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मध्य प्रदेश: ताजिए निकालने वालों पर पहले रासुका ‘लगवाया’, अब हटाने की माँग क्यों?

मध्य प्रदेश: ताजिए निकालने वालों पर पहले रासुका ‘लगवाया’, अब हटाने की माँग क्यों?

इंदौर में ताजिए निकालने पर रासुका लगवाया गया था लेकिन अब बीजेपी ही उसे हटवाने की माँग करने लगी है। कोरोना में विधानसभा उपचुनाव प्रचार में बीजेपी कार्यकर्ता भी एनएसए की जद में आ सकते हैं। 

मध्य प्रदेश के इंदौर में मुसलिम धर्मावलंबियों के ख़िलाफ़ रासुका हटाये जाने की माँग बीजेपी आख़िर क्यों कर रही है इस सवाल पर सियासत तेज़ हो गई है। प्रतिबंध के बावजूद मोहर्रम के दिन ताजिए निकालने को लेकर एक पूर्व पार्षद समेत क़रीब डेढ़ दर्ज़न लोग रासुका और अन्य गंभीर धाराओं में जेल में बंद हैं। इन्हें ज़मानत नहीं मिल पा रही है।

मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता और इंदौर के नेता उमेश शर्मा ने इस पूरे मामले पर नये सिरे से विचार करने का प्रशासन से आग्रह किया है। उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘मौजूदा परिस्थिति में उस्मान पटेल की रासुका पर पुनर्विचार करना चाहिए। संभव हो तो निरस्त किया जाना चाहिए।’ हालाँकि इस पर जब सवाल उठने लगे तो उन्होंने बाद के एक ट्वीट में कहा कि यह उनके निजी विचार हैं। 

बता दें कि रासुका पर पुनर्विचार की माँग करने वाले उमेश शर्मा ने ही मोहर्रम के दिन इंदौर के खजराना क्षेत्र में ताजिए निकालने वालों पर सख़्त कार्रवाई की माँग की थी। पूर्व पार्षद उस्मान पटेल की अगुवाई में ताजिए निकाले गये थे। कोरोना संक्रमण प्रोटोकाॅल की वजह से जुलूस-जलसे प्रतिबंधित हैं। 

मोहर्रम 30 अगस्त को थी। ताजिए निकालने को लेकर हुए विरोध और उठी माँग के बाद ज़िला प्रशासन ने उस्मान पटेल और उनके साथ रहे कुल 16 लोगों के ख़िलाफ़ प्रकरण दर्ज किया था। तमाम गंभीर धाराओं के अलावा पटेल और उसके कुछ साथियों पर रासुका भी लगाई गई।

रासुका और अन्य गंभीर धाराओं में जेल में बंद किए गए लोगों को ज़मानत नहीं मिल पा रही है। ज़मानत की अर्जी अब हाईकोर्ट में लगाई गई है। कोर्ट-कचहरी के बीच, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता का ‘नरम रवैया’ और मामले पर पुनर्विचार का अनुरोध सुर्खियों में है।

दरअसल, मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनावों की सरगर्मियाँ तेज़ हो चुकी हैं। सत्तारूढ़ दल बीजेपी वर्चुअल रैलियों के अलावा घर-घर जाकर जनसंपर्क के अभियान को भी अंजाम दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तक उन विधानसभा क्षेत्रों की गलियों को नापने में जुट गये हैं, जहाँ उपचुनाव होना है।

बीजेपी के जलसों में जमकर भीड़ जुट रही है। इंदौर ज़िले की सांवेर विधानसभा क्षेत्र में दो दिन पहले निकाली गई नर्मदा कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाएँ जुटीं। बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता भी आयोजन में शामिल रहे। कोरोना प्रोटोकाॅल की जमकर धज्जियाँ उड़ीं।

लोगों ने ना तो फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही मास्क लगाये जाने के निर्देशों पर अमल होता नज़र आया। 

सांवेर जैसे आयोजन उन सभी 27 सीटों पर दिखलाई पड़ रहे हैं, जहाँ उपचुनाव हैं। कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देश को तोड़ने का ज़्यादा आरोप बीजेपी पर लग रहा है। इंदौर के खजराना के ताजिए निकाले जाने के मामले में मुसलिम नेता और धर्मावलंबियों पर सख़्त कार्रवाई को विपक्ष के लोग सरकार एवं पुलिस की तानाशाही क़रार दे रहे हैं। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सालूजा ने सांवेर मामले में भी खजराना प्रकरण की तरह कोरोना प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करने वालों पर रासुका लगाये जाने की माँग की है। सालूजा का कहना है, ‘नियम तोड़ने पर मुसलिम अथवा विपक्ष के लोगों पर कार्रवाई का स्वरूप कुछ और तथा सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा नियमों की अनदेखी पर कुछ और होना किसी भी सूरत में ठीक नहीं है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के मुखिया के.के. मिश्रा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बदल चुका है। सरकार और उसके इशारे पर प्रशासन प्रतिपक्ष के लोगों के दमन पर आमादा है। तुम्हारा ख़ून-ख़ून और हमारा ख़ून पानी वाले हालात मध्य प्रदेश में हो चुके हैं।’

मिश्रा अंदेशा जता रहे हैं, ‘भाजपा के लोग इंदौर में ताजिए निकालने वालों पर रासुका केवल और केवल इसलिए वापस लेने की माँग कर रहे हैं ताकि कोरोना प्रोटोकाॅल की धज्जियाँ उड़ाने वाले भाजपाइयों को एनएसए की जद से बचा सकें।’ 

मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल प्रभारी के. के. मिश्रा ने कहा, ‘उस्मान पटेल पर रासुका ग़लत लगाया गया। वह भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में आये, इसीलिए उन्हें निशाना बनाया गया।’

कोरोना: 78 हजार मामले, 1600 से ज़्यादा मौतें 

मध्य प्रदेश में भी कोरोना चरम पर है। इंदौर 15 हज़ार से ज़्यादा मामलों के साथ नंबर वन पर बना हुआ है। भोपाल में 12 हज़ार से ज़्यादा संक्रमित मरीज़ अब तक मिल चुके हैं। कुल संक्रमितों का आँकड़ा 78 हज़ार के क़रीब पहुँच रहा है। कुल 52 ज़िलों में कोई भी ऐसा ज़िला नहीं बचा है, जहाँ कोरोना नहीं पहुँचा है। अब तक 1600 से ज़्यादा मौतें मध्य प्रदेश में दर्ज की जा चुकी हैं।

लाॅकडाउन पूरी तरह से खुलने के बाद रोगियों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। मंगलवार शाम को आयी आधिकारिक रिपोर्ट में पिछले 24 घंटों में सूबे में 1864 कोरोना पॉजिटिव रोगी मिले। कोरोना फैलने के बाद एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में प्रदेश में पहली बार रोगी मिले।

राज्य के अस्पताल कोरोना मरीज़ों से पटे हुए हैं। शिवराज कैबिनेट के आठ सदस्यों को कोरोना हो चुका है। स्वयं सीएम शिवराज भी कोविड-19 से ग्रसित होकर अस्पताल में रहे हैं। दर्जनों मौजूदा और पूर्व विधायकों तथा अन्य नेताओं को कोरोना हुआ है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समेत अनेक बड़े नेता कोरोना की वजह से राज्य के अस्पतालों में उपचार के लिए भर्ती हैं।

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