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द कश्मीर फाइल्स के लिए बीजेपी नेता कुछ भी करने को तैयार, बंद हॉल को खुलवा दिया

द कश्मीर फाइल्स के लिए बीजेपी नेता कुछ भी करने को तैयार, बंद हॉल को खुलवा दिया

द कश्मीर फाइल्स फिल्म के लिए बीजेपी नेता कुछ भी करने को तैयार हैं। बेशक इसके लिए उन्हें बंद सिनेमा हॉल को फिर से खुलवाना पड़े। ऐसा ही कुछ उन्नाव में हुआ।

द कश्मीर फाइल्स फिल्म के लिए बीजेपी नेता कुछ भी करने को तैयार हैं। यूपी के उन्नाव में एक बंद पड़े सिनेमा हॉल को बीजेपी विधायक ने जबरन खुलवा दिया और उसमें यह फिल्म दो दिन चली लेकिन डीएम ने कार्रवाई करते हुए सिनेमा हॉल को बंद करा दिया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी तो इस फिल्म का सेंट्रल जीएसटी माफ कराने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं।  कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित इस फिल्म को प्रधानमंत्री से लेकर तमाम राज्यों के सीएम ने समर्थन दिया है लेकिन फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किए जाने की वजह से इसका विरोध भी हो रहा है।

उन्नाव की सुंदर टाकीज लंबे समय से फायर एनओसी न होने की वजह से बंद पड़ी थी। 20 मार्च को उन्नाव सदर के बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता ने ट्वीट किया कि “द कश्मीर फ़ाइल्ज़”का आज से सुंदर सिनेमा में निशुल्क प्रदर्शन शुरू। इसी क्रम में आज जनता ने स्वागत किया,साथ ही केक काटकर जनता को सम्बोधित कर पिक्चर देखते हुए । विधायक पंकज गुप्ता ने इसी के साथ सुंदर टाकीज के कई फोटो भी ट्वीट किये। इसमें वो फोटो भी शामिल है जिसमें वो सिनेमा हॉल पर लगा फीता काटकर फिल्म शुरू होने का नेतृत्व कर रहे हैं। 

उन्नाव जिला प्रशासन को जैसे ही इस घटनाक्रम का पता चला तो उसने सबसे पहले सुंदर टाकीज की फाइल मंगाकर उसकी पड़ताल की। इसके बाद डीएम रविन्द्र कुमार ने सुंदर टाकीज को मंगलवार को फौरन बंद करने का निर्देश दिया। फिर तीन दिन यह फिल्म बेखटके चलती रही। लेकिन जिला प्रशासन ने इस नियम को तोड़ने के खिलाफ न तो बीजेपी विधायक पंकज गुप्ता और न ही सुंदर टाकीज के मालिक पर कोई कार्रवाई की। जिला प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि सिनेमा हॉल मालिक ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की। उसने विधायक से इस फिल्म की आड़ में अपना सिनेमा हॉल खोलने का जुगाड़ किया। बहरहाल, जिला प्रशासन न इस बारे में और कोई कार्रवाई करने से इनकार किया है।

 - Satya Hindi

शुक्लागंज के लोग द कश्मीर फाइल्स पर विधायक के प्रयासों से इतना खुश हुए कि उन्होंने मंगलवार को बीजेपी विधायक को चांदी का मुकुट पहनाया। यह फोटो भी विधायक के ट्वीट से।

सिनेमा हॉल को डीएम के बंद कराने पर बीजेपी विधायक चुप होकर घर बैठ गए। लेकिन इसके बाद वो मंगलवार को शुक्लागंज पहुंचे और वहां भी एक हॉल में कश्मीर फाइल्स फिल्म चलवा दी। इस मौके पर उनका बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। कुछ लोगों ने विधायक पंकज गुप्ता को चांदी का मुकुट भी पहनाया।

सेंट्रल जीएसटी माफ कराने की कोशिश

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर केंद्रीय जीएसटी छूट की मांग को लेकर शून्यकाल नोटिस दिया। फिल्म को एमपी, हरियाणा, यूपी, गुजरात, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में कर-मुक्त घोषित किया गया है।

मध्य प्रदेश में तो पुलिस वालों को इसके लिए एक दिन की छुट्टी की भी अनुमति दी गई। हरियाणा के सीएम और विधानसभा स्पीकर, यूपी के सीएम आदि तो इस फिल्म को देखने भी सिनेमा हॉल तक पहुंचे। पीएम मोदी ने द कश्मीर फाइल्स को एक जरूरी फिल्म बताते हुए इसके समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने एक फोटो भी साझा किया जिसमें फिल्म की टीम नजर आ रही है।

यह फिल्म, जो 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन पर केंद्रित है, 11 मार्च को रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिर गई है और इस पर बीजेपी और विपक्षी दलों के परस्पर विरोधी विचार हैं। फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने का आरोप है।

फिल्म में 1990 के जिस काल खंड को इसमें समेटा गया है, उस समय केंद्र में बीजेपी समर्थित सरकार थी और कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन थे, जो दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। फिल्म में कश्मीरी पंडितों का पलायन और उसके साथ हुई हिंसा को तो दिखाया गया है लेकिन उसी दौर में कश्मीर के मुसलमानों की आतंकियों ने बड़े पैमाने पर हत्याएं की, उस तथ्य को छिपा लिया गया है। हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक उस दौर की हिंसा में 89 कश्मीरी पंडित मारे गए थे। जबकि फिल्म में हजारों कश्मीरी पंडितों की बात कही गई है। कश्मीर पर बॉलीवुड में कई और फिल्में भी बनी हैं, लेकिन उनको लेकर इस तरह का विवाद कभी नहीं उठा। इसमें हाल ही में आई शिकारा (डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा) शामिल है। विधु विनोद और उनका परिवार खुद पलायन का शिकार हुआ था। उसी सच्ची कहानी को शिकारा में समेटा गया था। द कश्मीर फाइल्स फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है, जिन्हें 'ताशकंद फाइल्स', 'हेट स्टोरी' और 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।

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