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Dostarlimab दवा से 18 कैंसर रोगियों के ठीक होने का दावा :  रिपोर्ट

Dostarlimab दवा से 18 कैंसर रोगियों के ठीक होने का दावा :  रिपोर्ट

वैज्ञानिकों ने एक दवा के जरिए 18 कैंसर मरीजों को ठीक करने का दावा किया है। इसके नजीजे को लेकर वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। 

कैंसर की एक ऐसी दवा पर काम हो रहा है, अगर वो सफल रहा तो कैंसर मरीजों के लिए बहुत बड़ा चमत्कार होगा। दरअसल, क्लिनिकल ट्रायल के दौरान गर्भ कैंसर की दवा के मरीजों के जो नतीजे आए हैं वैज्ञानिक उससे हैरान और खुश भी हैं। रेक्टल कैंसर के 18 मरीजों को यह दवा दी गई थी और उन मरीजों के अंदर से रेक्टल कैंसर गायब हो गया। यह आश्चर्यजनक किन्तु सत्य है। इस दवा का नाम दोस्तलिमैब (Dostarlimab) बताया गया है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तहलका मचा रही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे ​​परीक्षण में 18 रोगियों ने लगभग छह महीने तक दोस्तलिमैब लिया और 12 महीने से अधिक समय के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उनका कैंसर गायब हो गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, Dostarlimab प्रयोगशाला द्वारा निर्मित अणुओं (एटम्स) वाली एक दवा है और यह मानव शरीर में एंटीबॉडी के रूप में कार्य करती है। सभी 18 रेक्टल कैंसर रोगियों को एक ही दवा दी गई थी और इलाज के बाद हर रोगी में कैंसर पूरी तरह से खत्म हो गया था।

हालांकि शारीरिक परीक्षा से कैंसर का पता नहीं चल पाता है। इसके लिए एंडोस्कोपी; पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी या पीईटी स्कैन या एमआरआई स्कैन करना पड़ता है। वैसे इस क्लिनिकल ट्रायल के नमूने का आकार काफी छोटा है, लेकिन यह निश्चित रूप से साबित करता है कि Dostarlimab सबसे घातक आम कैंसर में से एक के लिए एक संभावित इलाज हो सकता है।

न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के डॉ. लुइस ए. डियाज़ जे. ने कहा कि यह चमत्कार कैंसर के इतिहास में पहली बार हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रायल में शामिल रोगियों ने पहले कीमोथेरेपी, लेजर और आक्रामक सर्जरी जैसे इलाज किए, जिसके साइड इफेक्ट के रूप में आंत्र, मूत्र और यहां तक कि यौन रोग भी हो सकते थे। बहरहाल इनसे बचने के लिए 18 मरीज अगले चरण के रूप में इनसे गुजरने की उम्मीद में परीक्षण में गए।

इस परीक्षण के निष्कर्षों ने दुनिया भर के विशेषज्ञों को चौंका दिया है और विशेषज्ञों ने बताया है कि हर रोगी में का ठीक हो जाना काफी बड़ी सफलता है। कई विशेषज्ञों ने रिसर्च को वर्ल्ड-फर्स्ट के रूप में बताया है और इस बात पर प्रकाश डाला है कि यह अधिक प्रभावशाली है क्योंकि सभी रोगियों को परीक्षण दवा से महत्वपूर्ण जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ा।

इस बीच, पेपर के सह-लेखक, ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ एंड्रिया सेर्सेक ने उस क्षण का वर्णन किया जब रोगियों को पता चला कि वे कैंसर मुक्त थे।परीक्षण के दौरान, रोगियों ने छह महीने तक हर तीन सप्ताह में दोस्तलिमैब लिया। उल्लेखनीय है कि वे सभी अपने कैंसर के समान चरण में थे। कैंसर स्थानीय रूप से मलाशय में विकसित हुआ था लेकिन अन्य अंगों में नहीं फैला था।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में रविवार को प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लिखा, 'इस रिपोर्ट के समय, किसी भी मरीज को कीमो रेडियोथेरेपी या सर्जरी नहीं हुई थी, और फॉलो-अप के दौरान प्रगति या पुनरावृत्ति के कोई मामले सामने नहीं आए थे।  

वैज्ञानिकों ने कहा है कि इलाज आशाजनक लग रहा है, हालांकि, यह देखने के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण की आवश्यकता है कि क्या यह अधिक रोगियों के लिए काम करेगा और क्या कैंसर वास्तव में खत्म हो सकता है।

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