महाराष्ट्र में 7 नवंबर तक सरकार नहीं तो राष्ट्रपति शासन, बीजेपी नेता ने दी धमकी
भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने के लिए शिवसेना पर दबाव डालने का नया तरीका अपनाया है। बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुंगतिवर ने कहा है कि यदि 7 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा।
बता दें कि मौजूदा विधासनभा का कार्यकाल 8 नवंबर को ख़त्म हो रहा है। इसके लिए हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 21 अक्टूबर को घोषित हुए।
एनडीटीवी ने ख़बर दी है कि मुंगतिवर ने एक टेलीविज़न चैनल से कहा कि 'दीवाली का त्योहार बीच में आने की वजह से बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर चल रही बातचीत पूरी नहीं हो सकी। एक-दो दिन में बातचीत फिर शुरू हो जाएगी।'
मुंगतिवर ने कहा, 'महाराष्ट्र की जनता ने किसी एक दल को जनादेश नहीं दिया है, उन्होंने महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) को वोट दिया है।'
उन्होंने कहा, 'हमारा गठजोड़ फ़ेवीकॉल या अंबुजा सीमेंट से भी ज़्यादा मजबूत है।' उन्होंने यह उम्मीद जताई कि 'तय समय से पहले नई सरकार बन जाएगी, वर्ना राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना होगा।'
'सरकार बनाने की कोशिश करेगी एनसीपी'
दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिश करने का साफ़ संकेत दे दिया है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट कर सरकार बनाने का संकेत दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, बीजेपी-शिवसेना को महाराष्ट्र में स्थाई सरकार बनाने का जनमत मिला है। हम चाहते हैं कि वे सरकार बनाए और सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित करें। पर यदि वे बहुमत साबित करने में कामयाब नहीं होते है तो हम निश्चित तौर पर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।NCP leader Nawab Malik: BJP-Shiv-Sena have got people's mandate to form a stable govt in Maharashtra. We want them to form govt and prove majority on the floor of the House. If they are not able to prove majority, then, we will certainly try to form government. #Maharashtra pic.twitter.com/wIBsBCJGfE
— ANI (@ANI) November 1, 2019
इसके पहले गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाक़ात की थी।यह मुलाक़ात इसलिए अहम है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्य मंत्री पद की दावेदारी को लेकर ठनी हुई है। शिवसेना की माँग है कि बीजेपी उसके साथ मुख्य मंत्री पद बराबर समय यानी ढाई-ढाई साल के लिए साझा करे, यानी ढाई साल के लिए शिवसेना का आदमी मुख्य मंत्री तो दूसरे ढाई साल के लिए बीजेपी का।
शिवसेना का कहना है कि चुनाव के पहले ही दोनों दलों के बीच 50-50 की हिस्सेदारी का फ़ॉर्मूला तय हुआ था और उसे इसके तहत आधे समय के लिए मुख्य मंत्री पद मिलना ही चाहिए। बीजेपी का कहना है कि वह मुख्य मंत्री पद किसी सूरत में शिवसेना को नहीं देगी। मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ज़ोर देकर कहा है कि वही पूरे 5 साल के लिए मुख्य मंत्री होंगे।
दिलचस्प बात यह है कि इसके पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने शिवसेना की माँग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि संजय राउत ठीक ही कह रहे हैं, शिवसेना को मुख्य मंत्री पद आधे समय के लिए मिलना चाहिए।