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कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं है इन राज्यों के पास

कोरोना से लड़ने के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं है इन राज्यों के पास

क्या बिहार, उत्तर प्रदेश और असम कोरोना संकट से कामयाबी से लड़ सकते हैं? ये वो राज्य हैं जहाँ आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर जैसी बुनियादी मेडिकल उपकरणों की बेहद कमी है!

क्या बिहार, उत्तर प्रदेश और असम कोरोना संकट से कामयाबी से लड़ सकते हैं? ये वो राज्य हैं जहाँ आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर जैसी बुनियादी मेडिकल उपकरणों की बेहद कमी है !

केंद्र सरकार ने एक विस्तृत रिपोर्ट में कहा है कि किस तरह इन राज्यों में संक्रमण को रोकने और उसके उपचार के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं हैं। 

रिपोर्ट में बिहार, उत्तर प्रदेश और असम के नाम विशेष रूप से लिए गए हैं। इन राज्यों में सबसे अधिक ज़िले हैं, जहाँ उपकरणों की कमी है। इन राज्यों के पास पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बेड, वेंटीलेटर और आइसीयू बेड नहीं हैं।

आइसोलेशन बेड

केंद्र सरकार के आँकड़ों के अनुसार देश के 183 ज़िलों में 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं, लेकिन इनमें से 67 ज़िलों में संक्रमण पाया गया है। यानी, देश के कुल 67 ज़िले हैं ऐसे हैं, जहाँ कोरोना संक्रमण पाया गया है, लेकिन यह भी पाया गया है कि इनके पास 100 आइसोलेशन बेड भी नहीं हैं। 

उत्तर प्रदेश की स्थिति सबसे अधिक बुरी है। राज्य के 75 ज़िलों में 53 ज़िले ऐसे हैं, जहाँ 100 से कम आइसोलेसन बेड हैं। लेकिन इनमें से 31 ज़िलों में संक्रमण पाया गया है। यानी उत्तर प्रदेश के 31 ज़िले ऐसे हैं जहाँ कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए 100 आइसोलेशन बेड तक नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर, फ़िरोज़ाबाद और रायबरेली की स्थिति सबसे बुरी है।

केंद्र की इस सूची में बिहार दूसरे नंबर पर है। राज्य के 38 ज़िलों में से 20 ऐसे हैं, जहाँ 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं और इनमें से 9 ज़िलों में संक्रमण पाया जा चुका है। 

बिहार के 9 ज़िले ऐसे हैं, जहाँ कोरोना संक्रमण है लेकिन उनके पास इसके रोगियों के इलाज के लिए 100 आइसोलेशन बेड तक नहीं हैं।

आइसीयू बेड

केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में इस पर ज़ोर दिया है कि तुरन्त बड़े पैमाने पर आइसीयू बेड बनाया जाना चाहिए। इसकी वजह यह है कि देश के 143 ज़िलों में एक भी आइसीयू बेड नहीं है, इनमें से 47 ज़िलों में संक्रमण पाया गया है। 

केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 47 ज़िलों में कोरोना संक्रमण फ़ैल चुका है, लेकिन उनके पास एक भी आइसीयू बेड नहीं है।

उत्तर प्रदेश के 34 ज़िलों में एक भी आइसीयू बेड नहीं हैं और इनमें से 19 ज़िलों में कोरोना संक्रमण पाया गया है।  इस सूची में दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। इस राज्य के 31 ज़िलों में एक भी आइसीयू बेड नहीं हैं और इनमें से 11 ज़िलों में कोरोना फैल चुका है। इसके बाद स्थान बिहार का है। इस राज्य के 29 ज़िलों में एक भी आइसीयू बेड नहीं है और इनमें से 10 ज़िलों में कोरोना फैल चुका है। 

कुल मिला कर देश में 123 ऐसे ज़िले हैं, जिनके पास एक भी वेंटीलेटर नहीं है। इनमें से 39 ज़िलों में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। जिन 123 ज़िलों में एक भी वेंटीलेटर नहीं है, उनमें से 35 ज़िले उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद बिहार के 20 और असम के 17 ज़िलों के पास वेंटीलेटर नहीं है। 

रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि 2 मई तक मुंबई में 9,632 मामले हो सकते हैं, पर उस समय वहां पर्याप्त संख्या में ऐसे बेड नहीं हैं, जिनके साथ ऑक्सीजन की सुविधा हो।

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