ब्रिक्स घोषणा पत्र : समावेशी बातचीत से ही हो सकता है अफ़ग़ान समस्या का समाधान
पाँच देशों के संगठन ब्रिक्स ने एक अहम घोषणा पत्र में कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए और इसकी ज़मीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ़ नहीं किया जाना चाहिए।
ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के इस संगठन ने दिल्ली घोषणा पत्र में आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष करने की बात कही है। इसके साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि इस मामले में कोई देश दोहरा मानदंड न अपनाए।
इसमें किसी का नाम नहीं लिया गया है, पर साफ है कि इसका इशारा पाकिस्तान की ओर है। पाकिस्तान खुद तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जूझता रहा है और अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान का समर्थन करता रहा है।
ब्रिक्स ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान पर समावेशी बातचीत होनी चाहिए।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि ब्रिक्स के देश आतंकवादियों के एक देश से दूसरे देश आने-जाने, उन्हें सुरक्षित शरणस्थली देने या पैसे देने के सख़्त ख़िलाफ़ हैं।
पुतिन की चिंता
पाँच देशों की वर्चुअल बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चिंता जताते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान को अपने पड़ोसी देशों के लिए किसी सूरत में ख़तरा नहीं बनना चाहिए, उसे ड्रग ट्रैफ़िकिंग और आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिए।
पुतिन ने इसके साथ ही कहा कि किसी भी देश की जनता को यह हक़ है कि वे यह तय करें कि उन्हें किस तरह की सरकार चाहिए।
उन्होंने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका और इसके सहयोगी देशों के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ कर चले जाने से एक नया संकट खड़ा हो गया है।
पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में बाहर के मूल्यों को स्थापित करने की कोशिश की, उसके इतिहास को समझे बग़ैर कथित लोकतंत्र स्थापित करने का प्रयास किया, यह ग़लत था।
'उभरती अर्थव्यवस्था'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स के वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, "आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज़ हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है।"
उन्होंने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो।"
इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोइसेनेरो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।