बंगाल बीजेपी ने विधायक की मौत को बनाया ममता के ख़िलाफ़ सियासी हथियार
पश्चिम बंगाल में अपने विधायक की संदेहास्पद स्थितियों में हुई मौत को बीजेपी ने राजनीतिक हथियार बनाने का फ़ैसला कर लिया है। वह इसे 'गुंडा राज' का सबूत बता रही है कि कह रही है कि इसके लिए राज्य की जनता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को माफ़ नहीं करेगी।
यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि अगले साल जून में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है, जिसके लिए बीजेपी कमर कस रही है।
मामला क्या है?
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से लगभग 450 किलोमीटर दूर उत्तर दिनाजपुर के हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ राय का शव एक दुकान के बाहर पाया गया।रायगंज के देबेन मोड़ के बलिया बाज़ार में मोबाइल फ़ोन की दुकान के बाहर देबेंद्र राय का शव लटकता हुआ पाया गया। पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यह आत्महत्या का मामला है और मृतक की कमीज की जेब से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।
आत्महत्या!
पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, 'मृतक की कमीज की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में आत्महत्या के लिए दो लोगों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है।'A suicide note is recovered from the shirt pocket of the deceased. Two persons have been named in the note as responsible for his death...(2/3)
— West Bengal Police (@WBPolice) July 13, 2020
पुलिस ने यह भी कहा है कि 'खोजी कुत्ते को वारदात की जगह पर ले जाया गया, फोरेंसिक विशेषज्ञ भी वहां गए और हर जाँच के लिए ज़रूरी हर तरह के कदम उठाए गए।'
राय के भतीजे ने सीबीआई जाँच की माँग की है। परिवार के एक सदस्य ने यह भी दावा किया रात एक बजे कोई आया और उन्हें बुला कर ले गया।
बीजेपी की राजनीति
लेकिन इस पर ज़ोरदार राजीति शुरू हो चुकी है। बीजेपी ने इसे क़ानून व्यवस्था से जोड़ दिया है और इसे राज्य सरकार की नाकामी के रूप में पेश कर रही है।बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इसका राजनीतिक फ़ायदा उठाने का फ़ैसला कर लिया है, यह राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के ट्वीट से साफ़ हो गया है। उन्होंने इसे गुंडाराज का उदाहरण बताया है और कहा है कि इसके लिए राज्य की जनता मुख्यमंत्री को कभी माफ़ नहीं करेगी।
The suspected heinous killing of Debendra Nath Ray, BJP MLA from Hemtabad in West Bengal, is extremely shocking and deplorable. This speaks of the Gunda Raj & failure of law and order in the Mamta govt. People will not forgive such a govt in the future. We strongly condemn this.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) July 13, 2020
राज्यपाल का हमला
लेकिन इससे भी अधिक दिलचस्प प्रतिक्रिया राज्यपाल जगदीप धनकड़ की है। उन्होंने इसे 'राजनीतिक बदले की कार्रवाई' क़रार दिया है। उन्होने कहा है कि 'ममता बनर्जी के राज में इस तरह की वारदात रुकने का नाम नहीं ले रही है।' उन्होंने इसकी निष्पक्ष जाँच की माँग भी की है।Political violence and vendetta @MamataOfficial shows no signs of abating.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) July 13, 2020
Death of Debendra Nath Roy, Hemtabad MLA-Uttar Dinajpur District, raises serious issues including allegations of murder.
Need for thorough impartial probe to unravel truth and blunt political violence.
बीजेपी का पुराना खेल!
पिछले साल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले के जियागंज थाने के तहत एक गाँव में बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी और छह साल के बच्चे के शव उनके घर से बरामद हुए थे।इस मौत पर राजनीति की शुरुआत बीजेपी ने की थी। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्र ने एक वीडियो जारी कर कहा, 'इसने मेरी अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है... एक आरएसएस कार्यकर्ता श्री बंधुप्रकाश पाल, उनकी आठ महीने की गर्भवती पत्नी तथा उनके बच्चे को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में क्रूरता से काट डाला गया।'
क्या कहा था बीजेपी प्रवक्ता ने!
लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि बीजेपी के इस राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस पर उदारवादियों को निशाने पर लिया और सवाल उठाया - ‘इस घटना पर वे क्यों नहीं कुछ बोलते। इसके पहले मॉब लिन्चिंग पर 49 लोगों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर चिंता जताई थी। संबित पात्र ने सवाल उठाया कि ये लोग अब कहाँ हैं और क्यों नहीं मुँह खोलते। उन्होंने वीडियो में कहा,
“
'उदारवादियों की ओर से एक शब्द भी नहीं कहा गया... 49 उदारवादियों की तरफ से ममता को एक खत भी नहीं... इस तरह कुछ खास घटनाओं पर ही प्रतिक्रिया दिए जाने से मुझे घिन आती है।’
संबित पात्रा, प्रवक्ता, बीजेपी
सच क्या था?
बंधु प्रकाश पाल की माँ और ममेरे भाई ने साफ़ कहा था कि पाल कभी भी किसी भी राजनीतिक दल या आरएसएस से जुड़े हुए नहीं रहे। उनकी माँ ने कहा, 'वह बिल्कुल कोरे काग़ज़ की तरह था। किसने कह दिया कि वह बीजेपी का सदस्य था? वह कभी भी न तो बीजेपी का सदस्य रहा और न ही तृणमूल का। वह कभी आरएसएस से जुड़ा हुआ नहीं था। ये सब झूठ फैलाया जा रहा है।'इसी तरह पाल के ममेरे भाई बंधु कृष्ण घोष ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल से भी कहा कि वह इस हत्याकांड को बीजेपी से न जोड़े और हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने की कोशिश करे।
लेकिन बाद में पुलिस ने इस मामले में 20 साल के उत्पल बेहारा नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया। पुलिस के मुताबिक़, बेहारा ने स्वीकार किया है कि उसने इंश्योरेंस पॉलिसी में पैसों को लेकर हुए विवाद की वजह से पाल, उसकी पत्नी और बेटे की हत्या की थी। पाल एक स्कूल में टीचर थे।
सवाल यह है कि इस बार क्या होगा, क्योंकि पुलिस के अनुसार सुसाइट नोट मिल चुका है।