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बीजेपी से वापस टीएमसी में आए कार्यकर्ताओं का गंगाजल से किया ‘शुद्धिकरण’

बीजेपी से वापस टीएमसी में आए कार्यकर्ताओं का गंगाजल से किया ‘शुद्धिकरण’

पश्चिम बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए धरना देना पड़ रहा है कि उन्हें उनकी पुरानी पार्टी टीएमसी वापस ले ले।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए धरना देना पड़ रहा है कि उन्हें उनकी पुरानी पार्टी टीएमसी वापस ले ले। धरना देने और कई दिनों तक गुहार लगाने के बाद जब उन्हें टीएमसी में शामिल किया जा रहा है तो उन पर गंगाजल छिड़ककर उनका ‘शुद्धिकरण’ किया जा रहा है। 

‘शुद्धिकरण’ करने की यह घटना बीरभूमि जिले की सैंथिया विधानसभा सीट के बानाग्राम में हुई है। जहां बीजेपी के 300 कार्यकर्ता टीएमसी दफ़्तर के आगे भूख हड़ताल पर बैठ गए और उन्हें पार्टी में वापस लेने की मांग की। शुक्रवार को इन कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कर लिया गया लेकिन उससे पहले गंगाजल छिड़ककर उनका ‘शुद्धिकरण’ किया गया। 

गंगाजल छिड़कने के पीछे कारण यह बताया गया है कि इससे कार्यकर्ताओं का दूषित हो चुका दिमाग शुद्ध होगा। बीजेपी के कार्यकर्ता बंगाल में कई जगहों पर इस तरह के प्रदर्शन कर टीएमसी से उन्हें पार्टी में वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

बंगाल की राजनीति पर देखिए चर्चा- 

धरना दे रहे इन कार्यकर्ताओं में से एक अशोक मंडल ने टीएमसी में वापस लिए जाने से पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया से कहा, “हम चाहते हैं कि टीएमसी हमें वापस ले। बीजेपी में शामिल होने के कारण हमने अपने ही गांवों का विकास ठप कर दिया है। जब तक हमें वापस नहीं लिया जाता हम प्रदर्शन जारी रखेंगे।” 

इन सभी कार्यकर्ताओं को बानाग्राम में टीएमसी के पंचायत प्रधान तुषार कांति मंडल ने टीएमसी का झंडा देकर फिर से पार्टी में शामिल कराया। उन्होंने कहा कि ये लोग बीते कई दिनों से टीएमसी में वापस लिए जाने की अपील कर रहे थे। लेकिन जब इन्होंने पार्टी दफ़्तर के सामने धरना दे दिया तो मैंने पार्टी के नेताओं से बात की और उन्हें फिर से पार्टी में ले लिया। 

मंडल ने कहा कि बीजेपी नफ़रत फैलाने वाली पार्टी है और उसने अपने ज़हरीले विचारों को इनके मन में भर दिया है इसलिए हमने इन पर गंगाजल छिड़का जिससे ये सभी अशांतियों से मुक्ति पा लें।

यह सब ड्रामा है: बीजेपी 

जबकि बीजेपी के एक नेता ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से कहा, “यह सब ड्रामा है। हमारे कार्यकर्ताओं पर टीएमसी में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और इस तरह के ड्रामे यह दिखाने के लिए किए जा रहे हैं कि चुनाव के बाद कोई हिंसा नहीं हुई है। कुछ जगहों पर हालात बेहद ख़तरनाक हैं और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के पास टीएमसी में शामिल होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।” 

इल्लम बाज़ार की घटना 

कुछ दिनों पहले बीरभूमि के इल्लम बाज़ार इलाक़े में भी ऐसी ही घटना हुई थी जब बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी के दफ़्तर के बाहर धरने पर बैठ गए थे और उन्हें पार्टी में वापस लेने की मांग की थी। इन सभी कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने की गुहार लगा रहे थे। 

धरना देने के बाद बीजेपी के 50 कार्यकर्ताओं को टीएमसी में वापस शामिल कर लिया गया था। 

 - Satya Hindi

विधायक भी नाराज़

बीजेपी के विधायकों में वाक़ई नाराज़गी है, इसका पता सोमवार को तब चला था जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलने गए विधायकों में से 24 विधायक ग़ैर-हाज़िर रहे थे। बताया जाता है कि ये विधायक मुकुल राय के संपर्क में हैं। 

विधायकों को विपक्ष के नेता और ममता की टीम के पुराने सियासी खिलाड़ी शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलने जाना था लेकिन जब इतनी बड़ी तादाद में विधायक ग़ैर-हाज़िर रहे तो कोलकाता से लेकर दिल्ली तक में खलबली मच गई। 

बीजेपी विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास खुलकर कह चुके हैं कि वे टीएमसी में वापस आना चाहते हैं। मुकुल राय की टीएमसी में वापसी के बाद इन नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी उन्हें भी वापस ले लेगी। लेकिन यह सब ममता बनर्जी के मूड पर निर्भर करेगा। 

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