बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जेडीयू ने मंगलवार को अपने नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। जेडीयू ने पार्टी के प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक सहित प्रदेश महासचिव अनिल कुमार, विपिन कुमार यादव को भी पद से हटा दिया है। इन नेताओं को पद से हटाए जाने का एलान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने किया।
डॉ. अजय आलोक तमाम टीवी चैनलों पर पार्टी का पक्ष रखते थे और पार्टी के चिर परिचित चेहरों में से एक थे। जेडीयू में बीते कुछ दिनों में हुआ यह एक और अहम घटनाक्रम है। पार्टी की इस कार्रवाई पर डॉ. अजय आलोक ने उन्हें मुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया है।
कुछ दिन पहले जेडीयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार भी नहीं बनाया था। अब आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बने रहने के लिए लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा।
आरसीपी सिंह के करीबी थे डॉ. आलोक
डॉ. अजय आलोक को जेडीयू में आरसीपी सिंह का करीबी माना जाता था। जेडीयू ने यह कार्रवाई करके संदेश दिया है कि पार्टी के अंदर आरसीपी सिंह के करीबियों का बने रह पाना बेहद मुश्किल होगा।
वैसे तो डॉ. अजय आलोक जेडीयू के प्रवक्ता थे लेकिन उनकी विचारधारा और उनके द्वारा कही जाने वाली बातों को लेकर उन्हें बीजेपी का नजदीकी समझा जाता था। देखना होगा कि आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह और डॉ. अजय आलोक क्या बीजेपी का दामन थामेंगे।
उधर, बिहार की सियासत के एक बार फिर करवट लेने की आहट बीते दिनों सुनाई दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी दल आरजेडी के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं और इसे लेकर चर्चा शुरू हुई क्या नीतीश कुमार और आरजेडी के बीच में कोई सुलह-समझौता हो रहा है। नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी के साथ बिहार में सरकार चलाई थी लेकिन वह फिर से बीजेपी के साथ चले गए थे।