ग़रीब का निवाला छीन तिरंगे का पैसा वसूलना शर्मनाक: वरुण गांधी
प्रधानमंत्री मोदी ने 'घर घर तिरंगा' का नारा दिया, लेकिन अब तिरंगा झंडे को खरीदने के लिए लोगों को मजबूर करने की ख़बरें आने लगी हैं! सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि राशन कार्ड धारक इसको लेकर आपत्ति जता रहे हैं। उस वीडियो में कई लोगों की यह शिकायत है कि उन्हें जबरन तिरंगा झंडा दिया गया है। तिरंगा झंडा के लिए पैसा नहीं चुकाने पर राशन नहीं देने की भी शिकायतें की गई हैं।
इस वीडियो को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ही ट्विटर पर साझा किया है। उन्होंने लिखा है कि आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का उत्सव ग़रीबों पर ही बोझ बन जाए तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उन्होंने कहा है कि तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर कर उनके हिस्से का राशन काटना, तिरंगे की कीमत ग़रीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है।
आजादी की 75वीं वर्षगाँठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाए तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 10, 2022
राशनकार्ड धारकों को या तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है।
हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है। pic.twitter.com/pYKZCfGaCV
इस वायरल वीडियो में माइक लिए एक शख्स एक आदमी से तिरंगे झंडे को लेकर सवाल पूछता है। राशन कार्ड धारक जान पड़ने वाला वह आदमी कहता है, 'सबसे पहले बोला- झंडा ले लो। झंडा मैं नहीं लेना चाहता। जब मैंने राशन लेना है, मेरे पास पैसे ही नहीं हैं। मैंने 10-20 बंदों से पैसे मांगे, उन्होंने बोला कि मजदूरी ही नहीं लगी है.... तो मैं पैसे कहाँ से ले आऊँ।'
इस वीडियो में ही आगे देखा जा सकता है कि कई तिरंगे झंडे लिए बैठा एक शख्स कहता है, '...उनसे हमने कहा कि 20 रुपये का झंडा है, सरकार का ऊपर से ऑर्डर है, तुम्हारे को तो पैसे जमा करवाने पड़ेंगे। मैंने कहा कि जो 20 रुपये का झंडे नहीं लेगा उसको राशन नहीं दो।... हमारे इंस्पेक्टर साहब हैं जो ऊपर बैठे हैं उन्होंने कहा है कि ये झंडा ज़रूरी है। जो राशन ले रहे हैं उनके लिए झंडा ज़रूरी है।'
उस वीडियो में कुछ महिलाओं से बात की गई है जिसमें महिलाएँ तिरंगा झंडे ली हुई हैं। एक महिला कहती हैं कि राशन देने पर झंडे के लिए 20 रुपये वसूले गए। एक अन्य महिला कहती हैं कि 20 रुपये नहीं थे तो पाँच किलो राशन कम दिया और झंडा दे दिया।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी उस वीडियो को साझा करते हुए लिखा है कि झकझोरने वाला मामला है।
Shocking https://t.co/f5Gx8IaJT1
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) August 10, 2022
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य ने लिखा है कि ये कैसी देशभक्ति है?
What kind of patriotism is this? 😥 https://t.co/4RsGFMVCId
— Satish Acharya (@satishacharya) August 10, 2022
इससे पहले रेलवे के अधिकारियों की सैलरी से झंडे के लिए रुपये काटने की ख़बरें आ चुकी हैं। रेलवे ने सरकारी तौर पर अपने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे हर कर्मचारी को अपने घर पर फहराने के लिए झंडा देगा लेकिन उसके बदले उनके वेतन से 38 रुपये काट लिए जाएंगे। रेलवे की तमाम यूनियनें इसका विरोध कर रही हैं। देश में करीब साढ़े दस लाख रेलवेकर्मी हैं। ऐसी ख़बरें हैं कि रेलवे कर्मियों को झंडा सप्लाई करने की जिम्मेदारी एक ही वेंडर को दी गई है।
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे कर्मचारी संघ ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारी राष्ट्रभक्त हैं। वो खुद अपने पैसे से झंडा खरीद लेंगे। संघ के मंत्री चंदन सिंह ने कहा कि यह आदेश हम लोगों पर नहीं थोपा जाए। हम अपने पैसे से झंडा खरीदकर लहरा लेंगे। इसी तरह जोनल महामंत्री आरपी सिंह ने कहा कि स्टाफ बेनीफिट फंड से इस झंडे को खरीदा जाए। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी दफ्तरों से कहा है कि 15 अगस्त को हर दफ्तर पर झंडा फहराया जाए।
तिरंगा झंडा को लेकर ऐसा मामला तब से आ रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'हर घर तिरंगा' अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा है कि अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा का आयोजन किया जा रहा है।
इसी के तहत उन्होंने दो अगस्त को अपने सोशल मीडिया खातों की डीपी यानी डिस्प्ले पिक्चर बदल दी और उसकी जगह तिरंगा लगा दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने फ़ेसबुक, ट्विटर जैसे अपने खातों पर लिखा, 'आज 2 अगस्त का दिन विशेष है। ऐसे समय में जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमारा देश हर घर तिरंगा जैसे सामूहिक आंदोलन के लिए तैयार है। मैंने अपने सोशल मीडिया पेजों पर डीपी बदल दी है और आप सभी से भी ऐसा करने का आग्रह करता हूँ।'
प्रधानमंत्री द्वारा यह आग्रह किए जाने पर भी सोशल मीडिया पर आरएसएस को लेकर आपत्ति उठाई गई कि आख़िर उसने या उससे जुड़े पदाधिकारियों ने अपने सोशल मीडिया खातों की डीपी क्यों नहीं बदली और तिरंगा क्यों नहीं लगाया। सोशल मीडिया पर इस पर भी काफी आलोचनाएँ हुईं।