नीतीश ने 'पलटी' मारी तो लालू की RJD को 8 MLAs सरकार बचाने के लिए कैसे मिलेंगे
बिहार में राजनीतिक पैंतरेबाजी गुरुवार को चरम पर पहुंच गई। नीतीश कुमार बुधवार से पलटी मारने की मुद्रा में नजर आ रहे हैं लेकिन गुरुवार को कुछ घटनाक्रम ने स्थिति और साफ कर दी। गुरुवार को कैबिनेट मीटिंग 20 मिनट में खत्म हो गई। जेडीयू और आरजेडी में संवादहीनता की स्थिति आ गई है। यह सब आरजेडी संस्थापक लालू यादव की बेटी रोहिणा आचार्य के ट्वीट से सामने आया। हालांकि बाद में ट्वीट हटा लिया गया। लेकिन कैबिनेट बैठक के बाद होने वाली मीडिया ब्रीफिंग टाल दी गई। जेडीयू के सभी विधायकों को पटना बुलाया गया है। नीतीश के सभी कार्यक्रम टाल दिए गए हैं। बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और जेडीयू नेता केसी त्यागी दिल्ली रवाना हो चुके हैं। इंडिया गठबंधन का सफीना किनारे लगने की बजाय डूबता नजर आ रहा है।
पटना से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक विश्लेषकों के पास सूचनाएं ही सूचनाएं हैं। खबर आ रही है कि लालू यादव खेमे ने विधायकों की संख्या के मामले में 122 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए गिनती शुरू कर दी है। आरजेडी विधायकों का समर्थन जुटाने के लिए अपने दूतों को दौड़ा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर नीतीश पलटी मारते हैं तो आरजेडी को सरकार बनाने के जादुई आंकड़े 122 तक पहुंचने के लिए आठ और विधायकों की जरूरत होगी। आरजेडी राज्य विधानसभा में प्रमुख पावर का रुतबा पाने के लिए पूरी ताकत लगाने में जुट गई है।
सूत्रों का कहना है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खेमे के चार अस्थायी विधायक, एआईएमआईएम का एक विधायक और एक अन्य निर्दलीय विधायक आरेजेडी के साथ जुड़ सकते हैं। लेकिन इसके बाद भी दो विधायकों की जरूरत पड़ेगी। तभी वो 122 के जादुई आंकड़े पर पहुंचेगी और सरकार का दावा पेश करेगी।
नीतीश ने ही पहल कीबिहार में गठबंधन को लगभग तोड़ने की स्थिति नीतीश ने पैदा की। सबसे पहले उन्होंने परिवारवाद राजनीति पर हमला बोलकर आरजेडी और कांग्रेस को निशाना बनाया। फिर 30 जनवरी को पुर्णिया में राहुल गांधी की आने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दूरी बनाई। उन्होंने अपने कई कार्यक्रम उस दिन घोषित कर दिए। जबकि इससे पहले वो राहुल गांधी का बिहार पहुंचने पर स्वागत करने वाले थे।
जेडीयू और आरजेडी के बीच मतभेद की अटकलें गुरुवार को फिर से उभर आईं जब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स (ट्विटर) की पोस्ट में वंशवादी राजनीति पर नीतीश कुमार की टिप्पणियों का जवाब दिया। हालांकि बाद में रोहिणी ने उस ट्वीट को हटा लिया।
सूत्रों का कहना है कि नीतीश के फिर से पलटी मारने और भाजपा के साथ 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। कहने वालों ने यह भी कहा है कि 4 फरवरी को नीतीश और पीएम मोदी संयुक्त रैली को संबोधित कर सकते हैं। लेकिन इसकी पुष्टि दोनों ही पक्षों की ओर से नहीं की गई। बस अटकलों का बाजार गर्म है।
इस बीच, इंडिया टुडे टीवी ने बताया कि बिहार बीजेपी प्रमुख सम्राट चौधरी केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के साथ पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। जेडीयू नेता केसी त्यागी भी दिल्ली आ गए हैं। समझा जाता है कि केसी त्यागी ही नीतीश की ओर से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत में बिचौलिए की भूमिका निभाएंगे।
उधर, पटना में जेडीयू नेता ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी और अन्य लोग मौजूदा घटनाक्रम पर चर्चा के लिए नीतीश कुमार के साथ बैठक कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा है कि लालू प्रसाद के जादुई संख्या (122) हासिल करने से पहले नीतीश कुमार बिहार विधानसभा को भंग करने पर विचार कर सकते हैं। बिहार और इंडिया की कहानी दिलचस्प हो गई है। जो विपक्ष और बिहार नीतीश कुमार के नेतृत्व में पीएम मोदी और भाजपा से टकराने चला था, वही अब मोदी के साथ जाने का संकेत दे रहा है।