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बिप्लब देब के बिगड़े बोल-'अदालत की अवमानना से डरें नहीं'

बिप्लब देब के बिगड़े बोल-'अदालत की अवमानना से डरें नहीं'

बिप्लब देब ने फिर विवादित बयान दिया है। इस बार अदालतों को लेकर। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में वह त्रिपुरा सिविल सेवा के अधिकारियों के सामने जो कह रहे हैं उसपर विपक्षी दलों के नेता क्यों आपत्ति कर रहे हैं?

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब क्या अदालतों से बेखौफ़ हैं? क्या उन्हें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी डर नहीं है? ऐसा नहीं है तो फिर वह अधिकारियों को अदालत की अवमानना से नहीं डरने को क्यों कह रहे हैं?

बिप्लब देब ने सरकारी अधिकारियों से कहा कि वे अदालत की अवमानना ​​से बिना डरे आदेशों को लागू करें। यह कहते हुए कि पुलिस उनके नियंत्रण में है उन्होंने यहाँ तक आश्वासन दे दिया कि वे आदेशों को लागू करने वालों को कारावास से बचाएंगे। विपक्षी दलों के नेताओं ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। उन्होंने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।

तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, 'बिप्लब देब पूरे देश पर धब्बा हैं! वह बेशर्मी से लोकतंत्र का मजाक उड़ाते हैं, माननीय न्यायपालिका का मजाक उड़ाते हैं और लगता है कि वे इससे बच भी जाते हैं! क्या सुप्रीम कोर्ट उनकी टिप्पणियों पर संज्ञान लेगा जो इस तरह के गंभीर अनादर को दर्शाती हैं?

हालाँकि, बिप्लब देब का यह बयान दो दिन पहले यानी शनिवार का है लेकिन अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। उस वीडियो में वह त्रिपुरा सिविल सेवा यानी टीसीएस के अधिकारियों को संबोधित करते नज़र आ रहे हैं। देब ने शनिवार को रवींद्र भवन में टीसीएस अधिकारियों के 26वें द्विवार्षिक सम्मेलन में शिरकत की थी।

वीडियो में बिप्लब देब राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों को राज्य के लोगों के लिए अच्छे इरादे से काम करने के लिए कहते हैं लेकिन इसके साथ ही वह कोर्ट की अवमानना की बात तक पहुँच जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे मामलों से निपटेंगे जहाँ अदालत की अवमानना ​​​​हो सकती है। 

वीडियो में बिप्लब देब को यह कहते सुना जा सकता है, 'मुझे कई अधिकारियों द्वारा कहा गया है कि वे एक खास कार्य नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करने से अदालत की अवमानना ​​होगी। इससे क्यों डरें? अदालत अपना फ़ैसला देगी, लेकिन पुलिस उसे लागू करेगी। पुलिस मेरे नियंत्रण में है। पुलिस के पास कई तरीक़े हैं और मैं उसके लिए साथ हूँ।'

देब ने कहा कि "अधिकारी बाघ की तरह अदालत से डरते हैं। लेकिन मैं यहाँ बाघ हूँ। मैं लोगों द्वारा चुनी गई इस सरकार के शीर्ष पर हूँ। लोग कहते हैं 'लोगों की' सरकार, 'अदालत की' नहीं। अदालत लोगों के लिए है, लोग अदालत के लिए नहीं हैं।"

वीडियो में एक उदाहरण देते हुए बिप्लब देब ने कहा कि अदालत की अवमानना पर मुख्य सचिव द्वारा बार-बार चेताए जाने के बावजूद उन्होंने कैबिनेट के माध्यम से सरकारी अधिकारियों की तदर्थ पदोन्नति का फ़ैसला किया, यह मुद्दा लंबे समय से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा, 'मुख्य सचिव भी कहते थे कि ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन मैं दृढ़ था कि यह कैबिनेट का फ़ैसला है और होना ही है। मैं उन्हें कब तक रोके रख सकता हूँ? यह उन लोगों के साथ अन्याय है जो अपनी उचित पदोन्नति के बिना सेवानिवृत्त हो जाते हैं। उन्हें डर था कि यह अदालत की अवमानना ​​होगी जैसे कि अदालत की अवमानना ​​​​एक बाघ की तरह है। मैं एक बाघ हूँ, वह व्यक्ति जो सरकार चलाता है और सत्ता में, पार्टी में मुख्य व्यक्ति है और पूरी शक्ति है।'

एक जगह बिप्लब देब कहते हैं, 'वे (अधिकारी) कहते हैं कि यह सिस्टम है। मैं कहता हूँ कि मेरे साथ ऐसा नहीं है। सिस्टम में हमेशा समस्याएँ होंगी। क्या होगा? वे (अधिकारी) कहते हैं कि अगर हम ऐसा करते हैं, तो यह अदालत की अवमानना ​​हो सकती है। कौन अदालत की अवमानना ​​के लिए जेल गया है? मैं वहां रहूँगा। इसके लिए मैं आप में से हर किसी से पहले जेल जाऊँगा।'

वैसे, बिप्लब देब का यह विवादित बयान कोई नया नहीं है। वह अक्सर ऐसे बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। इसी साल फ़रवरी में बिप्लब देब ने कह दिया था कि बीजेपी की योजना सिर्फ़ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी विस्तार करने की है।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने पिछले साल जुलाई में अगरतला में एक कार्यक्रम में कह दिया था, 'अगर हम पंजाब के लोगों की बात करें तो हम कहते हैं, वह एक पंजाबी हैं, एक सरदार हैं! सरदार किसी से नहीं डरता। वे बहुत मज़बूत होते हैं लेकिन दिमाग़ कम होता है। कोई भी उन्हें ताक़त से नहीं बल्कि प्यार और स्नेह के साथ जीत सकता है।' 

इसके आगे बिप्लब कुमार देब ने कहा था, 'मैं आपको हरियाणा के जाटों के बारे में बताता हूँ। तो लोग जाटों के बारे में कैसे बात करते हैं... वे कहते हैं... जाट कम बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। यदि आप एक जाट को चुनौती देते हैं, तो वह अपनी बंदूक़ अपने घर से बाहर ले आएगा।' बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफ़ी माँगी थी।

'महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट’

बिप्लब देब के सबसे चर्चित बयानों में से एक 'महाभारत काल में इंटरनेट और सैटेलाइट होने' का है। उन्होंने अप्रैल 2018 में अगरतला में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि देश में महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएँ उपलब्ध थीं, जिनमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे। उन्होंने कहा था- 'महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर धृतराष्ट्र को बताया था कि कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध में क्या हो रहा है। संजय इतनी दूर रहकर आँख से कैसे देख सकते हैं, सो, इसका मतलब है कि उस समय भी तकनीक, इंटरनेट और सैटेलाइट था।'

बिप्लब देब ने युवाओं को नौकरियों के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह दी थी। 2018 में ही अप्रैल महीने में उन्होंने कहा था कि युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अब तक 5 लाख रुपए जमा होते। उन्होंने पशु पालने की भी नसीहत दी थी।

 - Satya Hindi

बिप्लब देब ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए। समाज का निर्माण करना है। ऐसे में सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है।'

'डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं’

बिप्लब देब ने मिस वर्ल्ड डायना हेडन को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'डायना हेडन इंडियन ब्यूटी नहीं हैं। डायना हेडन की जीत फिक्स थी। डायना हेडन भारतीय महिलाओं की सुंदरता का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। ऐश्वर्या राय करती हैं।' हालाँकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान पर ख़ेद भी जताया था।

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