27 अक्टूबर 2021 को जहानाबाद ज़िले के करपी प्रखंड के सरकारी अस्पताल में जिन लोगों की आरटीपीसीआर से कोरोना जांच हुई उनमें नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका चोपड़ा, कैटरीना कैफ, अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय जैसे नाम भी शामिल हैं। खैरियत यह समझिए कि सबकी जांच रिपोर्ट निगेटिव दिखायी गयी थी।
कोरोना जांच के नाम पर यह मजाक इस हद तक किया गया है कि इस फर्जी जांच में नरेन्द्र मोदी का नाम तीन बार, प्रियंका चोपड़ा का नाम आधा दर्जन बार, अक्षय कुमार का नाम चार बार और अमित शाह का नाम दो बार दर्ज किया गया है।
इन सब नामचीन हस्तियों का पता करपी प्रखंड के विभिन्न गांवों में दिखाया गया है। हालाँकि इन नामों के साथ जो फोन नंबर दर्ज किये गये हैं वे बक्सर, पटना, झुमरी तिलैया से लेकर हरिद्वार तक के निकले हैं। हालाँकि कुछ नंबर अरवल ज़िले के भी निकले हैं। उदाहरण के लिए जो टेलीफोन नंबर प्रियंका चोपड़ा के नाम से दर्ज किया गया है वह अरवल ज़िले के कलेर का निकला है।
बिहार में ऐसे मजाक पर किसी को ताज्जुब नहीं हुआ लेकिन यह जानने में सबकी दिलचस्पी ज़रूर थी कि इसका भंडाफोड़ अब कैसे हुआ?
हमारी पड़ताल में यह बात पता चली कि यह मामला अब भी उजागर नहीं होता यदि इस काम में लगाये गये निजी कंपनी के उन दो डेटा एंट्री ऑपरेटरों को वापस नौकरी पर रख लिया जाता जिन्हें ऐसे मजाक के बाद हटा दिया गया था। हालाँकि प्रशासन द्वारा यह कहा जा रहा है कि उन्हें हटाया गया है लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि कब हटाया गया है।
वैसे, इन डेटा ऑपरेटरों का इल्जाम है कि उनपर अधिक से अधिक जांच का दबाव था, इसलिए ऐसे नाम जोड़ दिये गये और यह उम्मीद थी कि कोई इसकी पड़ताल नहीं करेगा।
एक और अजीब बात यह सामने आयी कि जब बिहार के बाक़ी अस्पतालों में कोरोना जांच बंद हो गयी थी, प्रखंड के अस्पतालों में गिनती पूरी करने के लिए यह जांच जारी थी और अब भी जारी है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह बयान दिया है कि पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अरवल की डीएम जे. प्रियर्शनी से अरवल में डेटा एंट्री की जांच के लिए कहा गया है।
इधर, अरवल की डीएम ने कहा है कि डेटा ऑपरेटरों के अलावा करपी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशिकांत पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही वहां के हेल्थ मैनेजर पर मामला दर्ज कराये जाने की बात कही है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. अरविन्द कुमार ने कहा कि डेटा ऑपरेटरों की हरकत की वजह से जिले की बदनामी हुई है और दोनों पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक संजय कुमार सिंह भी इसे बदमाशी मानते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जाँच में यह भी पता लगाया जाएगा कि वास्तव में किसकी जाँच की गयी और उनकी जगह ऐसे प्रतिष्ठित लोगों का नाम जोड़ दिया गया।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है कि देश में सबसे फिसड्डी बिहार का स्वास्थ्य विभाग है जो भ्रष्टाचार, हेराफेरी, उपकरणों की चोरी, जांच में धांधली और आंकड़ों की जालसाजी के लिए कुख्यात है। उन्होंने आरोप लगाया कि आकंड़े बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका चोपड़ा को भी ट्रिपल डोज वैक्सीन लगवा दी।
इससे पहले फ़रवरी में भी बिहार के जमुई और शेखपुरा ज़िलों में कोरोना की फर्जी जांच का मामला सामने आया था। उस समय खानापूरी के लिए दस शून्य वाला फोन नंबर भी दर्ज कर दिया गया था।
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना जांच के लिए अधिक से अधिक संख्या दिखाने के चक्कर में पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है जिसकी जांच की आंच बड़े-बड़े लोगों तक पहुंच सकती है।
कोरोना जांच के साथ-साथ बिहार में कोरोना से बचाव के लिए लगाये जा रहे टीके के ब्योरों पर भी सवाल उठाये जाते रहे हैं। कई लोगों ने बिना टीका लगाये टीका लगाने का संदेश मिलने की शिकायत की है।