एमपी-छत्तीसगढ़ की मुश्किल सीटों पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने किया विचार
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को एमपी और छत्तीसगढ़ की कड़े मुकाबले वाली सीटों पर विचार किया। इस बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा उन शीर्ष भाजपा नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने राज्य इकाइयों द्वारा उपलब्ध कराए गए फीडबैक के आधार पर पार्टी की स्थिति का आकलन किया। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति के अधिकांश सदस्यों, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के प्रभारी केंद्रीय नेताओं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी इस बैठक में भाग लिया।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "पन्ना प्रमुख" रणनीति के साथ-साथ भाजपा जीतने की क्षमता पर भी विचार किया गया। हालांकि ये भाजपा की पुरानी रणनीति है, जिसमें वो चुनाव क्षेत्रों को बांटकर वहां अपने कार्यकर्ताओं की ड्यूटी मतदाता सूची के हिसाब से लगाती है। इन्हें पन्ना प्रमुख कहा जाता है। पन्ना प्रमुख एक-एक वोट पर नजर रखते हैं। सूत्रों ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ की लगभग एक तिहाई सीटों पर “विशेष ध्यान” देगी क्योंकि उन्हें मुश्किल वाले चुनाव क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने इनमें से हर सीट के लिए उम्मीदवारों का एक पैनल भी तैयार किया है।
Glimpses from BJP Central Election Committee Meeting being held at party headquarters in New Delhi. pic.twitter.com/gRx8eIZfXg
— BJP (@BJP4India) August 16, 2023
भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि चुनाव होने से कुछ महीने पहले शीर्ष नेतृत्व की बैठक इन राज्य चुनावों के महत्व को बताती है। भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणाम पार्टी की लोकसभा चुनाव तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
बैठक में उन विधानसभा क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़े झटके लगे थे। 2018 के राज्य चुनावों में, भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों में सत्ता खो दी, लेकिन वह एक साल से अधिक समय के बाद बाद एमपी में कांग्रेस सरकार को गिराने में सफल रही। इसने छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से केवल 15 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं। 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में भाजपा की संख्या 109 थी, जबकि कांग्रेस की 114 थी।
मई 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा दोनों राज्यों में स्थिति को बदलने में कामयाब रही। उसने छत्तीसगढ़ में 11 में से नौ सीटें और मध्य प्रदेश में 29 में से 28 सीटें जीतीं।