दिल्ली चुनाव : बीजेपी के 57 उम्मीदवारों में 11 पिछड़े, 4 महिलाएँ
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। विधानसभा की कुल 70 में से 57 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। पार्टी की दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नामों की घोषणा की। इनमें पिछड़े समुदाय के 11 लोग हैं तो 4 महिलाओं को भी टिकट दिया गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार हमले करने वाले कपिल मिश्रा को बीजेपी ने मॉडल टाउन से टिकट दिया है। वह पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर करावल नगर से विधायक चुने गए थे। इस बार वह अपनी पुरानी सीट से हट गए हैं। सवाल उठता है कि क्या वे करावल नगर से अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं है
विजेंदर गुप्ता रोहिणी से
बीजेपी के पुराने नेता विजेंदर गुप्ता को रोहिणी से तो शिखा राय को ग्रेटर कैलाश से चुनाव लड़ाने का फ़ैसला किया गया है। नीलकमल खत्री को नरेला और सुरेंद्र सिंह बिट्टू को तिमाड़पुर से टिकट मिला है। इसी तरह पार्टी ने विक्रम बिधूड़ी को तुग़लकाबाद, सुमन कुमार गुप्ता को चांदनी चौक, आशीस सूद को जनकपुरी और पटपड़गंज से रवि नेगी को मैदान में उतारने का फ़ैसला किया है।आम आदमी पार्टी ने पहले ही सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि वह आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बाद ही अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान करेगी।
आठ फ़रवरी को होने वाले चुनाव में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से जबकि मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 24 नये चेहरे हैं। 46 विधायकों को दुबारा मौक़ा दिया गया है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 15 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इन नये चेहरों में राघव चड्ढा, अतिशी मर्लेना और दुर्गेश पाठक भी शामिल हैं।
राघव चड्ढा राजेंद्र नगर से और अतिशी कालकाजी से चुनाव लड़ेंगे। दुर्गेश करावल नगर से चुनाव लड़ेंगे। यहीं से 2015 में आप के बाग़ी नेता कपिल मिश्रा ने चुनाव लड़ा था और जीता भी था। हाल ही में कांग्रेस से आप में शामिल हुए और मटिया महल से पाँच बार विधायक रहे शोएब इक़बाल को इसी विधानसभा क्षेत्र का टिकट मिला है।
कांग्रेस को 2015 के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी। कुल 70 में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी और बीजेपी को सिर्फ 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।