तेजस्वी के हमले से तिलमिलाई बिहार सरकार मज़दूरों को रेल भाड़ा वापस करेगी
मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के ज़ोरदार हमले से तिलमिलाई बिहार सरकार ने कहा है कि बाहर से लौटे मज़दूरों को रेल भाड़ा वापस कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, हर मज़दूर को इसके अलावा 500 रुपए अलग से दिए जाएंगे ताकि वह बग़ैर किसी दिक्क़त के अपने घर पहुँच जाए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'हमने छात्रों को मुफ़्त उनके घर पहुँचाया, अब यह सुविधा प्रवासी मज़दूरों को भी दी जाएगी।'
विपक्ष का हमला
तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि दूसरे राज्यों में फँसे बिहारी मज़दूरों के लौटने का किराया उनकी पार्टी चुकाएगी। उन्होंने बिहार सरकार को संवेदनहीन क़रार देते हुए कहा था कि इन मज़दूरों के पास पहले से ही काम नहीं, पैसे नहीं हैं, कई के पास खाने-पीने का इंतजाम तक नहीं है और सरकार उनसे वापस आने के पैसे माँग रही है। इन मज़दूरों के लिए यह भाड़ा चुकाना मुमकिन नहीं है।
राजद के इस नेता ने तंज करते हुए कहा कि बिहार की डबल इंजन की यह सरकार मज़दरों को वापस नहीं ला सकती, टाल मटोल करती रही है। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम मज़दूरों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी।'
आदरणीय @NitishKumar जी, ग़रीब मज़दूरों की तरफ़ से 50 ट्रेनों का किराया राजद वहन करने के लिए एकदम तैयार है क्योंकि ड़बल इंजन सरकार सक्षम नहीं है।कृपया अब अविलंब प्रबन्ध करवाइए।@SushilModi जी- कुल जोड़ बता दिजीए, तुरंत चेक भिजवा दिया जाएगा। वैसे भी आपको खाता-बही देखने का शौक़ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य के 55 लाख लोग बाहर रहते हैं, जिनमें प्रवासी मज़दूरों की संख्या सबसे ज्यादा है। मदद माँगने वालों में सबसे ज्यादा संख्या दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में काम करने वाले मज़दूरों की है। वे लगातार फोन कर रहे है।
तमिलनाडु में काम करने वाले 32 हज़ार बिहारी मज़दूरों ने सरकार से मदद माँगी। दिल्ली से 16 हज़ार, जम्मू-कश्मीर से 16 हज़ार, गुजरात से 10 हज़ार, राजस्थान से 9 हज़ार मज़दूरों ने बिहार सरकार से संपर्क किया है। इसी तरह तेलंगाना से 5 हज़ार, पंजाब से 4 हज़ार और उत्तर प्रदेश से 3,200 मज़दूरों ने फ़ोन कर बिहार सरकार से मदद माँगी है।