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एड में सुशांत का 'मज़ाक़ उड़ाया'? अब बिंगो का बहिष्कार

एड में सुशांत का 'मज़ाक़ उड़ाया'? अब बिंगो का बहिष्कार

सोशल मीडिया पर 'बिंगो का बहिष्कार' ट्रेंड करता रहा। वजह थी विज्ञापन। आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में शब्दों के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक़ उड़ाया गया। अब भावनाएँ तो भावनाएँ हैं। 

सोशल मीडिया पर 'बिंगो का बहिष्कार' ट्रेंड करता रहा। वजह थी विज्ञापन। विज्ञापन से भावनाएँ तो आहत हुईं, लेकिन वे भावनाएँ न तो धार्मिक थीं और न ही जातीय या फिर 'लव जिहाद', जैसा कि हुआ। इस बार कुछ शब्दों ने सोशल मीडिया यूज़रों को आहत कर दिया! आपत्ति है कि विज्ञापन में 'फ़ोटोन', 'अल्गोरिथम', 'पाराडॉक्स' जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए जाने चाहिए थे। आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में इन शब्दों के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक़ उड़ाया गया। अब भावनाएँ तो भावनाएँ हैं। चाहे वे धार्मिक हों या चहेते अभिनेता के प्रति लगाव वाली। भावनाएँ आहत होने पर ब्रांड के बहिष्कार का ट्रेंड जो बन गया है! तनिष्क ज्वैलरी के विज्ञापन पर आपत्ति हो तो ज्वैलरी का बहिष्कार। चीन पर ग़ुस्सा हो तो चीनी सामानों का बहिष्कार। 

बहरहाल, ताज़ा जो मामला है उसका शिकार प्रसिद्ध चिप्स और स्नैक ब्रांड बिंगो हुआ है। इसके ब्रांड एम्बेसडर बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह हैं। रणवीर सिंह का ही एक विज्ञापन आया है। इस विज्ञापन को शीर्षक दिया गया है- 'बेटा आगे क्या प्लान है'। 

यह विज्ञापन सिर्फ़ 30 सेकंड का है। विज्ञापन देखने पर लगता है कि कोई पारिवारिक कार्यक्रम चल रहा है जिसमें क़रीबी लोग शरीक हुए हैं। विज्ञापन में एक व्यक्ति रणवीर सिंह से आगे की उनकी योजना के बारे में पूछता है- 'बेटा कॉलेज तो ख़त्म हो गया, अब आगे क्या प्लान है' विज्ञापन में दिखाया गया है कि दूसरे कई रिश्तेदार भी उनसे यही सवाल पूछते हैं। 

फिर विज्ञापन में दिखाया गया है कि रणवीर सिंह बिंगो चिप्स खाते हैं और वह एक साँस में कुछ अटपटे तरीक़े से विज्ञान के शब्द बोलते जाते हैं- 'पाराडॉक्स, फ़ोटोन, अल्गोरिथम...'। शायद इसका मतलब निकालना मुश्किल हो। विज्ञापन में सारे रिश्तेदार सोच में पड़ जाते हैं और फिर बिंगो का विज्ञापन आता है। इसके वाइसओवर में कहा गया कि 'जब लोग आपको पकाने लगें तो लाओ डिफ़रेंट ऐंगल...'। 

विज्ञापन देखने के बाद सोशल मीडिया यूज़रों ने 'फ़ोटोन', 'अल्गोरिथम', 'पाराडॉक्स' जैसे विज्ञान के शब्दों पर यह कहते हुए आपत्ति की क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे सुशांत सिंह राजपूत पर तंज कसा गया है। सुशांत सिंह राजपूत की विज्ञान, अंतरिक्ष, तारे जैसी चीजों में रुचि थी। सुशांत के इंस्टाग्राम बायो में भी लिखा हुआ है- 'Photon in a double-slit'। सुशांत अक्सर इंटरव्यू में विज्ञान, अल्गोरिथम, अंतरिक्ष के बारे में चर्चा करते रहते थे। 

