बीजेपी के ख़िलाफ़ उदित राज, कहा, मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जायज़
भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज ने अपनी ही पार्टी की नीतियों का विरोध किया है। बीजेपी का दलित चेहरा समझे जाने वाले इस सांसद ने कहा है कि वे मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है जब उनकी पार्टी ने केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के ख़िलाफ़ वहाँ ज़बरदस्त आंदोलन छेड़ रखा है।
केरल के सबरीमला स्थित अयप्पा मंदिर में बुधवार को दो महिलाएँ घुस गईं। उसके बाद मंदिर को बंद कर उसका शुद्धिकरण किया गया। बीजेपी ने औरतों के मंदिर में घुसने के तुरंत बाद विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके समर्थकों ने पुलिस और दूसरे लोगों पर पथराव किए, जिसमें 55 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इसके अगले दिन यानी गुरुवार को बीजेपी पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन पर उतर आई। उसने दूसरे विपक्षी दलों के 'काला दिवस' मनाने के फ़ैसले का स्वागत किया और उसमें शामिल हो गई।
लेकिन उदित राज ने ट्वीट कर जो कुछ कहा, वह उनकी अपनी पार्टी के ही ख़िलाफ़ है। उन्होंनें ट्वीट किया, 'अपनी निजी हैसियत और परिसंघ के अध्यक्ष के रूप में मैं अयप्पा के मंदिर में औरतों के प्रवेश का समर्थन करता हूं। महिलाएँ अपवित्र कैसे हो सकती हैं जबकि मनुष्य उसी से जन्म लेता है संविधान की नज़र में सभी लिगों के लोग बराबर हैं।'
In my personal capacity & chairman of Parisangh I support the entry of women in ayyappa temple. How woman can be impure when man is born from her.God is omnipresent means he is out of temple too. In the eyes of constitution both genders are equal
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) January 2, 2019
उदित राज इसके पहले भी कई बार ऐसी बातें कह चुके हैं, जो पार्टी लाइन से हट कर रही है। उनके बयानों से कई बार बीजेपी की किरकिरी भी हुई है। उन्होंने एक बार महिषासुर का समर्थन किया था और दुर्गापूजा का विरोध किया था, हालाँकि जब उन्होंने यह कहा था उस समय वे बीजेपी में नहीं थे। बाद में बीजेपी को इस मुद्दे पर विपक्ष के कई लोगों ने घेरा था और उसकी फ़जीहत हुई थी। इसी तरह दलित मुद्दे पर उनकी कई बातें पार्टी से हट कर होती हैं। सवाल यह है कि क्या उदितराज सोची समझी रणनीति के तहते ऐसा बयान दे रहे हैं या वे किसी मुद्दे पर नाराज़ हो कर पार्टी को थोड़ा शर्मिंदगी की स्थिति में डालना चाहते है्।