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बीपीएससी आंदोलनः गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद प्रशांत किशोर को बेल 

बीपीएससी आंदोलनः गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद प्रशांत किशोर को बेल 

प्रशांत किशोर को सोमवार 6 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। किशोर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे। हालांकि उनका यह आंदोलन विवाद में रहा, क्योंकि जब पिछले हफ्ते प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ तो उन पर वहां से खिसकने का आरोप लगा था। वे प्रदर्शनकारियों से बहस करते भी नजर आये थे।

गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही प्रशांत किशोर को बिना शर्त जमानत दे दी गई। पिछले सप्ताह से आमरण अनशन पर बैठे किशोर को सोमवार तड़के हिरासत में लेने के बाद अदालत में पेश किया गया और जमानत की शर्तों से इनकार करने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि वह जेल में अपना अनशन जारी रखेंगे और जमानत नहीं मांगेंगे, क्योंकि इसकी शर्तों के अनुसार उन्हें किसी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होना पड़ेगा। पुलिस ने कहा कि किशोर को गांधी मैदान में अनशन करने के लिए गिरफ्तार किया गया, जहां अधिकारियों के अनुसार विरोध प्रदर्शन प्रतिबंधित है। 

इससे पहले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन करने के बाद सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था। किशोर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के कदाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसे रद्द करने की मांग कर रहे थे।

गांधी मैदान पुलिस ने आंदोलनकारियों से खाली करा लिया है। हालांकि पहले प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने की खबर आई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस ने किशोर और उनके समर्थकों को विरोध स्थल से हटा दिया है। प्रशांत किशोर के समर्थकों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए पटना एम्स ले गई।

पटना के जिला मजिस्ट्रेट चन्द्रशेखर सिंह ने कहा- “हां, गांधी मैदान में धरने पर बैठे किशोर और उनके समर्थकों को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।”

डीएम सिंह ने कहा कि विरोध "अवैध" था क्योंकि यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र के पास हो रहा था, उन्होंने कहा कि धरना गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आयोजित किया जा रहा था, एक ऐसी जगह जहां विरोध प्रदर्शन पर रोक है।

किशोर ने 13 दिसंबर, 2023 को आयोजित बीपीएससी परीक्षा का विरोध कर रहे सिविल सेवा उम्मीदवारों के समर्थन में 2 जनवरी को अपना उपवास शुरू किया था। प्रश्न पत्र लीक के आरोपों के बाद परीक्षा जांच के दायरे में आ गई, जिसके कारण इसे रद्द करने की मांग की गई। जवाब में, बीपीएससी ने चयनित उम्मीदवारों के एक समूह के लिए दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया।

4 जनवरी को पटना के 22 केंद्रों पर हुई पुन: परीक्षा में 12,012 में से लगभग 5,943 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिन्होंने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए थे। बीपीएससी ने बताया कि दोबारा परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की गई, जिसमें गड़बड़ी की कोई रिपोर्ट नहीं है।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि 13 दिसंबर की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया है, जिसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। जवाब में, बीपीएससी ने आरोपों को खारिज कर दिया और उन्हें परीक्षा प्रक्रिया को बदनाम करने की "साजिश" का हिस्सा करार दिया। हालाँकि, अशांति को शांत करने के लिए, आयोग ने 10,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए पुन: परीक्षा का आदेश दिया, जिन्हें पटना में एक ही परीक्षा केंद्र, बापू परीक्षा परिसर में नियुक्त किया गया था, जहाँ परीक्षा बाधित हुई थी।

प्रशांत किशोर का मौजूदा आंदोलन विवादों में भी था। पिछले हफ्ते उन्होंने प्रदर्शनकारियों से मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने को कहा था। जब प्रदर्शनकारी उधर बढ़े तो आरोप है कि प्रशांत किशोर वहां से खिसक गये। उसी दौरान के उनके कुछ वीडियो भी नजर आये, जिसमें वो आंदोलनकारियों से तीखी बहस करते भी दिखे। उन पर अभद्र व्यवहार का भी आरोप लगा। धरना स्थल के पास खड़ी प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन भी विवादों में आ गई। जिसे लेकर उन्होंने कहा था कि उसमें वे शौच के लिए जाते हैं।

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