दिल्ली जीतने के लिए बीजेपी के पास सिर्फ़ धार्मिक ध्रुवीकरण का रास्ता बचा?
बीजेपी दावा करती है कि मोदी सरकार ने आम आदमी के जीवन को बेहतर करने के लिए अनगिनत काम किए हैं। उसके नेता लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि देखो जनता का मोदी जी पर विश्वास है। तो फिर वह किसी राज्य का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खुल्लम-खुल्ला सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल क्यों खेल रही है। हम बात कर रहे हैं कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव की।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का घमासान शिखर पर है और बीजेपी यहां जीत हासिल करना चाहती है। लेकिन जीत हासिल करने के लिए वह यह क्या कर रही है। आप दिल्ली बीजेपी के वैरीफ़ाइड ट्विटर हैंडल पर लगी तसवीर को देखिये। इस तसवीर के एक हिस्से में आग में धूं-धूं कर जल रही डीटीसी बस को दिखाया गया है और दूसरे हिस्से में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसलिम टोपी और रुमाल में दिखाया गया है। यह बस नागरिकता संशोधन क़ानून के दौरान जामिया के छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के दौरान जली थी। केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला ख़ान खड़े हैं। यह वही अमानतुल्ला ख़ान हैं जिन्हें बीजेपी के नेता खुलेआम दंगाई बताते नहीं थकते।
विधानसभा चुनाव के मौक़े पर डीटीसी बस के साथ केजरीवाल का मुसलिम लिबास में फ़ोटो लगाने का क्या मतलब समझ आता है। मतलब यह साफ़ समझ में आता है कि बीजेपी दिल्ली चुनाव में धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करना चाहती है। बीजेपी ने बाक़ायदा इस ट्वीट को पिन किया हुआ है यानी कि वह चाहती है कि लोग इसे आसानी से देख सकें और री-ट्वीट कर सकें।
मुसलिमों का आंदोलन बताने की कोशिश
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर देश की राजधानी दिल्ली का माहौल बेहद गर्म है। एक महीने से ज़्यादा समय से सर्द रातों में महिलाएं कड़ाके की ठंड में बैठी हैं। पहले तो मुसलिम महिलाएं ही इस धरने में थीं लेकिन बाद में सभी धर्मों, समुदायों के लोग इसमें जुड़ गये। दिल्ली के बीजेपी नेता लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इस धरने को मुसलिम समुदाय से जोड़ दिया जाए। दिल्ली में कई अन्य जगहों पर चल रहे इस धरने को लेकर दिल्ली बीजेपी के नेता और चुनाव में उम्मीदवार कपिल मिश्रा की टिप्पणी देखिये। वह लिखते हैं, - ‘शाहीन बाग़ के बाद अब दिल्ली के चांद बाग में भी मुसलिम भीड़ ने सड़क पर कब्जा कर लिया है और हजारों मुसलिम सड़कों पर उतरे हुए हैं और खुलेआम गुंडागर्दी की जा रही है।’ कपिल मिश्रा ने पूरी कोशिश है कि इसे धार्मिक रंग दे दिया जाए।
शाहीन बाग के बाद अब दिल्ली के चांद बाग में भी मुस्लिम भीड़ ने सड़क पर कब्जा कर लिया हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 21, 2020
अभी इस समय दिल्ली के चांद बाग में हजारों मुस्लिम सड़को पर उतरे हुए हैं
खुलेआम गुंडागर्दी की जा रही हैं pic.twitter.com/Jpmfn2GuI8
सोशल मीडिया पर फ़जीहत
बीजेपी ने इस फ़ोटो के जलती बस वाले हिस्से पर आर्ट लिखा है जबकि केजरीवाल की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। आयुष चतुर्वेदी नाम के ट्विटर यूजर ने इसके जवाब में सावरकर के माफ़ीनामा पर आर्ट और सावरकर की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखा है।Art. Artist. pic.twitter.com/5nOTyMMvo0
— Ayush Chaturvedi (@TheAyushVoice) January 21, 2020
नार्मी हू नाम के ट्विटर यूजर ने जेएनयू में गुंडागर्दी करने वालों की तसवीर पर आर्ट लिखा है तो अमित शाह की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखा है।
The Art The Artist pic.twitter.com/nWxbkdzSeM
— Normie Who (@NormieWho) January 21, 2020
रिबैलियस फ़्लावर नाम के ट्विटर यूजर ने बाबरी मसजिद विध्वंस की फ़ोटो पर आर्ट लिखा है तो पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखा है।
Art Artist pic.twitter.com/RLEKyAI5yX
— Rebellious flower 🥳 (@flawsome_guy) January 20, 2020
तरूण व्यास नाम के ट्विटर यूज़र ने दंगों की फ़ोटो पर आर्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखकर बीजेपी को जवाब दिया है।
The art The artist pic.twitter.com/qJKnbzpFoG
— 🇮🇳 (@tarunvyas_) January 20, 2020
इसी तरह आसमा ख़ातून नाम की ट्विटर यूजर ने गोधरा दंगों के दौरान जलती हुई ट्रेन की फ़ोटो पर आर्ट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़ोटो पर आर्टिस्ट लिखा है।
#मेरा_संविधान pic.twitter.com/roc1AfuAeS
— Asma khatun (@SarifAishwaria) January 21, 2020