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मोदी की भी नहीं सुनते बीजेपी नेता, दे रहे हैं ख़ून बहाने की धमकी 

मोदी की भी नहीं सुनते बीजेपी नेता, दे रहे हैं ख़ून बहाने की धमकी 

आकाश विजयवर्गीय की करतूत पर प्रधानमंत्री मोदी के तीख़ी नाराजगी जताने का बीजेपी नेताओं पर थोड़ा सा भी असर होता नज़र नहीं आ रहा है।

मध्य प्रदेश के ‘बल्लामार’ बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय की करतूत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीख़ी नाराजगी जताने का बीजेपी नेताओं पर थोड़ा सा भी असर होता नज़र नहीं आ रहा है। भोपाल में ‘ऑन कैमरा’ मुख्यमंत्री कमलनाथ का ख़ून बहाने की धमकी देने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक और भोपाल जिला बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ सिंह उर्फ़ मम्मा को शुक्रवार दोपहर को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था लेकिन शाम को उन्हें जमानत मिल गई। मम्मा ने गुरुवार को विधानसभा का घेराव करते हुए ‘ख़ून’ बहाने की धमकी दी थी। इस मसले पर राज्य विधानसभा में शुक्रवार को जोरदार हंगामा भी हुआ था। 

सुरेंद्र नाथ सिंह 2013 से 2018 तक भोपाल से बीजेपी के विधायक रहे हैं। लेकिन 2018 में वह चुनाव हार गये थे। मम्मा लंबे समय तक बीजेपी की भोपाल जिला इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं। हाल ही में उन्हें हटाकर केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के कट्टर समर्थक विकास वीरानी को भोपाल जिला इकाई की कमान सौंपी गई है।

अतिक्रमण विरोधी मुहिम की मुख़ालफ़त

मध्य प्रदेश में निज़ाम बदलने के बाद, भोपाल मध्य क्षेत्र के मौजूदा कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने महाराणा प्रताप नगर क्षेत्र (यह भोपाल मध्य विधानसभा का हिस्सा है) समेत अनेक स्थानों से अतिक्रमण हटाये जाने की माँग की थी। मसूद की शिकायत और माँग पर नगर निगम पिछले सप्ताह भर से अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाये हुए है। बीजेपी के पूर्व विधायक मम्मा और उनके समर्थक इस मुहिम का विरोध कर रहे हैं। सप्ताह भर में कई बार मम्मा की निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले के अलावा जिला प्रशासन के अफसरों से भी तीख़ी झड़पें हुई हैं।

सुरेंद्र नाथ सिंह अपने समर्थकों और उन अतिक्रमणकारियों के साथ गुरुवार दोपहर को विधानसभा का घेराव करने पहुँचे थे, जिन्हें अतिक्रमण विरोधी मुहिम के तहत हटाया गया है।

प्रदर्शनकारी अतिक्रमण विरोधी मुहिम में ग़रीबों के साथ ज़्यादती के अलावा बिजली कटौती और मजलूमों को भारी-भरकम बिल दिए जाने का आरोप लगा रहे थे। मम्मा ने न्यूज चैनल के संवाददाताओं की मौजूदगी में सरकार विरोधी नारे लगाये और लगवाये। मम्मा मीडिया से बोले, ‘हमारी माँगें पूरी नहीं हुईं तो ख़ून बहेगा सड़कों पर। यह ख़ून कमलनाथ का होगा।’

विधानसभा में उठा था मामला 

मम्मा के इस बयान के बाद ही राजनीति गर्मा गई। विधानसभा में गुरुवार शाम को यह मामला उठा था। बीजेपी ने सीधे तो नहीं लेकिन सांकेतिक अंदाज में मम्मा का बचाव किया था। उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और जबलपुर से सांसद राकेश सिंह ने बीजेपी को पूरे मामले से अलग कर लिया था। मम्मा की कमलनाथ का ख़ून बहाने की धमकी पर वह बोले, ‘भाषा उचित नहीं है। चाहे सुरेंद्र नाथ हों या कोई और। हरेक को भाषा में संयम बरतना चाहिए।’

इस मामले पर शुक्रवार को सुबह से ही राजनीति गर्म रही। विधानसभा के भीतर और बाहर कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय दिखाई पड़ी। एनएसयूआई ने तो बाकायदा टीटी नगर थाने में एक आवेदन पेश करते हुए सुरेंद्र नाथ सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर लिखने और उनकी गिरफ़्तारी की माँग की थी। उधर, सदन के भीतर ध्यानाकर्षण सूचना रखने वाले कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री का ख़ून बहाने की धमकी - बेहद गंभीर मामला है। इस मुद्दे पर सदन में तत्काल चर्चा होनी चाहिए। मम्मा की अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्तयोग्य नहीं है।’ कांग्रेसियों द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के दरमियान बीजेपी विधायकों ने अन्य मसलों पर शोर-शराबा किया। 

