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भाजपा ने हरियाणा के जरिए दिल्ली का पानी रोकने की साजिश रचीः मंत्री

भाजपा ने हरियाणा के जरिए दिल्ली का पानी रोकने की साजिश रचीः मंत्री

दिल्ली में बड़ा जल संकट खड़ा होने वाला है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर आरोप लगाया कि वो हरियाणा के जरिए दिल्ली का पानी रोकने की कोशिश कर रही है। यह मुद्दा ऐसे समय उठा है, जब दिल्ली और हरियाणा में 25 मई को मतदान होने वाला है। यह मुद्दा दोनों राज्यों में पहले भी रस्साकशी की वजह बनता रहा है। जानिए पूरी बातः

दिल्ली सरकार की मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) नेता आतिशी ने आरोप लगाया है कि केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हरियाणा के जरिए दिल्ली का पानी रोककर उनकी पार्टी और शहर को "निशाना बनाने" की नई साजिश रची है। हरियाणा में इस समय भाजपा सरकार है।

पानी क्यों रोका

मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि “25 मई को (दिल्ली में) मतदान से पहले, भाजपा ने आप को निशाना बनाने और दिल्ली के लोगों को परेशान करने के लिए नई साजिश रची है। इस साजिश के तहत, अपनी हरियाणा सरकार के माध्यम से, भाजपा ने दिल्ली में पानी का प्रवाह रोक दिया है।" आतिशी ने 22 मई को दिल्ली में एक पत्रकार सम्मेलन में यह आरोप लगाया है।

आतिशी ने कहा- “यह दिल्ली के लोगों को परेशान करने और यहां जल संकट पैदा करने के लिए किया गया है। दिल्ली में यमुना जल की सप्लाई रोकी जा रही है...एक जांच से पता चला है कि हरियाणा सरकार दिल्ली में यमुना जल का प्रवाह रोक रही है...।''

दिल्ली में 7 लोकसभा सीटों पर मतदान तीन दिन दूर हैं। दिल्ली के कुछ हिस्सों में 47 डिग्री तक तापमान में अनियमित पानी की सप्लाई और इसकी खराब क्वॉलिटी जेजे क्लस्टर, मलिन बस्तियों और अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। कई परिवार अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए टैंकरों पर निर्भर रहने या बोतल वाला पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं। दिल्ली में पानी को लेकर झगड़े हो रहे हैं। पिछले महीने ही, पूर्वोत्तर दिल्ली के शाहदरा में, सार्वजनिक नल से पानी लेने को लेकर हुए झगड़े के बाद एक 34 वर्षीय महिला की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।

दिल्ली अपनी लगभग 90% पेयजल माँग को पूरा करने के लिए पड़ोसी राज्यों खासतौर पर हरियाणा पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को चार स्रोतों से कच्चा पानी मिलता है: यमुना नदी से 389 एमजीडी (प्रति दिन मिलियन गैलन); गंगा से 253 एमजीडी; रावी-ब्यास नदी से 221 एमजीडी; और भूजल से 90 एमजीडी। वितरण से पहले इस पानी को ट्रीट किया जाता है। हालाँकि, इन सभी स्रोतों से पानी की मात्रा 953 एमजीडी है, जो शहर की अनुमानित मांग 1,380 एमजीडी से कम है।

डीजेबी के 'समर एक्शन प्लान 2024' के मुताबिक "सभी संसाधनों का इस्तेमाल करके गर्मियों के दौरान लगभग 1,000 एमजीडी पीने योग्य पानी प्रोडक्शन हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।" हालांकि दिल्ली में पानी का संकट पूरे साल बना रहता है, लेकिन कई दशक बीत चुके हैं इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है।

चुनाव के मौसम में दिल्ली में जल संकट कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। खासकर अगर दिल्ली में राज्य सरकार किसी और पार्टी की हो और हरियाणा-पंजाब में किसी और पार्टी की हो। एक तरफ हरियाणा-पंजाब में रावी-व्यास पानी का विवाद उलझा रहता है तो दूसरी तरफ दिल्ली-हरियाणा के बीच भी पानी को लेकर विवाद बढ़ जाता है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी दिल्ली के लिए छोड़ा जाता है। इस बैराज का नियंत्रण हरियाणा सरकार के पास है। 

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