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दानिश को अपशब्द कहने वाले रमेश बिधूड़ी का कौन कर रहा समर्थन

दानिश को अपशब्द कहने वाले रमेश बिधूड़ी का कौन कर रहा समर्थन

संसद में अपशब्द और बेहद आपत्तिजनक शब्द कहने वाले बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी का आख़िर किस आधार पर कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं? जानिए बिधूड़ी का समर्थन करने वाले लोग कौन हैं।

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में बीएसपी सांसद दानिश अली के ख़िलाफ़ अपशब्दों का इस्तेमाल किया और अब उनके ही समर्थन में सोशल मीडिया पर लोग अभियान चला रहे हैं। ऐसी नफ़रती भाषा का इस्तेमाल करने वाले बीजेपी नेता के समर्थन में सोशल मीडिया एक्स पर 'रमेश बिधूड़ी जिंदाबाद' के नाम से हैशटैग चलाया जा रहा है। लोग सनातन धर्म विवाद से जोड़ते हुए उदयनिधि स्टालिन से तुलना कर बिधूड़ी का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।

संसद में जिस भाषा का इस्तेमाल बिधूड़ी ने किया कुछ उसी भाषा का इस्तेमाल अब उनके समर्थक सोशल मीडिया पर उनका समर्थन करने के लिए कर रहे हैं। ऐसा करने वालों में सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश सुरेश चव्हाणके भी हैं। उन्होंने भी अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए लिखा है, '...भारत माता की जय नहीं कहने वाले को उग्रवादी नहीं कहेंगे तो क्या भारत रत्न कहेंगे?'

सोशल मीडिया पर वायरल हुए बिधूड़ी के भाषण के एक हिस्से में बिधूड़ी को बार-बार मायावती की बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली को अपशब्द और इस्लामोफोबिक शब्द कहते हुए देखा गया। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें चेतावनी दी। उनकी टिप्पणियाँ रिकॉर्ड से हटा दी गईं। हालाँकि सोशल मीडिया पर उनका समर्थन लोग कर रहे हैं।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में बीएसपी सांसद दानिश अली के व्यवहार की आलोचना की है। हालाँकि उन्होंने अपनी पार्टी के सहयोगी रमेश बिधूड़ी की सांप्रदायिक टिप्पणी की निंदा की, लेकिन साथ ही उन्होंने दानिश अली के आचरण की जांच की भी मांग कर डाली। दुबे ने कहा है कि बिधूड़ी की टिप्पणी सभ्य समाज के लिए उपयुक्त नहीं है।

उन्होंने कहा है कि लोकसभा की नियम प्रक्रियाओं के तहत किसी सांसद के निर्धारित समय के बीच टोकना, बैठे बैठे बोलना, रनिंग कमेंट्री करना भी सजा के दायरे में आता है। हालाँकि, उन्होंने बिधूड़ी के नफरती भाषण के बारे में यह नहीं कहा कि वह सजा के दायरे में आता है या नहीं।

एक यूज़र ने बिधूड़ी का समर्थन करने की बात कहते हुए लिखा है कि भारत माता से नफरत करने वालों को इन्होंने बिल्कुल सही जवाब दिया है।

बता दें कि बिधूड़ी के मामले में विपक्ष के भारी विरोध के बीच भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस भेजा है और उनसे 15 दिनों के भीतर अपनी असंसदीय भाषा पर स्पष्टीकरण देने को कहा है।  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें चेतावनी दी। उनकी टिप्पणियाँ रिकॉर्ड से हटा दी गईं।

विपक्ष इस मामले में बिधूड़ी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। कांग्रेस, द्रमुक और तृणमूल के कई नेताओं ने स्पीकर को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर हमला किया। उन्होंने पीटीआई से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा ने एक इकोसिस्टम बनाया है 'जहां उन्होंने खुलेआम ऐसी बातें कहना सामान्य बना दिया है'। टीएमसी सांसद ने कहा कि उन्हें शर्म आती है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को सदन में नफरत फैलाने वाले भाषण का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्हें खुशी है कि बीजेपी का असली चेहरा उजागर हो गया।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस द्वारा इस तरह के रवैये की खुली छूट दी गई है।

बीएसपी से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने शुक्रवार को कहा कि अगर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह भारी मन से संसद छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। 

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