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प्रवासी मज़दूरों की स्थिति पर बीजेपी-कांग्रेस में ज़ुबानी जंग

प्रवासी मज़दूरों की स्थिति पर बीजेपी-कांग्रेस में ज़ुबानी जंग

प्रवासी मज़दूरों की स्थिति पर कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर ज़ोरदार हमला किया है।

प्रवासी मज़दूरों की स्थिति पर कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर ज़ोरदार हमला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गाँधी को ड्रामेबाज़ क़रार दिया तो बीजेपी ने सवाल किया कि क्या मज़दूरों की स्थिति पर बात करना ग़लत है?

निर्मला का हमला

शनिवार को राहुल गाँधी ने प्रवासी मज़दूरों से मुलाक़ात की, इसे निर्मला सीतारमण ने ड्रामेबाज़ी क़रार दिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह समय प्रवासी मज़दूरों से रास्ते पर मिलने का समय है, क्या यह ड्रामेबाजी नहीं है? उन्होंने कहा : 

'प्रवासी मज़दूरों के साथ बैठने और समय नष्ट करने के बदले वह उनके सूटकेस उठा कर उनके साथ चलते। वह कांग्रेस शासित राज्यों से कहते कि वे अधिक ट्रेनों की माँग करते और उनसे मज़दूरों को उनके घर पहुँचाते। यह ड्रामेबाजी नहीं है?'


निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री

कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मज़दूर की बेबसी आपको ड्रामेबाज़ी लगती है? नंगे पाँव में पड़े सैंकड़ों छाले ड्रामेबाज़ी दिखते हैं? भूखे प्यासे चलते जाने की व्यथा ड्रामेबाज़ी है?'

इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वे सीमा पर फँसे हुए मज़दूरों को आगे बढ़ने दें। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश ईकाई ने इन मज़दूरों के लिए अलग से बस की व्यवस्था की थी, लेकिन सरकार ने सीमा सील कर दी और बस को रोक दिया।

याद दिला दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मुलाक़ात की। राहुल दक्षिणी दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाइओवर से जा रहे मजदूरों से बात करने के लिए रुके। इस दौरान राहुल ने उनसे कुछ देर तक बातचीत की और उनकी दिक्कतों को जाना। ये सभी मजदूर अपने राज्यों की ओर जा रहे थे।

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