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'भारत माता' के भरोसे राजस्थान चुनाव में उतरेगी बीजेपी

'भारत माता' के भरोसे राजस्थान चुनाव में उतरेगी बीजेपी

राजस्थान विधानसभा चुनावों में बीजेपी की रणनीति भारत माता, पाकिस्तान, सर्जिकल स्ट्राइक और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर जैसे मुद्दों पर वोट मांगने की है।

भारतीय जनता पार्टी ‘भारत माता’ के बल पर राजस्थान विधानसभा चुनावों में उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी की रणनीति भारत माता, पाकिस्तान, सर्जिकल स्ट्राइक और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर जैसे मुद्दों पर वोट मांगने की है।  इसकी झलक बीते दिनों देखने को मिली। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने औद्योगिक शहर भीलवाड़ा में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे भारत माता और कमल चिह्न के साथ लोगों के बीच जाएं। उनसे कहा गया कि वे चुनाव प्रचार करते समय इसका विशेष ख्याल रखें।

अमित शाह ने भीलवाड़ा की सभा में कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा कि सिर्फ सरकार के कामकाज के बल पर चुनाव नहीं जीते जाते

क्यों चिंतित है बीजेपी?

लिहाज़ा, अमित शाह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक, पाकिस्तान और असम के एनसीआर यानी नेशनल सिटिजन्स रजिस्टर जैसे मुद्दों को भी आम जनता के बीच ले जाएं। इसकी वजह मतदाताओं पर से पार्टी की ढीली होती पकड़ है। सारा ज़ोर लगाने के बावजूद पार्टी हाल के तमाम उपचुनाव हार गई। कांग्रेस ने अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों के अलावा मंडलगढ़ विधासभा सीट भी उससे छीन ली। बीजेपी का वोट शेयर अलवर में 56 फ़ीसद से घट कर 44 प्रतिशत और अजमेर में 61 फीसद से गिर कर 40 प्रतिशत पर आ गया। इसी तरह मंडलगढ़ में उसका वोट शेयर 20 फ़ीसद गिर कर 32 प्रतिशत पर आ गया। 

एबीपी न्यूज़-सी-वोटर का सर्वेक्षण

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वोट शेयर 2013 और 2018 (सर्वे)

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सीट शेयर 2013 और 2018 (सर्वे)

हाल में हुए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के नतीज़े भी पार्टी के लिए अच्छे नहीं है। एबीपी-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक़. राजस्थान में बीजेपी को 34.40 प्रतिशत और कांग्रेस को 49.90 फ़ीसद वोट मिलने के आसार हैं।  ऐसा होने पर कांग्रेस को यहां 142 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा सी फ़ोर के सर्वे में बीजेपी को 43 और कांग्रेस को 50 फ़ीसद वोट मिलने की संभावना जताई गई है। इस सर्वे के मुताबिक़, कांग्रेस को 124 से 138 सीटें मिल सकती हैं। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं।

लोकप्रियता में पीछे हैं वसुंधरा राजे

खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिन्धिया के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। एबीपी-सीवोटर सर्वे में 36 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस के सचिन पायलट को और सिर्फ़ 27 फ़ीसद लोगों ने सिन्धिया को मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बताया है। सी फ़ोर के सर्वेक्षण में पायलट को 32 प्रतिशत और वसुंधरा राजे को 23 प्रतिशत लोगों ने पहली पसंद बताया है। 

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पार्टी इस पर आश्वस्त नहीं है कि वह राज्य सरकार के कामकाज या मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे सिन्धिया के नाम पर चुनाव जीत सकती हैं। इसलिए बीजेपी ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के बावजूद वोट के लिए दूसरे मुद्दों का सहारा लेने का फ़ैसला किया है। वह एंटी इनकम्बेन्सी की काट के लिए भावनात्मक मुद्दों को उछालने की फ़िराक में है। 

मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं

पार्टी इस पर आश्वस्त नहीं है कि वह राज्य सरकार के कामकाज या मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे सिन्धिया के नाम पर चुनाव जीत सकती हैं। इसलिए बीजेपी ने वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के बावजूद वोट के लिए दूसरे मुद्दों का सहारा लेने का फ़ैसला किया है। वह एंटी इनकम्बेन्सी की काट के लिए भावनात्मक मुद्दों को उछालने की फ़िराक में है। राजस्थान में चुनाव के दौरान असम की नागरिकता रजिस्टर या जम्मू कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा इसलिए उठाया जाएगा कि लोगोें को इसके ज़रिए भड़काया जा सके। 

बीजेपी ने इसके लिए हर ज़िले में शक्ति केंद्र सम्मेलन करने का एलान किया है। इसके अलावा बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठकें होंगी, जिनमें उन्हें इस रणनीति पर विस्तार से बताया जाएगा।

कांग्रेस का पलटवार

शक्ति केंद्र सम्मेलनों में स्वयं शाह शिरक़त करेंगे। हालांकि इस तरह के सम्मेलन पार्टी पहले भी दूसरी जगहों पर कराती रही है। पर इस बार इसका मक़सद चुनाव के दौरान पार्टी के मुद्दों को लोगों तक ले जाना है। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश भी भरा जाएगा। कांग्रेस ने अभी से पलटवार शुरू कर दिया है। सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने पांच साल में ऐसा कुछ किया ही नहीं है जिसके बल पर वह लोगों से वोट मांग सके। उसके पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए वह भारत माता का मुद्दा उछालना चाहती है।

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