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बीजेपी ने राज्यों में प्रभारी बनाए; हटाए गए पूर्व सीएम नये रोल में

बीजेपी ने राज्यों में प्रभारी बनाए; हटाए गए पूर्व सीएम नये रोल में

2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जहाँ कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे हैं, विपक्षी एकता की कवायद चल रही है, वहीं बीजेपी ने भी अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। जानिए, बीजेपी ने आज क्या किया।

2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को नए संगठनात्मक प्रभार दिए हैं। विजय रूपाणी, बिप्लब कुमार देब, प्रकाश जावड़ेकर और महेश शर्मा सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को विभिन्न राज्यों में पार्टी मामलों का प्रभारी बनाया गया है।

इसमें उन राज्यों के नए प्रभारी शामिल हैं जिनके मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकता की ओर बड़े कदम बढ़ा रहे हैं। बीजेपी में इन नियुक्तियों का महत्व इसलिए काफ़ी अहम है क्योंकि बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जिनके पास वर्तमान में कोई संगठनात्मक पद नहीं था, और उन्हें अब नई ज़िम्मेदारी दी गई है।

बीजेपी ने अपने महासचिव विनोद तावड़े को बिहार का नया प्रभारी और बिहार के पूर्व मंत्री मंगल पांडे को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया है। पार्टी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय सह-प्रभारी होंगे।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आज के आदेश में कहा गया है कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा को पूर्वोत्तर राज्यों का समन्वयक बनाया गया है और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा संयुक्त समन्वयक होंगे।

रूपाणी पंजाब और चंडीगढ़ के प्रभारी होंगे। 

बिप्लब कुमार देब हरियाणा के लिए और जावड़ेकर केरल में पार्टी का काम देखेंगे। हरियाणा में पार्टी ने सत्ता बरकरार रखी, लेकिन इसने 2019 के सबसे हालिया चुनावों में कुछ जमीन खो दी। अगला विधानसभा चुनाव 2024 में होना है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और इसकी केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओम माथुर छत्तीसगढ़ में पार्टी के मामलों के प्रभारी होंगे और इसकी उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी झारखंड में काम देखेंगे। झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार भाजपा पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस से विधायकों को हटाने के लिए "गंदी राजनीति" करने का आरोप लगा रही है।

महेश शर्मा को त्रिपुरा मिला है, जहां पार्टी सत्ता में है लेकिन अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में विस्तार करना चाह रही है। वहाँ की बहुसंख्यक आबादी बंगाली बोलती है।

बिहार की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव विनोद तावड़े की होगी, जो पहले हरियाणा देख रहे थे। यहाँ भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद से उबर रही है। उन्होंने पिछले महीने तेजस्वी यादव की राजद और कांग्रेस के साथ जदयू के गठबंधन को पुनर्जीवित किया था। वह हाल ही में दिल्ली में भाजपा विरोधी मोर्चा का विस्तार करने आए थे।

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