बीजेपी ने रफ़ाल फ़ैसले पर कहा, चोर मचाए शोर
रफ़ाल सौदे की जाँच की माँग को सुप्रीम कोर्ट की ओर से ख़ारिज किए जाने के बाद सत्तारूढ़ दल और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गया है। तेज़ ज़ुबानी जंग के बीच दोनों दलों ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए हैं। बेजीपी अध्यक्ष ने कहा कि जो चोर होता है, वही चौकीदार को चोर कहता है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने एक बार फिर संयुक्त संसदीय समिति से मामले की जाँच कराने को कहा है। लोकसभा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक देश को इस मामले में गुमराह किया। उन्होंने कांग्रेस से माँग की कि वह इसके लिए माफ़ी माँगे।इससे पहले बीजेपी के सदस्यों ने राज्यसभा में भी यह मामला उठाते हुए राहुल से माफ़ी माँगने को कहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर झूठ बोला है, देश को गुमराह किया है और सरकार को बेवजह बदनाम किया है। वे इस पर माफ़ी माँगे। हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर देनी पड़ी। बीजेपी सदस्यों ने लोकसभा में भी यह मुद्दा जो़रों से उठाया और हंगामा किया। हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम तो शुरू से ही यह कहते रहे हैं कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। अब तो सर्वोच्च अदालत ने भी कह दिया है, लिहाज़ा दूसरी समिति की ओर से जाँच की ज़रूरत नहीं है।'
Home Minister Rajnath Singh on SC dismisses petition seeking Court probe in #Rafale deal: The matter was crystal clear from the beginning and we have been saying that the allegations leveled by Congress were baseless and to gain political mileage. pic.twitter.com/G1Nfsv64j6
— ANI (@ANI) December 14, 2018
'सच की जीत'
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए इसे सच की जीत क़रार दिया है। उन्होंने कहा कि झूठे मामले पर देश को गुमराह करने की इतनी बड़ी कोशिश पहले कभी नहीं हुई थी। यह साफ़ हो गया है कि झूठ के पाँव नहीं होते।शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जाँच की माँग को ठुकरा दिया है। अदालत ने माना है कि फ़ैसले लेने की प्रक्रिया पर संदेह नहीं किया जा सकता। उनके मुताबिक अदालत ने यह भी कहा है कि जब पड़ोसी देश चौेथे और पाँचवे चरण के लड़ाकू जहाज़ ख़रीद रहा है, देश की सुरक्षा पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए।बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ऑफ़सेट पार्टनर के मामले में भी अदालत ने यह कहा है कि सरकार ने पार्टनर चुनने में कोई ग़लती नहीं की है। सरकार ने किसी को आर्थिक फ़ायदा नहीं पहुँचाया है।राहुल माफ़ी माँगें
अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से कहा कि वे सेना और देश की जनता से माफ़ी माँगे। उन्होंने सेना के जवानों पर संदेह किया है। राहुल को इसलिए भी माफ़ी माँगनी चाहिए कि उनकी वजह से देश की सुरक्षा ख़तरे में आ गया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने जितने सौदे किए, सबमे बिचौलिए की भूमिका प्रमुख रही। लेकिन रफ़ाल सौदा तो सरकारों के बीच सौदा था, जिसमें बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं थी। विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा छाया रहा और सरकार पूरी तरह बचाव की मुद्रा में रही। आम चुनाव में कुछ महीने ही बचे हैं। ऐसे में अदालत के फैसले से बीजेपी को बहुत बड़ी राहत मिली है। इससे विपक्ष के आरोप ध्वस्त हो गए और सरकार पर उसकी आलोचना की हवा निकल गई।'जेपीसी जाँच हो'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अदालत का निर्णय कांग्रेस पार्टी की बात को ही सही ठहरा रहा है। हमने पहले भी कहा था कि रक्षा सौदों में क़ीमत, भ्रष्टाचार और प्रक्रिया के उल्लंघन का मामला सुप्रीम कोर्ट में तय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम तो पहले से ही कहते आए हैं कि इस मामले की जाँच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए। मामले की जाँच संयुक्त समित ही कर सकती है। वह पूरे मामले की तह में जाएगी, सरकार के कामकाज, प्रक्रिया वगैरह से जुड़े काग़ज़ात देखेगी और किसी निर्णय पर पहुँचेगी। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने एकतरफ़ा रिपोर्ट में सौंपा जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वयं सुप्रीम कोर्ट नहीं गई थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया, सुप्रीम कोर्ट यह कैसे पता करेगी कि प्रधानमंत्री ने ख़ुद क़ीमत बढ़ा दी थी।Anand Sharma, Congress: There is no reason for PM and BJP Govt to celebrate Supreme Court order which in itself is contradictory. Honourable SC has said it won't be proper for it to go into details #RafaleDeal pic.twitter.com/xfexRVx1jq
— ANI (@ANI) December 14, 2018
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अदालत का निर्णय कांग्रेस पार्टी की बात को ही सही ठहरा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमने पहले भी कहा था कि रक्षा सौदों में क़ीमत, भ्रष्टाचार और प्रक्रिया के उल्लंघन का मामला सुप्रीम कोर्ट में तय नहीं हो सकता है।' उन्होंने कहा कि वे पहले से ही कहते आए हैं कि इस मामले की जाँच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए। मामले की जाँच संयुक्त समित ही कर सकती है। वह पूरे मामले की तह में जाएगी, सरकार के कामकाज, प्रक्रिया वगैरह से जुड़े काग़ज़ात देखेगी और किसी निर्णय पर पहुँचेगी। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने एकतरफ़ा रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी, जिसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वयं सुप्रीम कोर्ट नहीं गई थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया, सुप्रीम कोर्ट यह कैसे पता करेगी कि प्रधानमंत्री ने ख़ुद क़ीमत बढ़ा दी थी।