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वामपंथी रैली की तसवीर पोस्ट कर मोदी की रैली की भीड़ क्यों बताई?

वामपंथी रैली की तसवीर पोस्ट कर मोदी की रैली की भीड़ क्यों बताई?

प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार की रैली की उनकी पार्टी और समर्थकों की ओर से ऐसी-ऐसी तसवीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं जो दूसरी पार्टियों की रैलियों की थीं। 

जिस वामपंथी पार्टी को बीजेपी और इसके समर्थक गाहे-बगाहे कोसते रहते हैं यदि उसकी ही रैली की तसवीरों का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री मोदी की रैली की भीड़ बताई जाए तो क्या कहेंगे! यह सब तब हो रहा है जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का प्रचार चल रहा है।

जब प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में रविवार को रैली की तो उनकी पार्टी और समर्थकों की ओर से ऐसी-ऐसी तसवीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दावा किया जाने लगा जैसे अपूर्व भीड़ जुटी। यदि ऐसी भीड़ जुटी भी होगी तो भी बीजेपी और उनके समर्थकों द्वारा कई ऐसी तसवीरें शेयर की गईं जो दूसरी पार्टियों की रैलियों की थीं। कुछ तो दो साल पहले की भी तसवीरें थीं। फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने यह दावा किया है। 

रिपोर्ट के अनुसार, कई राज्यों की बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और एसजी सूर्या जैसे बीजेपी के प्रवक्ताओं ने भी उन तसवीरों को ट्विटर पर साझा किया। लेकिन जब उन तसवीरों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे तो फिर उन ट्विटर हैंडल से तसवीरें ग़ायब होने लगीं। इन तसवीरों का ग़ायब होना ही एक तरह से फ़ैक्ट चेक है कि उन तसवीरों को ग़लत तरीक़े से साझा किया गया था। 

जिस पुरानी तसवीर को कोलकाता में मोदी की रैली की तसवीर बताकर शेयर किया गया था उसको बाद में अधिकतर जगहों से हटा लिया गया। एसजी सूर्या ने तो उन तसवीरों को हटाने की बात स्वीकारी भी। 

एसजी सूर्या ने जब कहा कि उन्होंने वह ट्वीट हटा लिया है तो ऑल्ट न्यूज़ के मुहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट कर कहा कि सिर्फ़ आप ही नहीं कई और ट्विटर हैंडल से उसी तसवीर को ट्वीट किया गया। उन्होंने पूछा कि 'क्या वाट्सऐप ग्रुप पर टूलकिट शेयर किया गया था?'

हालाँकि, अभी भी ट्विटर पर कई ऐसे समर्थक हैं जिन्होंने पुरानी तसवीर को नहीं हटाया है। गजेंद्र चौहान ने जो कई तसवीरें ट्वीट की हैं उनमें कुछ पुरानी तसवीरें भी हैं। 

'ऑल्ट न्यूज़' की रिपोर्ट के अनुसार पुरानी तसवीरों को बीजेपी तमिलनाडु, बीजेपी पंजाब, बीजेपी सदस्य तेजिंदर सिंह बग्गा, एसजी सूर्या, भानू जलान और सीए ओपी मिश्रा जैसे लोगों ने शेयर किया था। इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ़्ते भी कुछ कांग्रेस समर्थकों ने इसी तसवीर को शेयर कर दावा किया था कि यह कांग्रेस, सीपीआई (एम) और इंडियन सेक्युलर फ्रंट की रैली की भीड़ है। 

ऑल्ट न्यूज़ ने लिखा है कि जब इसकी रिवर्स इमेज से पड़ताल की गई तो यही तसवीर एक्सवाईजेड सोशल न्यूज़ द्वारा 2019 में शेयर की गई थी और कैप्शन में लिखा था कि यह 3 फ़रवरी 2019 में लेफ्ट फ्रंट की ब्रिगेड परेड ग्राउंड कोलकाता में रैली है। तसवीर को न्यूज़ एजेंसी आईएनएस से साभार लगाया गया था। 

पिछले साल उसी तसवीर को सीपीआई (एम) पश्चिम बंगाल ने साझा कर लिखा था कि 'पिछले साल कोलकाता में ब्रिगेड रैली का विहंगम नज़ारा।' 

इस तसवीर में देखा जा सकता है कि भारी भीड़ है और वामपंथी पार्टियों के लाल झंडे बड़ी संख्या में फहरा रहे हैं। 

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