सुशांत सिंह राजपूत कांड में रिया चक्रवर्ती और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को जिस तरह निशाने पर लिया गया, उनका मीडिया ट्रायल किया गया और उन्हें 'नशेड़ी' बताया गया, उससे ख़फ़ा फिल्म उद्योग ने मीडिया घरानों के ख़िलाफ़ कड़ा कदम उठाया है। रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाऊ के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया गया है। इस मामले में रिपब्लिक के अर्णब गोस्वामी व प्रदीप भंडारी और टाइम्स नाऊ के राहुल शिवशंकर व नाविका कुमार को भी नामज़द किया गया है।
4 संगठन, 34 निर्माता
फ़िल्म उद्योग के चार संगठनों और 34 फ़िल्म निर्माताओं ने मिल कर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इन निर्माताओं में करण जौहर, यशराज फिल्म्स, आमिर ख़ान, सलमान ख़ान और शाहरुख ख़ान की फ़िल्म कंपनियाँ भी शामिल हैं।याचिका में मांग की गई है कि ये चैनल और इनके सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म ग़ैरज़िम्मेदाराना, अपमानजनक और अवमानना वाली सामग्री प्रकाशित न करें और इस तरह की बातें न कहें। इसमें यह भी कहा गया है कि फ़िल्मी हस्तियों का मीडिया ट्रायल बंद हो और इस उद्योग के लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन न किया जाए।
सबसे पहले रिपब्लिक टीवी ने ही रिया चक्रवर्ती पर ड्रग्स लेने, सुशांत को ड्रग्स देने और यहाँ तक कि ड्रग्स कार्टेल का सदस्य होने की बात कही थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अपनी शुरुआती जाँच के बाद रिया चक्रवर्ती को सुशांत को ड्रग्स देने और ड्रग्स रखने और ड्रग्स कार्टेल से जुड़ी बताया था।
इस मामले में रिया चक्रवर्ती को तक़रीबन एक महीने तक जेल की सलाखों के पीछे भी रहना पडा था। बाद में अदालत ने लगभग क्लीन चिट देते हुये रिया को ज़मानत दे रिहाई के आदेश दिये थे। इसी के साथ करण जौहर के घर पर बने एक विडियो को दिखा कर फिल्म इंडस्ट्री पर ये आरोप लगाया गया था कि ये सब नशेड़ी हैं।
इस विडियो में करण जौहर, शाहिद कपूर, अर्जुन कपूर, विकी कौशल को साफ देखा जा सकता था। करण जौहर के बार बार सफाई देने के बावजूद इन लोगों पर कीचड़ उछाले गये और विडियो के आधार पर कहा गया कि ये ड्रग पार्टी थी। रिपब्लिक टीवी और टाइम्स पर इन विडियो के आधार पर गंभीर आरोप लगाये गये और दमकल इकतरफ़ा डिबेट की गयी।
मीडिया ट्रायल
याद दिला दें कि यह पहली बार नहीं हुआ है जब रिपब्लिक टीवी पर इस तरह के मीडिया ट्रायल का आरोप लगा है या अदालत ने उसे फटकार लगाई है। इसके पहले सुनंदा पुस्कर मृत्यु के मामले में भी कांग्रेस सांसद व सुनंदा के पति शशि थरूर ने अणर्ब गोस्वामी के खिलाफ़ याचिका दायर की थी।दिल्ली हाई कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी से जुड़े मामले में कहा था कि मीडिया को समानांतर ट्रायल चलाने या बिना पुख्ता सबूत के दावे करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए अर्णब गोस्वामी को नोटिस जारी किया था। थरूर ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अर्णब गोस्वामी बिना किसी सबूत के हत्या की ख़बरें प्रसारित कर रहे हैं।
उन्होंने जाँच के दौरान अर्णब गोस्वामी द्वारा सुनंदा की मौत से जुड़ी कोई भी ख़बर तब तक प्रसारित किए जाने पर रोक लगाने की माँग की थी जब तक यह मामला लंबित है। उन्होंने याचिका में यह भी अपील की थी कि उनकी छवि को ख़राब करने वाली ऐसी रिपोर्टों पर तब तक रोक लगाई जाए।