 - Satya Hindi

इन्हीं कारणों से ट्विटर यूज़रों ने बिंगो और रणवीर सिंह की आलोचना शुरू की। एक यूज़र ने लिखा, 'अनपढ़ लोग यह नहीं जान पाएँगे कि फ़ोटोन और न्यूट्रॉन हमारे लिए क्या मायने रखते हैं। बिंगो का हमेशा के लिए बहिष्कार करो। मुझे अभी भी याद है- Photon in a double-slit।

जस्टिस फॉर एसएसआर नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है, 'इन शब्दों का उपयोग करने से आपका क्या मतलब है आप लोग एक ऐसे व्यक्ति को क्यों निशाना बना रहे हैं जो ख़ुद का बचाव भी नहीं कर सकता है

लेकिन हम बचाव करेंगे! SSRians, उन्हें दिखाओ!'

श्रीनवाती नाम के यूज़र ने लिखा है, 'रणवीर सिंह, मैं सिर्फ़ यह जानना चाहती हूँ कि विज्ञापन में आपके हिस्से को किसने डब किया था मुझे यक़ीन है कि आप यहाँ एक भी शब्द का अर्थ नहीं जानते हैं! यदि कोई भी आपको पता है तो मुझे बताएँ कि अल्गोरिथम क्या है! या फोटॉन क्या है!

लेवल मायने रखता है, मज़ाक़ नहीं!'

डॉ. सन्नी दत्तागुप्ता नाम के यूज़र ने लिखा है, 'सुशांत सिंह राजपूत की शैक्षिक और वैज्ञानिक विशेषज्ञता का चिप्स ब्रांड का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति द्वारा क्रूरता से मज़ाक़ किए जाने को देखना बेहद निराशाजनक है!

उसकी शैक्षणिक योग्यता क्या है, पता नहीं है। यह देखकर दुख होता है कि सुशांत सिंह केस मामले में सीबीआई फ़ाइल के लिए सभी प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं।'

ट्विटर यूज़र द्वारा विज्ञापन हटाने की माँग किए जाने के बावजूद बिंगो ने विज्ञापन नहीं हटाया है। इसकी तरफ़ से जारी सफ़ाई में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत का मजाक नहीं उड़ाया गया है। इसकी तरफ़ से यह भी कहा गया है कि यह विज्ञापन पिछले साल ही शूट हो गया था लेकिन कोरोना लॉकडाउन की वजह से इसे जारी नहीं किया गया था। बयान के अनुसार, अब जारी किया गया है तो इसका सुशांत सिंह से कुछ लेनादेना ही नहीं है। 

तनिष्क का बहिष्कार

बता दें कि तनिष्क का विज्ञापन दो बार विवादों में रहा और उसे विज्ञापन हटाया पड़ा था। हाल में तनिष्क का दीवाली को लेकर विज्ञापन विवाद में आ गया था। इस वीडियो विज्ञापन में पटाखे नहीं जलाने और प्यार और पॉजिटिविटी से इस त्योहार को मनाने की बात कहते सुना जा सकता था। यही बात कुछ लोगों को चुभ गई और सोशल मीडिया पर पटाखे नहीं जलाने की बात का बतंगड़ बना दिया गया था। फिर तनिष्क को ट्विटर से उस को विज्ञापन हटाना पड़ा था। वैसे, हाल के दिनों में इस कंपनी का यह दूसरा विज्ञापन है जब दक्षिण पंथियों ने निशाना बनाया और कंपनी को उस विज्ञापन को हटाना पड़ा। इससे पहले 'एकत्वम' विज्ञापन को हिंदू-मुसलिम वाला और 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने वाला कहकर निशाना बनाया गया था। जबकि उस विज्ञापन में संदेश दिया गया था- 'एक जो हुए हम, तो क्या ना कर जाएँगे।' यानी इसमें एकता की बात की गई है।

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