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रामनवमी झड़प के बाद बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध, सुवेंदु ने ठहराया ममता को जिम्मेदार

रामनवमी झड़प के बाद बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध, सुवेंदु ने ठहराया ममता को जिम्मेदार

लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 17 नवंबर को हिंसा की आशंका जताई थी। जानिए, झड़प की घटनाओं पर बीजेपी अब क्या आरोप लगा रही है।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान झड़पों के बाद बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने इन झड़पों के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज़िम्मेदार ठहराया।

रामनवमी शोभायात्रा के दौरान झड़पों में कई लोग घायल हो गए। यह घटना शक्तिपुर इलाक़े में उस समय हुई जब शोभायात्रा निकाली जा रही थी। झड़प होने की असली वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर साझा किए गए कुछ वीडियो में कुछ लोगों को छतों से पथराव करते देखा गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने आगे कहा कि स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया है और क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है। घायल लोगों को बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद में इलाके में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।

रामनवमी पर इस तरह की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पिछले कई दिनों से आशंका जता रही थीं। पिछले साल भी रामनवमी की शोभायात्रा में हिंसा हुई थी। ममता ने क़रीब हफ़्ते भर पहले ही ऐसी झड़प की आशंका जताई थी। उन्होंने दावा किया था कि बीजेपी 17 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले राज्य में 'दंगे भड़काएगी'। 

उन्होंने कहा था कि 17 अप्रैल को रामनवमी है, इस दौरान आप लोग रैली का आयोजन करें, लेकिन किसी भी तरह के दंगे में शामिल न हों। तब ममता ने कहा था, 'रैलियां और बैठकें करें लेकिन दंगा मत करें। यह वे (बीजेपी) हैं जो दंगा करेंगे। 19 अप्रैल को मतदान है और वे 17 अप्रैल को दंगा करेंगे। भगवान राम आपको दंगा करने के लिए नहीं कहते हैं। लेकिन ये लोग दंगा करेंगे और दंगा करके एनआईए को राज्य में लाएँगे।'

बहरहाल, अब झड़प होने के बाद बीजेपी की बंगाल इकाई ने आरोप लगाया है कि रैली पर पथराव किया गया और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री के भड़काऊ भाषण के कारण पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्थानों पर रामनवमी शोभायात्राओं को बाधित किया गया और उन पर हमला किया गया। उपद्रवियों को सफलतापूर्वक उकसाया गया, जिन्हें आश्वासन दिया गया था कि कानून प्रवर्तन एजेंसी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि रामनवमी पर सीएम के सार्वजनिक रुख को देखते हुए उनके हाथ बंधे हुए हैं। रामनवमी एक ऐसा दिन है, जो उनके अनुसार, 'दंगा का दिन है'।"

उन्होंने कहा, 'मैंने माननीय राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस को पत्र लिखा है; उन्हें 17.04.2024 को राम नवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्राओं पर हुए हमलों के संबंध में अवगत कराया और उनसे कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, साथ ही घटनाओं की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए से कराने का अनुरोध किया।'

उन्होंने इसको लेकर चुनाव आयोग से भी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।'

इधर बहरामपुर के सांसद और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार शाम को क्षेत्र का दौरा करने के बाद कहा, 'मैं मालदा से झड़प में घायल हुए लोगों को देखने आया था। लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में यह दावा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया कि हिंदुओं पर हमला हो रहा है और मुझसे जवाब मांग रहे हैं। विरोध करने वालों को उन लोगों से पूछना चाहिए जिन्हें जवाब देने की जरूरत है।'

उन्होंने कहा, 'दंगे एक अच्छी तरह से बनाई योजना के तहत भड़काए जा रहे हैं। और भाजपा का विरोध यह साबित करता है। मैंने चुनाव आयोग से बात की है। शक्तिपुर में अतिरिक्त बल भेजे गए हैं और एसपी मौके पर हैं। मैं चुनाव आयोग से लगातार संपर्क में हूं।' 

यह घटना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी के कुछ दिनों बाद हुई है। ममता ने सोमवार को भी कहा था, 'आज भी सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया। अब, अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।'

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