सिद्धू भी हैं जो चरणजीत सिंह के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए हैं। 

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