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राजस्थान: बीजेपी फिर पहुंची हाई कोर्ट; मायावती बोलीं- कांग्रेस को सिखाएंगे सबक

राजस्थान: बीजेपी फिर पहुंची हाई कोर्ट; मायावती बोलीं- कांग्रेस को सिखाएंगे सबक

बीजेपी की ओर से बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने की मांग को लेकर मंगलवार को एक और याचिका राजस्थान हाई कोर्ट में दायर की गई है। 

राजस्थान के सियासी रण में ऐसा लगता है कि बीजेपी और बीएसपी पीछे हटने वाले नहीं हैं। सूबे में अपनी सरकार बनाने के ख़्वाब संजो रही बीजेपी की ओर से बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने की मांग को लेकर मंगलवार को एक और याचिका राजस्थान हाई कोर्ट में दायर की गई है। यह याचिका भी बीजेपी विधायक मदन दिलावर की ओर से दायर की गई है। 

इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने सोमवार को दिलावर की ऐसी ही मांग वाली याचिका को रद्द कर दिया था। इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बड़ी राहत माना गया था। इसके अलावा बीएसपी की ओर से भी दायर ऐसी ही मांग वाली याचिका खारिज हो गई थी। लेकिन अब बीजेपी ने फिर से अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है। 

दूसरी ओर, बीएसपी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को आक्रामक तेवर दिखाए हैं। मायावती ने कहा है कि अगर पार्टी के विधायक विधानसभा में कांग्रेस के ख़िलाफ़ वोट नहीं करते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। 

मायावती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेताया है कि वे उन्हें सबक सिखाएंगी। मायावती ने यह भी कहा है कि वह बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगी। उन्होंने कहा कि बीएसपी उसके विधायकों के कांग्रेस में विलय के मुद्दे पर फिर से राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर करेगी। 

मायावती ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘बीएसपी पहले भी इस मुद्दे पर कोर्ट जा चुकी है लेकिन हम कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सबक सिखाने के लिए समय का इंतजार कर रहे थे। हम इस मामले को छोड़ेंगे नहीं। हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।’ 

ये सभी विधायक पिछले साल राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी से मिले थे और उन्हें पत्र सौंपकर कहा था कि वे कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। इन विधायकों के नाम- जोगिंदर सिंह अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, दीप चंद खेड़िया, संदीप यादव, लाखन सिंह मीणा और वाजिब अली हैं। 

इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद 200 सदस्यों वाली राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 107 हो गयी थी।

राजस्थान की विधानसभा में 200 विधायक हैं। अशोक गहलोत का दावा है कि उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है जबकि बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 101 है, ऐसे में गहलोत को अपनी सरकार बचाने के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ रहा है।

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