सुशील मोदी बोले- नीतीश 2025 तक सीएम; क्यों नरम हुई बीजेपी?
क्या बिहार की गठबंधन सरकार को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं या फिर सच में कुछ और चल रहा है? आरजेडी की इफ्तार पार्टी के बाद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जो चर्चाएँ चल रही हैं उस पर अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार 2025 तक राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उनको बदलने के लिए बीजेपी द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
नीतीश कुमार को लेकर मीडिया में आ रही ख़बरों पर सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि विपक्ष झूठ फैला रहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार की जगह अपना सीएम बनाना चाहती है। सुशील मोदी के इस बयान के क्या मायने हैं? आरजेडी की इफ़्तार पार्टी में नीतीश के शामिल होने से क्या बीजेपी अब डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है?
यह सवाल इसलिए कि पिछले कुछ हफ्तों में कई बीजेपी नेताओं ने कथित तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भाग लेने के लिए दिल्ली भेजा जाएगा, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री बीजेपी नेता होंगे। हालाँकि, पार्टी की ओर से ऐसा आधिकारिक बयान नहीं आया था।
नीतीश की विदाई के कयास तब भी लगाए जाने लगे थे जब बीजेपी ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सभी विधायकों को अपनी पार्टी में मिला लिया था। उसके साथ ही बीजेपी 77 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और आरजेडी 75 विधायकों के साथ दूसरे नंबर की। तीसरे नंबर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं जिनकी पार्टी- जनता दल यूनाइटेड के पास फिलहाल 43 विधायक हैं।
इससे पहले तब भी नीतीश कुमार को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे जब उनके और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच तनातनी हो गई थी। इसका असर बीजेपी और जेडीयू के रिश्तों पर भी पड़ा था। हालाँकि बाद में दोनों के बीच मामला सुलझा लिया गया था।
जनवरी महीने में ही बिहार बीजेपी के प्रमुख ने तो यहाँ तक चेतावनी दे दी थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अपनी हद में रहे, नहीं तो बिहार बीजेपी के 76 लाख कार्यकर्ता उसको जवाब देंगे।
इससे कुछ महीने पहले ही बीजेपी सांसद राम कृपाल यादव ने लोकसभा में कहा था कि बिहार सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत काम पूरा नहीं कर पाई है। ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे स्वीकार करते हुए कहा था कि राज्य सरकार लक्ष्य पूरा करने में नाकाम रही है। इसके बाद जदयू खुल कर सामने आ गया था।
इससे पहले सितंबर महीने में जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के एमए राजनीति शास्त्र के पाठ्यक्रम में बदलाव से बीजेपी और जेडीयू में विवाद हो गया था। जाति जनगणना के मुद्दे पर भी ऐसा ही टकराव हुआ था। केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ जाकर ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया था कि जाति जनगणना के बारे में कैसे आगे बढ़ना है, इस पर उनकी सरकार तैयारी करवा रही है। जबकि मोदी सरकार ने साफ कर दिया था कि वह जाति जनगणना नहीं कराने जा रही है।
लेकिन अब बीजेपी नेता सुशील मोदी का नरमी वाला बयान आया है। उन्होंने कहा, 'बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कई बार साफ़ किया है कि बिहार में एनडीए सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में अपना कार्यकाल पूरा करेगी। फिर भी विपक्ष झूठ फैला रहा है कि बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है।' इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सुशील मोदी ने कहा कि हाल ही में हुए बोचहा उपचुनाव में बीजेपी की हार के लिए विपक्ष के इन दावों के कारण बने माहौल को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है कि बीजेपी नीतीश कुमार को बदलना चाहती है।
उन्होंने कहा कि एनडीए ने 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा था। ऐसे में 2025 से पहले नीतीश कुमार को हटाने का सवाल ही नहीं उठता।
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की इफ्तार पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद, जेडीयू के नेता ने शनिवार को कहा कि इस कार्यक्रम में उनकी भागीदारी को कोई राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
नीतीश ने कहा, हम ऐसी इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं जहाँ हम विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी लोगों को आमंत्रित करते हैं। अन्य पार्टियां भी इस तरह के आयोजनों की मेजबानी करती हैं। अगर कोई हमें आमंत्रित करता है, तो हम सम्मान के रूप में उन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। मैं वहां (इफ्तार पार्टी) गया क्योंकि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था। इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।