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ब्रजभूषण शरण सिंहः कौन है बीजेपी का विवादास्पद बाहुबली सांसद

ब्रजभूषण शरण सिंहः कौन है बीजेपी का विवादास्पद बाहुबली सांसद

भारती कुश्ती महासंघ और बीजेपी के बाहुबली सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह फिर सुर्खियों में हैं। आखिर कौन है यह शख्स, देश के नामी पहलवान इससे क्यों नाराज हैं।

देश के नाम पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कल रविवार से राजधानी दिल्ली में धरने पर हैं। इनमें वो 7 महिला खिलाड़ी भी हैं, जिन्होंने बीजेपी के इस बाहुबली सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला पहलवानों ने दिसंबर और जनवरी में भी ब्रजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। तब केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने महान मुक्केबाज मैरीकॉम के नेतृत्व में एक जांच पैनल बनाया था। जांच पैनल ने अपनी जांच पूरी कर ली है। लेकिन इससे ब्रजभूषण शरण सिंह के रसूख का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच पैनल की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई।  

पिछले शुक्रवार को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की। दिल्ली पुलिस ने अभी तक एफआईआऱ नहीं की है। उसका कहना है कि वो पहले आरोपों की जांच करेगी और उचित लगा तो एफआईआर करेगी। इसके अलावा उसने उस केंद्रीय जांच पैनल की रिपोर्ट मांगी है, जिसने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। मतलब कुल मिलाकर टाइम पास किया जा रहा है। वरना पुलिस तो मामूली शिकायत पर सबसे पहले एफआईआर दर्ज करती है। असम कांग्रेस से निष्कासित एक महिला नेता ने युवक कांग्रेस अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास के खिलाफ गुवाहाटी में शिकायत की। पुलिस ने श्रीनिवास के खिलाफ फौरन एफआईआर कर ली और बेंगलुरु में उनके घर नोटिस चिपका कर आई कि उन्हें पूछताछ के लिए असम पुलिस के सामने पेश होना है। लेकिन वही मापदंड ब्रजभूषण शऱण सिंह जैसों के लिए नहीं है, क्योंकि वो सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद हैं। 

बीजेपी नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर जब से महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है तब से उनके बारे में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की टिप्पणियाँ आ रही हैं। किसी ने उनके पुराने इंटरव्यू की क्लिप को साझा किया है तो किसी ने एक खिलाड़ी के साथ उनकी हरकतों को। किसी ने बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक हैसियत की तो किसी ने 'दबंगई' की। तो सवाल है कि उनके बारे में सच क्या है?

वैसे, इस सवाल का जवाब तो इस तथ्य से भी मिल सकता है कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगा और साक्षी मलिक, विनेश फोगट व बजरंग पूनिया जैसे शीर्ष भारतीय पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है। तमाम पत्रकारों ने लिखा है कि 'यूपी की राजनीति में आज इनसे बड़ा बाहुबली कोई नहीं है।'

बृजभूषण शरण सिंह खुद कुश्ती के अखाड़े में हाथ आजमा चुके हैं। कुश्ती से निकले तो राजनीति के अखाड़े में कूदे हैं। पहले समाजवादी पार्टी में थे और अब बीजेपी में हैं। कभी खुद उम्मीदवार के रूप में उतरे तो कभी उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी को उतारा। 

कहा जाता है कि पहलवान रहे बृजभूषण शरण सिंह राम जन्मभूमि आंदोलन के माध्यम से राजनीति में आये। बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनपर मुक़दमा भी हुआ। कहा जाता है कि उन्हें बीजेपी की उतनी ज़रूरत नहीं है जितनी बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह की है। उनकी अपने मूल गोंडा के आसपास के कम से कम आधा दर्जन जिलों में जबरदस्त पकड़ है।

उनका रुतबा क्या है इसका इससे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक इंटरव्यू में कथित तौर पर हत्या की बात की थी। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उनको यह कहते सुना जा सकता है। 

बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक ताक़त का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि वह छह बार के सांसद हैं। उनके बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय नेता कहते हैं कि हर साल 8 जनवरी को वह अपने जन्मदिन पर भव्य समारोह आयोजित करते हैं, जहां प्रतिभा खोज परीक्षा के माध्यम से चुने गए छात्रों को मोटरसाइकिल, स्कूटी और नकद के साथ पुरस्कृत किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेताओं का कहना है कि बृजभूषण सिंह का इंजीनियरिंग, फार्मेसी, शिक्षा और कानून सहित 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के साथ सक्रिय जुड़ाव है। इससे बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और श्रावस्ती जिलों में उनकी अच्छी-खासी पैठ है। उन्होंने अपने रसूख से इन जिलों में अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया है। वह उन छात्रों को शुल्क माफ भी करते हैं जो भुगतान करने में असमर्थ हैं।

बता दें कि यह वही बृजभूषण सिंह हैं जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश में बाढ़ के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने प्रशासन पर खराब तैयारी करने, राहत के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा था कि लोगों को "भगवान भरोसे" छोड़ दिया गया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया था कि मौजूदा सरकार आलोचना बर्दाश्त नहीं करती और इसे व्यक्तिगत रूप से लेती है। वो कई बार योग गुरु रामदेव की आलोचना करते भी दिखाई पड़ते हैं।

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