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आदिवासी पर पेशाब करने वाले का घर बनाने के लिए पैसे जुटा रहा ब्राह्मण समूह

आदिवासी पर पेशाब करने वाले का घर बनाने के लिए पैसे जुटा रहा ब्राह्मण समूह

मध्य प्रदेश के सीधी में आदिवासी पर पेशाब करने वाले शख्स के टूटे हुए मकान को बनाने के लिए ब्राह्मण समूह क्यों प्रयास कर रहा है? जानिए, क्या दलील दी गई है।

मध्य प्रदेश में 'ब्राह्मण समाज' के सदस्यों ने सीधी पेशाब कांड के आरोपी के परिवार के घर के पुनर्निर्माण में मदद के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू किया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि एक आदिवासी शख्स पर पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कार्रवाई के लिए दबाव बनने पर प्रशासन ने आरोपी के घर के कुछ हिस्से को बुलडोजर से ढहा दिया।

प्रशासन द्वारा जिस घर को ढहाया गया उसमें आरोपी प्रवेश शुक्ला अपनी पत्नी, तीन साल की बेटी और माता-पिता के साथ रहता था। घर को ढहाए जाने से समुदाय के लोग नाराज़ हैं। सोशल मीडिया पर ही कुछ लोगों ने तर्क दिया है कि जब अपराध प्रवेश शुक्ला का था तो उसके माता-पिता, पत्नी और बेटी का क्या कसूर था। दावा किया गया कि घर गिराने से वे 'बेघर' हो गए।

सोशल मीडिया पर प्रवेश शुक्ला के परिवार के लोगों की रोते-बिलखते हुए तस्वीर आई थी। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार उनकी पत्नी कंचन ने कहा है कि कुबरी गांव में घर उनकी दादी ने बनवाया था और वह प्रवेश या उनके पिता के नाम पर नहीं था।

प्रवेश के पिता रमाकांत शुक्ला का खाता नंबर समुदाय से जुड़े व्हाट्सएप समूहों में साझा किया जा रहा है और लोगों ने राज्य भर से पैसे दान करना शुरू कर दिया है।

अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा, 'संगठन उस परिवार का घर बनाएगा जो ढहा दिया गया था। आरोपियों ने जो किया वह निंदनीय है, लेकिन परिवार को क्यों भुगतना चाहिए? हमने शुरुआत में 51,000 रुपये की सहायता प्रदान की थी, और परिवार के मुखिया का खाता नंबर हमारे पूरे संगठन में प्रसारित कर दिया गया है। लोग घर के निर्माण में योगदान दे रहे हैं।'

उन्होंने टीओआई से कहा, 'समाज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेगा, जिसमें यह जानने की मांग की जाएगी कि सरकार ने किस कानून के तहत परिवार के वैध घर को ध्वस्त कर दिया।'

रामाकांत शुक्ला ने कहा, 'वह मेरा बेटा है, लेकिन मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूँ और अपने बेटे के खिलाफ संविधान के अनुसार किसी भी कानूनी कार्रवाई का स्वागत करूंगा। लेकिन हमारा घर क्यों तोड़ा गया? मध्य प्रदेश में कानून कहता है कि बारिश के मौसम में अतिक्रमण नहीं तोड़ा जाएगा।' रमाकांत शुक्ला ने कहा कि पहले कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने भोजन की व्यवस्था की थी, अब हम किसी तरह गुजारा कर रहे हैं।

बता दें कि प्रवेश शुक्ला पर आरोप लगा था कि उसने एक आदिवासी शख्स पर पेशाब कर दी थी। इस घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। तब ट्विटर यूज़रों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टैग कर मांग की कि आरोपी के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ट्विटर पर वीडियो के वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि उनके संज्ञान में एक वीडियो सामने आया और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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