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बार में जब बाउंसर अवैध, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं?

बार में जब बाउंसर अवैध, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं?

दिल्ली एनसीआर में बाउंसरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। गुड़गांव की घटना में हालांकि पुलिस ने कार्रवाई कर दी है लेकिन ऐसी तमाम घटनाएं आए दिन हो रही हैं जो न मीडिया में आती हैं औ न जनता को पता चलता है। बाउंसर रखा जाना अवैध है लेकिन गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के किसी भी बार, पब, रेस्तरां, अस्पतालों में रखे गए बाउंसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। 

पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी यह मानते हैं कि किसी भी रेस्तरां या बार में बाउंसरों का रखा जाना अवैध है। लेकिन वही पुलिस और संबंधित विभागों के ऐसे रेस्तरां बार पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली एनसीआर के तमाम रेस्तरां में बाउंसर्स ग्राहकों पर हमले कर रहे हैं, महिलाओं से छेड़खानी कर रहे हैं, लेकिन यूपी और हरियाणा में सरकार के स्तर पर कोई एक्शन नहीं है। नोएडा के रेस्तरां बार में एक युवक की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि गुड़गांव के क्लब कासा डान्जा में भी ऐसी ही घटना सोमवार तड़के हुई, जिसमें बाउंसरों ने युवक के साथ आई महिला से छेड़खानी की और जब उसके दोस्त ने ऐतराज किया तो उसे जमकर पीटा गया। 

यह घटना मीडिया में आने और इसकी एफआईआर दर्ज कराए जाने पर पुलिस ने गुड़गांव के रेस्तरां के मैनेजर और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन ऐसी तमाम घटनाएं रोजाना हो रही हैं, जो पुलिस और मीडिया तक पहुंचती ही नहीं हैं। पुलिस इन बाउंसरों को न तो असामाजिक तत्व मानने को तैयार है और न ही गुंडे मानने को तैयार है। 

एक बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत शख्स ने आरोप लगाया कि वे लोग अपने दोस्तों के साथ क्लब कासा डांजा में गए थे। एक बाउंसर ने उनकी महिला मित्र को गलत तरीके से उस छुआ जब वो एंट्री लाइन में इंतजार कर रही थी। जब उसने इस गलत हरकत का विरोध किया तो अन्य बाउंसर और मैनेजर वहां जमा हो गए और गाली-गलौज करने लगे। जब शिकायतकर्ता वहां आया तो बाउंसरों और मैनेजर ने उन्हें भी जमकर पीटा।

 

बाद में महिला और उसके साथी पुलिस थाना उद्योग विहार में गए और मामले की जानकारी दी। पुलिस ने पहले तो मामले को टाला लेकिन घटना मीडिया में आने पर उसे रिपोर्ट दर्ज करना पड़ी।  इसके बाद पुलिस ने बुधवार को लोकेश के रूप में पहचाने गए मैनेजर के अलावा, बाउंसर सोनू, मंदीप, सुमित, नितिन, राम सिंह और राकेश को गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा की घटनाः गुड़गांव में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे भी वीभत्स घटना अप्रैल 2022 में नोएडा के रेस्तरां बार में हुई। नोएडा सेक्टर-38 के गार्डन्स गैलेरिया मॉल में तो बाउंसरों ने एक शख्स की पीट पीट कर हत्या कर दी। बृजेश राय अपने 5-6 साथियों के साथ पार्टी करने मॉल के एक बार में गए था। रात करीब 11 बजे बिल के पैसे को लेकर बार में कुछ बाउंसरों से उनका झगड़ा हो गया। बाउंसरों ने उनका बेरहमी से मारा। इससे राय सिर में गंभीर चोट आई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने एफआईआर भी की, आरोपियों को गिरफ्तार भी किया लेकिन बाद में मामला रफादफा कर दिया गया।

यूपी में आम आदमी के मामूली जुर्म पर बुलडोजर चलाने वाली सरकार, नोएडा प्रशासन और पुलिस ने चुप्पी साध ली। अब मीडिया भी जाकर नहीं पता करता कि उस बार के मालिकों पर क्या कार्रवाई हुई।

अवैध है तो कार्रवाई क्यों नहींः नोएडा की घटना के दो दिन बाद आबकारी विभाग और पुलिस ने सभी पब और बार मालिकों से मुलाकात की और निर्देश दिया कि वो लोग अपने बार से बाउंसर हटाएं। आबकारी विभाग ने जिले के सभी पब और बार मालिकों को अपने कर्मचारियों की सूची का विवरण जल्द से जल्द सौंपने को भी कहा। पब और बार में 'बाउंसर' रखने का चलन कानूनी नहीं है। अब बार, रेस्तरां और अस्पताल वाले बाउंसर रखने लगे हैं।

गौतम बुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह का कहना है कि पब और बार की सुरक्षा के लिए बाउंसर लगाना अवैध है। अगर वहां कुछ होता है तो इमरजेंसी में जल्द से जल्द पुलिस को बुलाना चाहिए। यदि मालिक इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो लाइसेंस रद्द होगा।

नोएडा के सभी पब, बार, रेस्तरां वालों से 100 रुपये के स्टांप पेपर पर एक हलफनामा मांगा गया था, जिसमें बारमेन, वेटर, मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के नाम और पता व फोन नंबर हों। पुलिस उनका सत्यापन करती है। लेकिन इस नियम का पालन सिर्फ नोएडा ही नहीं आसपास के अन्य जिलों में भी नहीं हो रहा है। नोएडा और गाजियाबाद के पब, बार, रेस्तरां यूपी सरकार के तहत आते हैं, जबकि गुड़गांव, फरीदाबाद के पब, बार, रेस्तरां वगैरह हरियाणा सरकार के तहत आते हैं। पूरे देश में एक ही नियम है कि बाउंसर रखा जाना अवैध है, लेकिन किसी भी सरकार ने कहीं कोई कार्रवाई नहीं की। दरअसल, इन जगहों से मिलने वाली मोटी आबकारी फीस और रिश्वत उन्हें ऐसा करने से रोक देती है। तमाम अधिकारी व्यक्तिगत रूप से भी इन हालात का फायदा उठा रहे हैं तो एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर आंखें चुरा लेते हैं।

अगर सिर्फ यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले की बात की जाए तो यहां पब और बार के लिए 83 लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश नोएडा में हैं। गार्डन्स गैलेरिया मॉल में ही 14 ऐसे पब और बार हैं, जिनके पास स्थायी शराब लाइसेंस है जबकि कई अन्य कभी-कभार लाइसेंस लेते हैं। गार्डन गैलेरिया मॉल में लगभग 20 पब और बार हैं, जो नियमित रूप से शराब परोसते हैं। लेकिन सभी में अवैध बाउंसर हर वक्त मौजूद रहते हैं। अगर किसी भी ग्राहक ने बिल की रकम को लेकर सवाल किया तो बाउंसर ग्राहक को धमकाने आ जाते हैं।

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