तीन गुणी कीमत पर इज़रायल से ड्रोन इंजन की खरीद, सीएजी ने लगाई फटकार
रक्षा सौदों में अलग-अलग कांग्रेस सरकारों को घेरने वाली भारतीय जनता पार्टी अब खुद सवालों के घेरे में है। अब वह सत्ता में है और उस पर रक्षा सौदों में गड़बड़ियाँ करने के आरोप लगे हैं। और वह भी सीएजी की रिपोर्ट पर। वही सीएजी, जिसकी 2-जी रिपोर्ट पर विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया था।
कम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ने बुधवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अनमैन्ड एरो वीकिल यानू यूएवी के लिए इज़रायल एअरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ से खरीदे गए इंजन के लिए तीन गुनी कीमत अदा की गई। अनमैन्ड एअरो वीकिल को चालू भाषा में ड्रोन कहते हैं।
मामला क्या है
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2010 में इज़रायली कंपनी से क़रार हुआ, जिसके तहत 5 रोटोमैक्स इंजन खरीदे गए और हर इंजन के लिए 87.45 लाख रुपए की कीमत तय हुई।
डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की प्रयोगशाला एअरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैमलिशमेंट ने ठीक वही इंजन 24.30 लाख में खरीदे थे। यानी भारतीय वायु सेना के लिए खरीदे गए इंजन की कीमत तीन गुणे अधिक थी।
सरकार को घाटा
इससे इज़रायली कंपनी को 3.16 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इस इंजन की कीमत 21-25 लाख रुपए है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इज़रायली कंपनी ने तीन गुणी कीमत लेने के बावजूद बग़ैर सर्टिफिकेट वाला इंजन ही भारतीय वायु सेना को दे दिया।
इस इंजन की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। इस इंजन से लैस ड्रोन कई बार दुर्घटना के शिकार हुए और एक ड्रोन तो पूरी तरह नष्ट ही हो गया। 'द प्रिंट' ने एक ख़बर में कहा है कि वायु सेना ने सीएजी की रिपोर्ट का खंडन नहीं किया है, पर उसके एक आला अफ़सर ने कहा कि 'वायु सेना का काम कीमत तय करना नहीं है।'
अपग्रेडेशन में देरी
सीएजी ने इस पर भी चिंता जताई है कि 2002 में मीडियम लिफ़्ट एमआई-17 हेलिकॉप्टर के अपग्रेडेशन पर फ़ैसला हुआ, लेकिन 18 साल बाद भी वह काम अब तक नहीं हुआ है। सीएजी ने कहा है, 'इससे हेलिकॉप्टर सीमित क्षमता के साथ ही काम करते हैं और इससे उनके कामकाज की तैयारियों पर बुरा असर पड़ा है।'
सीएजी ने रुख कड़ा करते हुए कहा है कि 'इसी तरह 90 एमआई 17 हेलिकॉप्टर को अपग्रेड करने में 15 साल लग गए, वह काम इज़रायली कंपनी की मदद से 2017 में पूरा हुआ।'
सीएजी ने अपग्रेडेशन के काम में लेट लतीफी पर चिंता जताते हुए कहा कि 2018 में शुरू हुआ यह काम 2024 में पूरा हो भी जाएगा तो उस समय तक कम से कम 56 हेलीकॉप्टर दो साल बाद ही हटा दिए जाएंगे।