कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को पत्र लिख कर मांग की है कि कांग्रेस पार्टी के दो विधायक मुरारी प्रसाद गौतम और सिद्धार्थ सौरभ की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी जाए।
इन दोनों कांग्रेसी विधायकों पर आरोप है कि इन्होंने अब पाला बदलते हुए सत्ता पक्ष का दामन थाम लिया है। अखिलेश सिंह के पत्र में कहा गया है कि 27 फरवरी को इन दोनों विधायकों ने विधानसभा में दूसरी पाली की बैठक शुरु होने के बाद अपने लिए निर्धारित सीट पर बैठने के बजाए सत्तारूढ़ दल के लिए निर्धारित सीट पर जाकर बैठ गए थे।
अखिलेश सिंह का यह पत्र और इन दोनों विधायकों के बिहार कांग्रेस से टूटने की खबर ऐसे समय में आई है जब पिछले दिनों ही पार्टी ने अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हैदराबाद शिफ्ट किया था।
नीतीश सरकार के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के समय भी कांग्रेस के विधायकों के टूटने की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि तब पार्टी ने अपने विधायकों को टूटने से बचा लिया था। वहीं अब जब लोकसभा चुनाव करीब है तब इन दो विधायकों के टूटने की खबर से सामने आने के बाद कांग्रेस की परेशानी बढ़ी है।
इस बीच बुधवार को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा है कि हमारे विधायक तोड़े गए हैं। इसी तरह से दूसरे दलों के भी तोड़े जायेंगे। हमलोग अभी चुप हैं लेकिन जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अगर इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम इसे कोर्ट में लेकर जायेंगे।
अखिलेश सिंह ने अपने आवेदन में यह कहा है
बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को लिखे अपने आवेदन में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने मांग की है कि विधायक मुरारी प्रसाद गौतम और सिद्धार्थ सौरव द्वारा दल विरोधी कार्य किये जाने के कारण दसवीं अनुसूची के 2 (1) (ए) तहत उनकी सदस्यता खत्म की जाए।उन्होंने 27 फरवरी को इन दोनों के सत्तारूढ़ दल के लिए निर्धारित सीट पर बैठने की घटना का स्क्रीन शॉट भी विधानसभा अध्यक्ष को दिया है। उन्होंने कहा है कि, उनका यह आचरण परिलक्षित करता है कि उन्होंने अपने स्थान का स्वेच्छया परित्याग कर दिया है और अब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में रहने के इच्छुक नहीं हैं।
अखिलेश सिंह ने इस आवेदन में लिखा है कि इन दोनों के बारे में अखबारों में यह खबरें भी छपी हैं कि दोनों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है।
जबकि दोनों सदस्यों ने वर्ष 2020 में 17वीं बिहार विधान सभा का चुनाव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ा और विजयी घोषित हुए थे।
बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के विधानसभा अध्यक्ष को लिखे इस पत्र के बाद साफ है कि अब कांग्रेस पार्टी बगावत रोकने के लिए सख्त रूख अपना चुकी है। हालांकि कि सूत्रों का दावा है कि लोकसभा चुनाव तक बिहार में कई और कांग्रेसी नेता भाजपा-जदयू की सदस्यता ले सकते हैं।