मुसलिमों से सब्जी न ख़रीदने के बयान पर बीजेपी विधायक को कारण बताओ नोटिस
उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश तिवारी को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। बरहज के इस विधायक को उनके मुसलिम विरोधी बयान के कारण पार्टी ने नोटिस दिया है।
उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक सुरेश तिवारी के उस बयान पर हंगामा मचा हुआ है जिसमें वह कह रहे हैं कोई भी व्यक्ति मुसलमानों से सब्जी नहीं ख़रीदे। लोग इस बयान को मुसलिमों के ख़िलाफ़ बता रहे हैं लेकिन विधायक को ऐसा नहीं लगता। बयान पर बवाल होने के बाद विधायक ने पलटकर पूछा है, ‘क्या मैंने कुछ ग़लत कहा।’
उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता चंद्र मोहन ने कहा कि पार्टी यह पता लगाएगी कि तिवारी ने इस तरह की बात क्यों कही। उन्होंने कहा कि इस समय सबको ज़िम्मेदारी से काम करना चाहिए जिससे एकता को बल मिले।
तिवारी देवरिया जिले की बरहज विधानसभा सीट से विधायक हैं। तिवारी के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बरहज नगर पालिका के दफ़्तर में पहुंचे विधायक वहां मौजूद लोगों से कहते हैं, ‘एक चीज ध्यान में रखिएगा, मैं आप सबको बोल रहा हूं ओपनली, कोई भी मियां के हाथ से सब्जी नहीं लेनी है।’ इस पर उनके पास खड़ा एक आदमी कहता है कि ऐसा करने पर दिल्ली में मुक़दमा दर्ज हो गया है। बताया जाता है कि इस दौरान वहां पर कुछ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, तिवारी ने कहा कि उन्होंने यह बयान पिछले हफ़्ते बरहज नगर पालिका के दफ़्तर में अपने दौरे के दौरान दिया था। विधायक ने कहा, ‘मैंने ऐसी शिकायतें सुनीं कि एक समुदाय के लोग सब्जियों को अपने थूक से संक्रमित कर कोरोना वायरस फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, इसके बाद मैंने लोगों को सलाह दी कि उनसे सब्जियां नहीं ख़रीदें। स्थिति के सामान्य हो जाने के बाद, वे जो चाहें कर सकते हैं।’
तब्लीग़ी जमात का किया जिक्र
अख़बार के मुताबिक़, विधायक ने कहा कि उन्होंने सिर्फ़ अपना विचार रखा था और यह लोगों पर निर्भर है कि वे इसे मानते हैं या नहीं। विधायक ने कहा कि हर कोई देख सकता है कि जमात के लोगों ने देश में क्या किया है। विधायक का इशारा मार्च के महीने में दिल्ली में हुए तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम के बाद देश में बढ़े कोरोना संक्रमण के मामलों की ओर था।
हालिया वक्त में सोशल मीडिया में कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि मुसलमानों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया गया है। देश में इसलामोफ़ोबिया को लेकर बढ़ती घटनाओं पर इसलामिक देशों के समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इसलामिक को-ऑपरेशन की ओर से सख़्त नाराज़गी जताई जा चुकी है और भारत ने इन देशों की नाराज़गी को दूर करने की कोशिश की है। लेकिन फिर भी इस तरह के बयान लगातार आ रहे हैं।