शुक्रवार दोपहर को टीटी नगर पुलिस ने सुरेंद्र नाथ सिंह को गिरफ़्तार कर लिया था। एनएसयूआई की शिकायत पर मम्मा के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया था। उधर, नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले की शिकायत पर भी मम्मा के विरूद्ध अन्य प्रकरण दर्ज हुआ है। 

मम्मा ने कहा था, ‘छूटने के बाद निपटूँगा’

पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने के बाद मम्मा के तेवर ज़्यादा तीख़े दिखे थे। उन्होंने मीडिया से कहा था, ‘जनता के लिए जेल जाना पड़ा तो जायेंगे। किसी की औक़ात नहीं जो उन्हें कुछ कह सके। धमकी देने वाले जान लें - मैंने चूड़ियाँ नहीं पहन रखी हैं। बाहर आकर एक-एक से निपटूँगा।’ इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह बिना कोई प्रतिक्रिया दिये मीडिया से कन्नी काट गये थे। 

मैं इतना ही कहूँगा कि चाल-चरित्र और चेहरे की दुहाई देने वाली बीजेपी की असली संस्कृति को सुरेंद्र नाथ चरितार्थ कर रहे हैं।


कमलनाथ, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ऑडियो 

शुक्रवार को ही मम्मा का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वायरल ऑडियो में मम्मा नगर निगम के एक अतिक्रमण अधिकारी को ‘चेता’ रहे हैं। ऑडियो में वह कह रहे हैं, ‘भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र में कहीं भी अतिक्रमण विरोधी गाड़ी दिखाई पड़ी तो उसमें आग लगा दी जाएगी। अमले में शामिल अफ़सरों को नंगा करके घुमाया जायेगा।’ मम्मा कुछ अन्य आपत्तिजनक धमकियाँ भी इस वायरल ऑडियो में अफ़सर को दे रहे हैं। अफ़सर कह रहा है, ‘मैं अब अतिक्रमण विरोधी दस्ते में नहीं हूँ। मैं तो कार्यालय में ही रहता हूँ।’ इसके बाद मम्मा कह रहे हैं, ‘कमिश्नर को बता दो। धोखे में अतिक्रमण विरोधी अमले के साथ तुम्हें कहीं जाना पड़े तो संभलकर रहना।’

‘गुमटीबाज़ विधायक’ के लगे थे आरोप 

भोपाल मध्य क्षेत्र के विधायक रहते हुए सुरेंद्र नाथ सिंह की छवि ‘गुमटीबाज विधायक’ के तौर पर बेहद बदनाम और ऐसे आरोपों में घिरी रही। यूँ तो पूरा भोपाल अतिक्रमण की चपेट में है। बीजेपी सरकार में भी ऐसा ही रहा। मगर भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र इस मामले में ज़्यादा बदनाम रहा। मम्मा और उनके समर्थकों पर यह आरोप लगाये गये कि ये लोग ‘अपने हितों’ के लिए अतिक्रमण करवाते हैं। मम्मा से पिछला विधायक का चुनाव जीतने वाले मौजूदा कांग्रेस एमएलए आरिफ़ मसूद बीजेपी की सरकार में इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे और आरोप भी लगाते रहे। एमएलए बनने के बाद से उन्होंने मुहिम छेड़ रखी है। यह यह ताज़ा वाक़या उसी मुहिम का हिस्सा है।

मोदी ने कहा था, पार्टी से निकाल दो

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय पिछले दिनों इंदौर में नगर निगम की अतिक्रमण मुहिम का विरोध करने के चलते सुर्खियों में आये थे। उनके क्षेत्र में जर्जर मकान तोड़ने पहुँचे अमले में शामिल निगम इंस्पेक्टर की, आकाश ने सरेआम क्रिकेट बैट से पिटाई की थी। उनका वीडियो देश भर में ख़ूब वायरल हुआ था और जमकर मीडिया की सुर्खियां भी बना था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी की बैठक में ‘बल्लामार’ विधायक की ना केवल तीख़ी आलोचना की थी, बल्कि दो टूक ताकीद दी थी कि - ‘ऐसा व्यव्हार क़तई बर्दाश्त योग्य नहीं है। क़ानून को अपने हाथ में लेने और पार्टी की छवि को धूमिल करने वाला शख़्स कितने ही बड़े नेता से क्यों ना जुड़ा हो - ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।’ प्रधानमंत्री मोदी की दो टूक चेतावनी के बावजूद आकाश विजयवर्गीय के ख़िलाफ़ कोई एक्शन होता दिखा नहीं है। शायद यही वजह है कि बीजेपी नेताओं की ‘दादागिरी’ थमने का नाम ही नहीं ले रही है।

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