क्या सिंघु सीमा पर स्थानीय लोगों के वेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन?
क्या दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु सीमा पर बैठे आन्दोलनकारी किसानों को वहाँ से हटाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया है? या स्थानीय होने का दावा करन वाले लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं?
कई टेलीविज़न चैनलों ने सिंघु सीमा से रिपोर्ट करते हुए दावा किया कि स्थानीय लोगों ने आन्दोलनकारी किसानों को वहाँ से हटाने की माँग करते हुए प्रदर्शन किया है, वहाँ हिंसा भी हुई।
'ऑल्ट न्यूज़' की पड़ताल
लेकिन वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने इस ख़बर से जुड़ी चैनलों की तसवीरों और वीडियो का विश्लेषण किया, दूसरी जगहों से जानकारियाँ इकट्ठी कीं और बताया है कि ये लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे।
'ऑल्ट न्यूज़' ने नीचे की इस तसवीर का विश्लेषण कर बताया है कि हरी-सफेद धारीदार क़मीज पहने और हाथ में तिरंगा लिए जिस प्रदर्शनकारी को दिखाया गया है, उसकी पहचान कई सोशल मीडिया साइट पर अमन डबास के रूप में की गई है।
अमन कुमार का फ़ेसबुक पेज
फ़ेसबुक पेज पर इस आदमी ने अपना नाम अमन कुमार बताया है, डबास उसके खानदान का नाम है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में जाट समुदाय में होता है।
अमन कुमार ने फ़ेसबुक पेज पर ख़ुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है।
अमन कुमार ने अपने फ़ेसबुक पेज पर पिछले साल बरवाला गाँव, पूथ खुर्द, वार्डन संख्या 31 में हुए सैनिटाइजेशन कार्यक्रम की तसवीर अपलोड की है।
पत्नी बीजेपी नेता
अमन कुमार का विवाह स्थानीय बीजेपी नेता और वार्ड नंबर 31 की म्युनिसपल कौंसिलर अंजू कुमार उर्फ अंजू देवी से हुआ है।
अमन कुमार को बीजेपी उत्तर पश्चिम की बैठकों में भी देखा गया है। वे और अंजू देवी 2017 में बीजेपी में शामिल होने के पहले तक खुद को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताते थे।
माइनेता.इन्फ़ो पर अंजू देवी ने खुद को अमन कुमार की पत्नी और 31 नंबर पूथ खुर्द की रहने वाली बताया है।
पूथ खुर्द सिंघु बोर्डर से 15 किलोमीटर दूर है, उसे सिंघु के पड़ोस का गाँव माना जाना चाहिए।
बीजेपी कार्यकर्ता कृष्ण डबास
बीजेपी के एक दूसरे कार्यकर्ता कृष्ण डबास ने सिंघु सीमा पर हुई हिंसा से जुड़ा पोस्ट अपने फ़ेसबुक पेज पर डाला।
'ऑल्ट न्यूज़' ने उस पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा किया है। बाद में कृष्ण डबास ने वह पोस्ट हटा दिया। लेकिन उसके पहले उसने उस पोस्ट के साथ बीजेपी नेता संदीुप शहरावत और रवींद्र कुमार को टैग किया था।
रवींद्र कुमार ने माइनेता.इन्फ़ो पर ख़ुद को बवाना का मतदाता और कृष्ण विहार का निवासी बताया है।
कृष्ण डबास ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें वे खुद को प्रदर्शन करता हुआ स्थानीय निवासी बताते हैं। वे उस वीडियो में यह कहते हुए दिखते हैं कि किसानों को वहां से हटाया जाना चाहिए। वे उसमें यह तर्क भी देते हैं कि 26 जनवरी को इन किसानों ने देश का अपमान किया है और वे उसे किसी कीमत पर नहीं सहेंगे।
वे नारा भी लगाते हैं, "हमारा बोर्डर खाली करो।" अमन कुमार और कृष्ण कुमार दोनों को ही नारेबाजी करते हुए और बोर्डर खाली करो के नारे लगाते हुए इस वीडियो में भी देखा जा सकता है।
#WATCH | Delhi: Group of people claiming to be locals gather at Singhu border (Delhi-Haryana border) demanding that the area be vacated. pic.twitter.com/AHGBc2AuXO
— ANI (@ANI) January 29, 2021
पिछले साल कृष्ण कुमार ने बीजेपी पश्चिम दिल्ली पूथ खुर्द से अमन की पत्नी अंजू का एक पोस्ट भी अपलोड किया।
ऑल्ट न्यूज़ ने अमन की एक तसवीर भी लगाई है, जिसमें वे भारतीय जनता पार्टी का बैनर पकड़े हुए हैं।
ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल से यह साफ है कि ये लोग स्थानीय निवासी नहीं हैं, ये बीजेपी कार्यकर्ता हैं।
बता दें कि कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने खुद को स्थानीय बताते हुए उग्र प्रदर्शन किया। ये लोग बड़ी संख्या में लोग सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे और बॉर्डर को खाली कराने की मांग की।
हालात उस वक़्त तनावपूर्ण हो गए जब दोनों ओर से पत्थर चलने लगे। यानी किसान आंदोलनकारी और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए। पुलिस ने हालात को संभालते हुए स्थानीय लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया, इसके बाद वे पीछे हटे। पत्थरबाज़ी में कुछ लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। एसएचओ, अलीपुर पर हमला किया गया है। दोनों ओर से जमकर नारेबाज़ी भी हुई। पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों को दूर तक खदेड़ दिया।